इंग्लैंड में ओमिक्रॉन से पहली मौत की पुष्टि, अप्रैल तक 75 हजार मौतें होने का अंदेशा
इंग्लैंड में ओमिक्रॉन से पहली मौत की पुष्टि, अप्रैल तक 75 हजार मौतें होने का अंदेशा
यूनाइटेड किंगडम ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से पहली मौत की पुष्टि कर दी है. देश के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने खुद इसकी जानकारी दी है. यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है, जब एक हालिया रिसर्च में दावा किया गया है कि अगले साल अप्रैल तक यूके में ओमिक्रॉन वेरिएंट से 75 हजार लोगों की मौत हो सकती है.
साउथ अफ्रीका के अलावा यूनाइटेड किंगडम में ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है. WHO के हाल में दिए एक बयान के मुताबिक, बीती 10 दिसंबर तक तक इस वेरिएंट से कहीं भी किसी की मौत नहीं हुई थी. साउथ अफ्रीका में वीकली डेथ का आंकड़ा दोगुना जरूर हुआ है, लेकिन वहां की सरकार ने अब तक ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है कि ओमिक्रॉन से वहां लोगों की मौत हो रही है. ऐसे में यूके से आई जानकारी को ओमिक्रॉन का पहला डेथ केस कहा जा सकता है.
ये चिंताजनक खबर इस बात को और गंभीर बना देती है कि वैज्ञानिक अभी यह भी नहीं पता लगा पाए हैं कि इस वेरिएंट पर कोविड की मौजूदा वैक्सीन काम करेंगी या नहीं.
यूके में हालात गंभीर
अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक बोरिस जॉनसन ने कहा,
“ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों को ना केवल अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है बल्कि इससे एक व्यक्ति की जान भी गई है. यह दुखद है. मेरे विचार में अभी इस निष्कर्ष पर पहुंचना सही नहीं होगा कि यह कोरोना वायरस का कम शक्तिशाली वेरिएंट है. हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि यह बहुत तेजी से फैल रहा है और अभी सबसे महत्वपूर्ण चीज यही है कि लोग बूस्टर डोज ले लें.”
बोरिस जॉनसन ने 12 दिसंबर को राष्ट्र को संबोधित भी किया. इस संबोधन में उन्होंने देशवासियों को तेजी से आ रहे ओमिक्रॉन के खतरे के प्रति आगाह किया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जॉनसन ने कहा,
“इस नए ओमिक्रॉन वेरिएंट ने हमारे सामने एक आपात स्थिति खड़ी कर दी है. हमें इस वेरिएंट से लड़ाई में अपने चारों तरफ वैक्सीन का सुरक्षा घेरा खड़ा करना होगा.”
जॉनसन ने कहा कि बूस्टर डोज कैम्पेन 18 से अधिक उम्र के लोगों पर फोकस करके चलाया जाएगा. यूनाइटेड किंगडम के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने भी 13 दिसंबर को बोरिस जॉनसन के संदेश को दोहराया. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है और दो से तीन दिन में संक्रमण दोगुना होता जा रहा है. जाविद ने बताया कि ओमिक्रॉन की वजह से इंग्लैंड में अभी तक 10 लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है.
इससे पहले लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और दक्षिण अफ्रीका की स्टेलबॉक यूनिवर्सिटी ने एक संयुक्त अध्ययन में दावा किया कि अप्रैल के आखिर तक यूके में ओमिक्रॉन वेरिएंट से 75 हजार लोगों की जान जान सकती है. इस स्टडी के लिए अलग-अलग डाटा का विश्लेषण किया गया है. हालांकि, सबसे अधिक ध्यान ओमिक्रॉन के फैलने की दर पर दिया गया है.
वहीं अगर भारत में ओमिक्रॉन से होने वाले कोरोना संक्रमण की बात करें, तो अब तक देश में इसके 38 मामले सामने आ चुके हैं. हाल-फिलहाल में चंडीगढ़, केरल और आंध्र प्रदेश में इस नए वेरिएंट के मामले सामने आए हैं. दूसरी तरफ, एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीनोम सीक्वेंसिंग की धीमी गति के कारण देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के असल मामलों का पता नहीं चल रहा है. असल आंकड़ा मौजूदा मामलों से अधिक हो सकता है.