panchayat election news: Panchayat chunav me shikshakon ki maut: पंचायत चुनाव में शिक्षकों की मौत

हेमेन्द्र त्रिपाठी, लखनऊ
बीते दिनों यूपी में हुए पंचायत चुनाव के बीच ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों की मौतों को लेकर राज्य सरकार और शिक्षक संगठनों की ओर से अलग-अलग आंकड़े जारी किए जा रहे थे। जिसे लेकर बीते दिनों से नवभारत टाइम्स ऑनलाइन मृतकों के परिजनों और शिक्षक संगठनों से बातचीत कर लगातार मुहीम चला रहा था। जिसके चलते गुरुवार को मृतक शिक्षकों और कर्मचारियों के परिजनों को उस वक़्त न्याय की एक उम्मीद जगी, जब सीएम योगी ने चुनाव आयोग से गाइडलाइन्स में संशोधन करने का आग्रह किया।

एनबीटी ऑनलाइन की मुहिम का असर, सीएम ने लिया संज्ञान
पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी पर तैनात शिक्षक कर्मचारियों की मौत को लेकर सरकार की ओर से जारी हुए आंकड़ों में केवल 3 शिक्षकों की मौत को दर्शाया गया था। लेकिन शिक्षक संगठनों की मानें तो पंचायत चुनाव के बीच कुल 1621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन ने शिक्षा विभाग के मृत कर्मियों की मदद के लिए मुहिम चलाई थी। इस दौरान एक मृत शिक्षक के परिवार की हालत को लेकर भी रिपोर्ट की गई थी। अब इस मुहिम का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लेते हुए गुरुवार को चुनाव आयोग से अपनी गाइडलाइन्स में संशोधन करने के साथ ड्यूटी अवधि में कोरोना से संक्रमिति शिक्षक-कर्मचारियों की मौत को भी शामिल करने के लिए आग्रह किया है।

‘गाइडलाइंस में संशोधन को लेकर चुनाव आयोग से करें बात’
खबर प्रकाश में आने के बाद गुरुवार को सीएम योगी ने मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव को निर्देशित करते हुए कहा कि वे पंचायती राज, राज्य निर्वाचन आयोग से समन्वय स्थापित करके चुनाव आयोग से अपनी गाइडलाइन में संशोधन करने का अनुरोध करें। इसके साथ ही सीएम योगी ने चुनाव के दौरान ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा के अन्दर संक्रमण होने पर निधन होने इत्यादि की स्थिति को भी आयोग की गाइडलाइंस में सम्मलित करने पर विचार करने की बात कही है।

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शिक्षा मंत्री ने 3 मौतों पर दिया था यह तर्क
आपको बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने शिक्षक संगठनों के दावे को गलत ठहराते हुए कहा था कि स्थापित मानकों के हिसाब से देखें तो चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है। वहीं विभाग के सचिव सत्य प्रकाश की तरफ से जारी प्रेस नोट में भी मतगणना में लगे कर्मचारियों के निवास से ड्यूटी स्थल तक पहुंचने और फिर ड्यूटी समाप्त कर वापस घर पहुंचने के दौरान 3 कर्मचारियों की मौत की बात कही गई थी। वहीं शिक्षक संघ का कहना था कि पंचायत चुनाव की ट्रेनिंग से लेकर मतगणना के बीच संक्रमित होकर मरने वाले शिक्षाकर्मियों को मुआवजा दिया जाए।

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