Furnish complete data on Covid vaccine purchase history says Supreme Court to Centre | सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन की खरीद पर पूरा डेटा मांगा, केंद्र बोला- अदालत सरकारी नीतियों में दखल नहीं दे सकती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पुतनिक वी सहित सभी कोविड टीकों की खरीद का डेटा प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने केंद्र से यह भी कहा कि केंद्र सरकार चरण 1, 2 और 3 में शेष आबादी का टीकाकरण कैसे और कब करना चाहती है, इसकी रूपरेखा प्रदान करें। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, एलएन राव और एस रवींद्र भट की एक स्पेशल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। 

सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि कोर्ट सरकारी नीतियों में दखल नहीं दे सकता। इस पर कोर्ट ने कहा- संविधान ने हमें जो भूमिका सौंपी है, हम उसका पालन कर रहे हैं। संविधान के मुताबिक, जब कार्यपालिका लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करे, तो न्यायपालिका मूकदर्शक न रहे। 

कोविड टीकों की खरीद का डेटा प्रस्तुत करने के आदेश में कोर्ट ने कहा कि डेटा में: (ए) सभी 3 टीकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए सभी खरीद आदेशों की तारीखें; (बी) प्रत्येक तिथि के अनुसार आदेशित टीकों की मात्रा; तथा (सी) आपूर्ति की अनुमानित तिथि होना चाहिए। 

कोर्ट ने पहले, दूसरे और तीसरे चरण में कितने लोग वैक्सीन लगवाने के लिए एलिजबल थे और इनमें से अब तक कितने प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है इसकी जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने इनमें सिंगल डोज और डबल डोज दोनों शामिल करने को कहा है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों और शहरी इलाकों में कितनी आबादी को वैक्सीन लगी, इसका आंकड़ा भी मांगा है।

बेंच ने पूछा कि वैक्सीनेशन के लिए आपने 35 हजार करोड़ का बजट रखा है, अब तक इसे कहां खर्च किया। कोर्ट ने केंद्र से वैक्सीन का हिसाब भी मांगा और ये भी पूछा कि ब्लैक फंगस इन्फेक्शन की दवा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। वहीं कोर्ट ने यह भी पूछा कि जिस कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन को जरूरी बताया जा रहा है, उसे नेत्रहीन कैसे इस्तेमाल करेंगे। देश की आधी आबादी के पास मोबाइल फोन नहीं है, वे कैसे वैक्सीनेशन कराएंगे।

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