Registration will be done on CoWIN app to get vaccine, government will soon release the app | वैक्सीन लगवाने के लिए कहां और कैसे होगा रजिस्ट्रेशन, कौन लोग टॉप प्रायोरिटी में रहेंगे? पढ़ें रिपोर्ट
- Hindi News
- National
- Registration Will Be Done On CoWIN App To Get Vaccine, Government Will Soon Release The App
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
नई दिल्ली10 दिन पहले
- कॉपी लिंक
देश में 16 जनवरी से कोरोना का वैक्सीनेशन अभियान शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना टीकाकरण की तैयारियों को लेकर बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया है। मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत दो मेड इन इंडिया वैक्सीन के साथ मानवता की रक्षा के लिए तैयार है। पहले चरण में 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को मुफ्त वैक्सीन लगेगी। फिर 50 से अधिक उम्र के 26 करोड़ और 50 साल से कम उम्र के एक करोड़ ऐसे लोग जिन्हें गंभीर बीमारी है, उन्हें टीका लगेगा।
अगले 1-2 दिन में वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बॉयोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट से करार हो जाएगा। अभी स्पष्ट नहीं है कि ये दो कंपनियां किस दर पर वैक्सीन देगी। सीरम ने 200 रुपए प्रति डोज कीमत रखी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 12 जनवरी तक राज्यों के कोल्ड चेन सेंटर तक वैक्सीन पहुंचा दी जाएगी। ताकि राज्य सरकारों द्वारा अलग-अलग जिलों और वैक्सीनेशन सेंटर तक वैक्सीन समय पर पहुंच जाए।
5 सवाल, आप जिनके जवाब जानना चाहते हैं
1. मुझे वैक्सीन कब लगेगी?
अभी 50 वर्ष से ऊपर की दो कैटेगरी हैं। एक जिनकी उम्र 60 वर्ष या इससे ज्यादा होगी, वैक्सीन लगाने में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद 50 से 60 वर्ष वाले उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। एक जनवरी 1971 से पहले जिनका जन्म हुआ है, वे इस समूह में शामिल माने जाएंगे। सरकार वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर तय करेगी कि अन्य लोगों को वैक्सीन कब से लगेगी।
2. हमें वैक्सीन लगवाने के लिए क्या करना होगा?
कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। सरकार ने अभी यह ऐप जारी नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कोविन वैक्सीन डिलीवरी मैनेजमेंट सिस्टम की समीक्षा की है। रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन के वक्त सरकारी फोटो आईडी दिखानी होगी। हालांकि एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स और दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स का डेटा केंद्र और राज्य सरकारों के पास है। इसमें स्वच्छताकर्मी भी हैं। सरकार कोविन ऐप में 79 लाख ऐसे लोगों का डेटा भर चुकी है। इसलिए इन तीन करोड़ लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
3. मुझे गंभीर बीमारी है, सरकार यह कैसे तय करेगी?
50 वर्ष से कम उम्र के ऐसे लोग जिन्हें गंभीर बीमारी होगी उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। ऐसे मरीजों को अपनी बीमारी का प्रमाण देना होगा और उसी आधार पर उनका कोविन पर रजिस्ट्रेशन होगा।
4. हमें किस कंपनी की वैक्सीन लगाई जाएगी?
सूत्रों की मानें तो पहले दौर में सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड वैक्सीन राज्य सरकारों को भेजी जाएगी, क्योंकि अभी तक भारत बॉयोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन हिमाचल के कसौली स्थित सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी से जांच होकर नहीं आई है। कोवैक्सिन की 25 लाख डोज जांच के लिए भेजी गई हैं। इसमें कम से कम 14 दिनों का समय लगता है। यदि बिना समय गंवाए भी वैक्सीन जांच कर उपयोग की इजाजत दी जाती है तो इसमें 11 से 12 जनवरी तक का समय लग सकता है। इसके बाद केन्द्र तक पहुंचने में एक से दो दिन की और देरी भी हो सकती है।
5. क्या बाजार से वैक्सीन खरीदकर लगवाई जा सकेगी?
अभी सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है। भविष्य में सरकार इस पर फैसला ले सकती है। फिलहाल सीरम की कोवीशील्ड वैक्सीन के करीब तीन करोड़ डोज सभी प्रक्रियाओं को पूरी करने के बाद राज्यों को भेजे जाने के लिए तैयार हैं। वैक्सीन की शीशी पर नॉट फॉर सेल और इम्यूनाइजेशन कार्यक्रम वाले रैपर लगे हैं, ताकि वैक्सीन को खुले बाजार में नहीं उतारा जा सके और इसकी कालाबाजारी भी रोकी जा सके। दो करोड़ से ज्यादा डोज सीरम की फैक्ट्री में बन कर तैयार हैं। इस बैच को भी जल्द जांच के लिए सीडीएल भेजा जाएगा। मंजूरी के बाद यह खेप राज्यों को भेज जी जाएगी।