फेस मास्क से 45 फीसदी तक घट सकता है कोरोना का खतरा, रिसर्च में खुलासा
फेस मास्क से 45 फीसदी तक घट सकता है कोरोना का खतरा, रिसर्च में खुलासा
पूरी दुनिया इस समय कोरोना महामारी से जूझ रही है और अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी है. संक्रमण को कम करने के लिए दुनिया भर की सरकारों ने कई सार्वजनिक उपाय लागू किए हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है और एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है. यही वजह है कि सरकार लोगों से लगातार सार्वजनिक जगहों और गाड़ियों में मास्क पहनने की अपील कर रही है ताकि संक्रमण को रोका किया जा सके. अब एक रिसर्च में भी यह साबित हो गया है कि मास्क के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमण की दर को 45 फीसदी तक कम किया जा सकता है.
जर्मनी में हुए एक अध्ययन के मुताबिक फेस मास्क के अनिवार्य उपयोग से कोरोना संक्रमण को तेजी से फैलने से रोका जा सकता है. कोरोना को रोकने में फेस मास्क प्रभावी साबित हुआ है. यही वजह है कि जर्मनी ने अपने यहां फेस मास्क के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है.
संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के शोध पत्र में प्रकाशित, नए शोध पत्र से पता चला है कि किसी भी जर्मन क्षेत्र में फेस मास्क के उपयोग के 20 दिनों के बाद एक उस क्षेत्र में नए कोविड -19 संक्रमण के मामलों में 45% तक की कमी आ गई.
इससे यह निष्कर्ष निकाला गया है कि कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए फेस मास्क एक सस्ता और प्रभावी साधन है. यह विशेष रूप तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब उसकी लागत किसी भी अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय की तुलना में काफी कम है.
अध्ययन में कहा गया है, “हम जिस क्षेत्र पर विचार करते हैं, उसके आधार पर, हम पाते हैं कि अनिवार्य रूप से फेस मास्क के इस्तेमाल ने उस क्षेत्र में 20 दिनों की अवधि में 15% से 75% के बीच नए संक्रमित मरीजों की संख्या को कम कर दिया है.” शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि फेस मास्क “रिपोर्ट किए गए संक्रमणों की दैनिक वृद्धि दर को लगभग 47% तक कम करते हैं.”