Uttarakhand Tragedy Survivor Story; Man Risks Life to Save 12 Worker, Who Trapped In Tunnel After Glacier Burst | एक फोन कॉल ने टनल में फंसे 12 लोगों की जान बचाई; उम्मीद खो चुके लोगों को ITBP ने 7 घंटे में बचाया
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जोशीमठ23 मिनट पहले
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फोटो उस टनल की है, रविवार को जहां से 12 वर्कर्स को 7 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला गया था।
उत्तराखंड में रविवार को ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई। उस वक्त तपोवन इलाके की एक अंडरग्राउंड टनल में करीब 12 लोग मौजूद थे। अचानक आई बाढ़ की वजह से टनल में पानी और मलबा जमा हो गया। उन्हें बाहर निकलने का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था। सभी उम्मीद हार चुके थे। तभी वहां फंसे एक व्यक्ति को मोबाइल में नेटवर्क नजर आया। उसने अधिकारियों को जानकारी दी और इसके बाद इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने सभी को बचाया।
रेस्क्यू के बाद अस्पताल में भर्ती प्लांट के एक वर्कर ने बताया, ‘मैं चमोली में धाक गांव का रहने वाला हूं और तपोवन प्रोजेक्ट में काम करता हूं। फंसने के बाद हमने उम्मीद खो दी थी। फिर हमें थोड़ी रोशनी दिखी और सांस लेने के लिए कुछ हवा महसूस हुई। इसके बाद फोन कॉल से हमारी जिंदगी बच सकी।’
कुछ समझ पाते, इससे पहले ही टनल मलबे से भर गई
- टनल से रेस्क्यू किए गए नेपाल के रहने वाले बसंत ने बताया कि जब मलबा अंदर आया, तब हम टनल में करीब 300 मीटर अंदर थे। हम वहां फंस गए थे।
- तपोवन पावर प्रोजेक्ट के वर्कर लाल बहादुर के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि हमने देखा कि एक व्यक्ति चिल्ला रहा था कि बाहर आओ। जब तक हम कुछ कर पाते, भारी मात्रा में पानी और मलबा हमारी ओर आने लगा।
- जोशीमठ के रहने वाले विनोद सिंह पवार ने बताया कि वे छड़ों के जरिए सुरंग के अंदर आधे रास्ते तक चढ़ गए थे, लेकिन पानी आने से वे वहीं फंस गए।
टनल में 7 घंटे तक मौत से जूझते रहे वर्कर
ITBP ने बहादुर के साथ 11 लोगों को टनल से रेस्क्यू किया। इसके लिए रस्सियों, पुली और कारबाइनरों के जरिए एक खड़ी ढलान को ढहाया गया, तब जाकर रविवार शाम को सुरंग के संकरे इलाके से इन लोगों को बाहर निकाला जा सका। अधिकारियों ने बताया कि ये लोग करीब 7 घंटे (सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक) सुरंग में फंसे रहे। सभी काे हादसे की जगह से करीब 25 किमी दूर जोशीमठ में ITBP हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
पुल बहने की वजह से कटे गांवों तक राहत पहुंचा रहे
बॉर्डर फोर्स ने बाढ़ की वजह से कट गए कम से कम 9 गांवों में सोमवार को हवाई जहाज के जरिए खाने के पैकेट पहुंचाए। ITBP के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने बताया कि रैणी पुल (जो कि बाढ़ में बह गया) के पार करीब 9 गांव हैं। जोशमठ में हमारे बेस से फूड पैकेट लेकर चॉपर्स उन गांवों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।