वीएम सिंह: Rashtriya Kisan Majdoor Sangthan VM Singh accused central government: 9 घंटे का फुटेज, राकेश टिकैत को बढ़ावा…कुछ यूं हुई किसान आंदोलन खत्म करने की साजिश: वीएम सिंह
हाइलाइट्स:
- राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने सरकार पर आंदोलन को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाया
- वीएम सिंह ने बताया कि वह अपने मकसद से पीछे नहीं हटे हैं और जल्द ही उनकी मुहिम एक नए स्वरूप में सामने आएगी
- वीएम सिंह का संगठन 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन से अलग हो गया था
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का अहम हिस्सा रहे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने सरकार पर आंदोलन को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया, ताकि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में ‘किसानों की सरकार’ नहीं बन पाए।
वीएम सिंह ने बताया कि वह अपने मकसद से पीछे नहीं हटे हैं और जल्द ही उनकी मुहिम एक नए स्वरूप में सामने आएगी। उन्होंने सरकार पर किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाया।
‘सरकार ने राकेश टिकैत को हवा दी’
वीएम सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘सरकार ने टिकैत को हवा दी। एक आदमी जिसके पास सिर्फ 300-400 लोग थे। बाकी हमारे लोग थे। जब आंदोलन वापस लेने की बात हुई तो सरकार को लगा कि अगर आंदोलन वापस हो जाएगा तो पूरा श्रेय वीएम सिंह को जाएगा, यह कि सिंह के आदमियों की वजह से यह आंदोलन खड़ा था।’
‘नौ घंटे फुटेज मिलेगी तो वह नेता बन ही जाएगा’
वीएम सिंह ने आरोप लगाया, ‘एक आदमी को नौ घंटे की फुटेज मिलेगी तो वह नेता तो बन ही जाएगा। यह पूरा खेल इसलिए हुआ है, ताकि 2022 में उत्तर प्रदेश में किसानों की सरकार न बनने पाए।’
दिल्ली हिंसा के बाद अलग हो गया था संगठन
बता दें कि वीएम सिंह का किसान संगठन 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन से अलग हो गया था। अपने फैसले पर उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन से वह भले ही अलग हो गए हों, लेकिन वह अपने मकसद से पीछे नहीं हटे हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने संगठन के साथियों से चर्चा कर रहा हूं। आंदोलन तो रहेगा बस इसका स्वरूप बदल जाएगा। हम जल्द ही एक नए स्वरूप के साथ आंदोलन शुरू करेंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी की उनकी मांग कोई नई नहीं। यह मांग अक्टूबर 2000 से चली आ रही है। यही आंदोलन आगे बढ़कर यहां तक पहुंचा है।’
‘मैंने तो आंदोलन का बीज बोया था’
किसान आंदोलन से अलग होने के कारण के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘मेरा मकसद आंदोलन को खराब करने का नहीं था, बल्कि मैंने तो आंदोलन का बीज बोया था। मैंने जो भी निर्णय लिया, वह नैतिकता के आधार पर और देशहित में था। अब दिल्ली की सीमा पर जो भी शेष आंदोलन रह गया है, वह राजनीतिक हो चुका है।’
‘अब सब कुछ राजनीतिक हो रहा है’
किसान नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘अब तो वहां कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल और आम आदमी पार्टी समेत कई दलों के नेता खुलकर बोलने लगे हैं। जब मैं वहां था तब मंच से कोई भी राजनीतिक व्यक्ति नहीं बोल सकता था। अब सब मंच पर हैं और सब कुछ राजनीतिक हो रहा है। समर्थन करना अलग बात है और खुलकर सामने आना अलग बात।’
वीएम सिंह