ब्राजील में Apple iPhone बॉक्स में चार्जर देने पर मजबूर, भारत में क्यों नहीं?

ब्राजील में Apple iPhone बॉक्स में चार्जर देने पर मजबूर, भारत में क्यों नहीं?

Apple iPhone के साथ अब चार्जिंग सॉकेट नहीं दिए जाते हैं. लेकिन फ्रांस में ऐसा नहीं है, वहां के कानून के मुताबिक कंपनी को बॉक्स में इयरफोन्स भी देने होते हैं. अब ब्राजील के साओ पोलो ने ऐपल से बॉक्स में चार्जिंग सॉकेट शामिल करने का आदेश दिया है.

Apple ने इस iPhone 12 सीरीज के लॉन्च के साथ ही बेहद अजीब फ़ैसला लिया. इसके तहत कंपनी ने कार्बन एमिशन कम करने का हवाला देते हुए बॉक्स में चार्जर और इयरफोन्स न देने का फैसला किया.

लेकिन कंपनी अलग से चार्जर बेच रही है और चार्जर के साथ इतने पेपर्स (मैनुअल) होते हैं, जिन्हें देख कर लगता है ऐपल द्वार चार्जर न दिए जाने का फैसला महज पैसा कमाना है.

अगर सच में ऐपल ने सिर्फ पर्यावरण बचाने के मकसद से ऐसा किया था तो तो इसे बचाने के कई और तरीक़े हैं. छोटा उदाहरण यही है कंपनी अगर अलग से चार्जर बेचती है तो कम से कम पेड़ों को बचाने के लिए इतने सारे काग़ज़ के मैनुअल तो नहीं ही देती. अगल से खरीदे गए चार्जर में कई पन्नों का मैनुअल होता है जो कागज का बना होता है.

बहरहाल, ख़बर ये है कि ब्राज़ील ने Apple से कहा है कि वहाँ को कस्टमर्स को बॉक्स में चार्जर भी दे. हालाँकि फ़्रांस में भी वहाँ के लोकल क़ानून का पालन करने के लिए ऐपल को iPhone के साथ बॉक्स में  इयरफोन्स देना पड़ता है. अब ब्राजील में भी देना होगा.

ब्राज़ील की तरफ़ से अमेरिकी कंपनी को ये आदेश दिया गया है कि वहाँ के कस्टमर्स को कंपनी iPhone के साथ बॉक्स में चार्जर भी उपलब्ध कराए. ब्राज़ील के साओ पोलो स्टेट ने ऐपल को आदेश दिया है कि iPhone के बॉक्स में पावर ब्रिक शामिल करे. फ़िलहाल कंपनी बॉक्स में सिर्फ़ केबल ही दे रही है.

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आदेश के बाद अब ऐपल को न सिर्फ़ iPhone 12 सीरीज़, बल्कि iPhone के दूसरे नए और पुराने मॉडल्स में भी चार्जर देना होगा.

Folha de S.Paulo न्यूज पब्लिकेशन के मुताबिक़ ये फ़ैसला कोर्ट ने लिया है और इसे साओ पोलो की कंज्यूमर प्रोटेक्शन एजेंसी Procan-SP ने कन्फर्म किया है. इस एजेंसी ने ऐपल को अक्टूबर में ऐपल से ये एक्स्प्लेन करने को कहा था कि iPhone के रीटेल बॉक्स में चार्जर क्यों नहीं दिया जा रहा है.

ब्राज़ील की इस कंज्यूमर प्रोटेकेशन एजेंसी को ऐपल ने जो जवाब दिया उससे एजेंसी संतुष्ट नहीं है. ऐपल का जवाब ये था कि ज़्यादातर iPhone यूज़र्स के पास पुराने iPhone का चार्जर रहता है और ऐसे में हर बॉक्स से चार्जर हटाने की वजह से कार्बन एमिशन भी कम किया जा सकता है.

कंज्यूमर प्रोटेक्शन एजेंसी को ऐपल की ये दलील ठोस नहीं लगी. इस एजेंसी के मुताबिक़ किसी भी प्रोडक्ट के लिए चार्जर एक मुख्य हिस्सा है और इसे बॉक्स में न देना ब्राजिलियन कंज्यूमर डिफ़ेंस कोड स्टैंडर्ड के ख़िलाफ़ है. एजेंसी ने ये भी कहा है कि ऐपल इस बात की कोई ठोस प्रमाण देने में भी फेल है जिससे ये माना जा सके कि बॉक्स में चार्जर न दिए जाने की वजह पर्यावरण की रक्षा हो रही है.

इस एजेंसी ने ये भी कहा है कि ऐपल ने ये भी नहीं कहा है कि कंपनी उन कस्टमर्स को उसी तरह से टेक्निकल सपोर्ट देगी जैसे ऐपल के चार्जर ख़रीदने पर देती है.

रिपोर्ट के मुताबिक़ फ़िलहाल ऐपल के ख़िलाफ़ जो ये आदेश है वो साओ पोलो स्टेट में ही लागू होगा. लेकिन ब्राज़ील के नेशनल कंज्यूमर सेक्रेटरी ने इस आदेश को पूरे देश में लागू करने की भी बात कर रहे हैं.

क्या भारत में भी ऐसे फैसला होना चाहिए?

फ़्रांस और ब्राज़ील के बाद क्या भारत में भी कंपनी को iPhone के बॉक्स में चार्जर और इयरफोन्स देना चाहिए? चूँकि भारत में बजट सेग्मेंट के फ़ोन ज़्यादा पॉपुलर हैं और iPhone का मार्केट शेयर काफ़ी कम है.

दूसरे देशों की तुलना में भारतीय मार्केट में iPhone महँगे हैं. पुराने iPhone के साथ USB Type C चार्जर नहीं दिया जाता था, लेकिन नए iPhone के साथ जो केबल दिया जा रहा है कि वो USB Type C है. यानी अगर भारत में लोगों के पास पुराने iPhone का चार्जिंग सॉकेट है भी तो नए iPhone के साथ दिए जाने वाले केबल के साथ वो काम ही नहीं करेगा.

ऐसी स्थिति में भारतीय कस्टमर्स ऐपल का चार्जर लेने को मजबूर होंगे और ऐपल के ओरिजनल चार्जर महँगे मिलते हैं. ऐसे में अगर भारत में भी ब्राज़ील और फ़्रांस की तरह फ़ैसला लिया जाता है तो यहाँ के कस्टमर्स के हित में अच्छा होगा.

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