former indian cricketer ashok dinda joins bjp in presence of babul supriyo
पश्चिम बंगाल की राजनीति में क्रिकेटरों की एंट्री भी शुरू हो चुकी है। मनोज तिवारी के टीएमसी जॉइन करने के कुछ घंटों बाद ही पूर्व भारतीय क्रिकेटर अशोक डिंडा ने बीजेपी का दामन थाम लिया। वह बुधवार को कोलकाता में एक रैली के दौरान पार्टी का हिस्सा बने। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। हाल ही में अशोक डिंडा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स से अपने रिटायरमेंट का ऐलान किया था। अशोक डिंडा ने टीम इंडिया के लिए 13 वनडे मैच और 9 टी-20 मैच खेले थे। वनडे मैचों में उनके खाते में 12 विकेट और टी-20 में 17 विकेट हाथ लगे थे।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी जॉइन करने वाले अशोक डिंडा को पार्टी की ओर से चुनावी समर में भी उतारा जा सकता है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि उन्हें किस सीट से उतारा जाएगा। उन्हें चुनाव में उतारने की एक वजह यह भी है कि पार्टी उनका सिलेब्रिटी स्टेटस भुनाना चाहेगी और उनके दम पर सीट जीत भी सकती है। अशोक डिंडा ने ट्वीट कर बीजेपी नेतृत्व का आभार जताया है। अशोक डिंडा ने लिखा, ‘मुझे बेहद खुशी है और मैं बीजेपी नेतृत्व का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे जनता की सेवा के लिए मौका दिया है। मैं पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और सुवेंदु अधिकारी को इसके लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। दादा और उनकी पूरी टीम ने हम पर भरोसा जताया है।’
I feel blessed to announce that I have been given an opportunity by @BJP4India to serve the people of this state.
I would want to thank @narendramodi Ji , @AmitShah Ji , @SuvenduWB Dada and the entire team for showing faith in me. pic.twitter.com/9nPmnWVtVN— Ashoke Dinda (@dindaashoke) February 24, 2021
सूबे में अप्रैल-मई के दौरान चुनाव हो सकते हैं। राज्य विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 30 मई को समाप्त हो रहा है। चुनाव से पहले बीजेपी ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश की सभी 294 विधानसभा सीटों में बीजेपी ने परिवर्तन यात्राएं निकाली हैं। बता दें कि क्रिकेटर मनोज तिवारी भी बुधवार को ही हुगली में सीएम ममता बनर्जी की रैली के दौरान टीएमसी में शामिल हो गए थे। मनोज तिवारी ने इससे पहले किसान आंदोलन को लेकर ट्विटर पर छिड़ी बहस के दौरान भी तमाम सिलेब्रिटीज और क्रिकेटर्स पर हमला बोला था। इससे संकेत मिल रहे थे कि वह सूबे की राजनीति में टीएमसी के जरिए एंट्री कर सकते हैं।