Narendra Modi UK Prime Minister Boris Johnson virtual summit India UK ties | भारत और ब्रिटेन के बीच 2030 तक व्यापार दोगुना करने पर सहमति, डिफेंस सेक्टर में ब्रिटेन ने भारत को अहम सहयोगी माना
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नई दिल्ली12 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार शाम ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर बोरिस जॉनसन के साथ वर्चुअल समिट में हिस्सा लिया। (फाइल)
भारत और ब्रिटेन 9 साल में ट्रेड दोगुना करने पर सहमत हो गए हैं। बुधवार को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच वर्चुअल समिट में इस पर सहमित बनी। इस दौरान 2030 तक के लिए एक रोडमैप को भी मंजूरी दी गई। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ समिट के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसे कामयाब बताया। कहा- मेरे मित्र और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ समिट प्रोडक्टिव रही। हमने 2030 तक के लिए एक महात्वाकांक्षी रोडमैप को मंजूरी दी है। इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी बहुत मजबूत हो जाएगी।
ट्रेड ही नहीं, डिफेंस पर भी बराबरी का फोकस
मोदी और जॉनसन की समिट में एक बात गौर करने लायक रही। एक तरफ जहां दोनों देश व्यापार को दोगुना करने पर सहमत हुए हैं तो वहीं, डिफेंस सेक्टर में भी रणनीतिक साझेदारी बनाने पर राजी हो गए हैं। ये भी पहली बार ही है कि रक्षा क्षेत्र में सायबर स्पेस और नौसैनिक सहयोग और इंटेलिजेंस शेयरिंग पर सहमित बनी है। भारत के लिए यह साझेदारी इस लिहाज से बहुत अहम हो जाती है क्योंकि, उसको चीन और पाकिस्तान से खतरा रहता है।
कोविड-19 पर मदद बढ़ाएगा ब्रिटेन
भारत इन दिनों कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा है। देश में हर दिन तकरीबन 3 लाख संक्रमित मिल रहे हैं। कई देशों ने इस मुश्किल दौर में भारत की मदद की है। ब्रिटेन ने भी मदद मदद बढ़ाने का वादा किया है। इसके अलावा हेल्थ, टेक्नोलॉजी और एनर्जी सेक्टर में दोनों देश रोडमैप के हिसाब से सहयोग बढ़ाएंगे। भारत ने एक बार फिर कहा है कि वो क्लाइमेट के मुद्दे पर पेरिस एग्रीमेंट की शर्तों का पालन करेगा।
आतंकवाद पर सख्त
रोडमैप के कई मुद्दों के अलावा इसमें काउंटर टेरेरिज्म का भी जिक्र है। हाल ही में ब्रिटेन ने आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी एक नई नीति जारी की है। इसमें पॉलिसी रिव्यू के साथ आतंकवाद के खिलाफ दूसरे देशों से सहयोग का जिक्र है। 2019-20 में दोनों देशों के बीच 15.4 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा- बीते दो साल में दोनों देशों के बीच व्यापार काफी बढ़ा है। अर्थव्यवस्था के हिसाब से दोनों देश लगभग करीब हैं।