200 terrorists mostly from Hizbul killed this year in J-K, maximum encounters in Pulwama, Shopian | इस साल सुरक्षाबलों ने 200 आतंकियों को मार गिराया; पिछले साल के मुकाबले 43 दहशतगर्द ज्यादा ढेर हुए

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6 मिनट पहले

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इस साल जून में सुरक्षाबलों ने सबसे ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। (फाइल फोटो)

जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने इस साल 10 महीने के अंदर करीब 200 आतंकियों का एनकाउंटर किया है। ये आंकड़े जनवरी से लेकर अक्टूबर तक के हैं। पिछले साल के मुकाबले अब तक 43 ज्यादा आतंकी ढेर हो चुके हैं। 2019 में 157 आतंकियों का एनकाउंटर हुआ था। सीआरपीएफ, सेना और पुलिस के ज्वाइंट डेटा के अनुसार सबसे ज्यादा जून महीने में 49 आतंकी मारे गए हैं। पिछले साल जून के मुकाबले ये आंकड़े डबल हैं। अप्रैल में 28 और जुलाई और अक्टूबर में 21-21 आतंकियों का एनकाउंटर हुआ। ओवरऑल आंकड़े देखें तो इस बार दक्षिण कश्मीर में कुल 138 एनकाउंटर हुए हैं। इनमें शोपियां में 49 और पुलवामा में 49 दहशतगर्द ढेर किए गए हैं।

सबसे ज्यादा हिजबुल के आतंकी मारे गए
सुरक्षाबलों के डेटा के अनुसार मारे गए आतंकियों में सबसे ज्यादा हिजबुल मुजाहिद्दीन के थे। इनके 72 सदस्यों का एनकाउंटर हुआ है, जबकि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के 59 आतंकी मारे गए हैं। न्यूज एजेंसी ने बताया कि शोपियां और पुलवामा में आतंकी संगठन ज्यादा सक्रिय हैं। यहां के युवाओं को गुमराह करके संगठन में शामिल कराया जा रहा है।

पुलवामा और शोपियां में सबसे ज्यादा एनकाउंटर
ओवरऑल आंकड़े देखें तो इस बार दक्षिण कश्मीर में कुल 138 एनकाउंटर हुए हैं। यहां शोपियां और पुलवामा में आतंकी संगठन ज्यादा सक्रिय हैं। यहां के युवाओं को गुमराह करके संगठन में शामिल कराया जा रहा है। यही कारण है कि इस साल शोपियां में 49 और पुलवामा में 49 दहशतगर्द ढेर किए गए हैं।

सबसे ज्यादा हिजबुल के आतंकी मारे गए
सुरक्षाबलों के डेटा के अनुसार मारे गए आतंकियों में सबसे ज्यादा हिजबुल मुजाहिद्दीन के थे। पाकिस्तान आर्मी से चलने वाले इस आतंकी संगठन के 72 सदस्यों का एनकाउंटर हुआ है, जबकि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के 59 आतंकी मारे गए हैं। इसी तरह 37 आतंकी जैश-ए-मोहम्मद और 32 आतंकी IS जैसे अन्य आतंकी संगठन के सदस्य थे।

आतंकी संगठनों को मिली अलग-अलग जिम्मेदारी
इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक हिजबुल और लश्कर के आतंकियों को अलग-अलग टारगेट पाकिस्तान की तरफ से दिए गए हैं। इसके मुताबिक, हिजबुल के आतंकियों से कहा गया है कि वह जम्मू कश्मीर में लोकल लोगों को टारगेट करें। वहीं, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को सुरक्षाबलों और राजनीतिक हस्तियों को निशाना बनाने को कहा गया है।

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