हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक में सोमवार को अहम फैसले लिए गए। बैठक में फैसला लिया गया कि शिमला, कुल्लू, मंडी और कांगड़ा में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया जाएगा। यह 24 नवंबर मंगलवार से लगेगा। हिमाचल में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर सरकार ने 31 दिसंबर तक सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने का फैसला लिया है। सभी स्कूलों-कॉलेजों, आईटीआई, कोचिंग संस्थानों पर यह आदेश लागू रहेगा।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पर यह आदेश लागू नहीं होंगे। विवि प्रबंधन एक स्वायत्त संस्था होने के चलते स्वयं इस बाबत फैसला लेगा। सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 31 दिसंबर तक बंद किए गए शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई 26 नवंबर से शुरू होने का फैसला लिया गया। इस दौरान सभी शिक्षकों को घरों में रहकर काम करना होगा। शीतकालीन स्कूलों में एक जनवरी, 2021 से 12 फरवरी तक सर्दियों की छुट्टियां देने का फैसला लिया है।
हालांकि इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। ग्रीष्मकालीन स्कूलों को लेकर सरकार दिसंबर में फैसला लेगी। एक से 14 दिसंबर तक प्रस्तावित पहली से बारहवीं कक्षा की सेकेंड टर्म ऑनलाइन परीक्षाएं निर्धारित शेड्यूल से ही होंगी। विंटर स्कूलों का शैक्षणिक सत्र दिसंबर 2020 की जगह मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है। पहली से चौथी, छठी-सातवीं के विद्यार्थी मार्च में फर्स्ट और सेकेंड टर्म की परीक्षाओं की असेसमेंट आधार प्रमोट होंगे।
पांचवीं और आठवीं से बारहवीं कक्षा की पूरे प्रदेश में एक साथ अगले साल मार्च में वार्षिक परीक्षाएं होंगी। बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाओं में तीस फीसदी कम किए सिलेबस के तहत सवाल पूछे जाएंगे। पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र स्कूल शिक्षा बोर्ड देगा, लेकिन परीक्षाएं शिक्षा विभाग लेगा।
प्रिंसिपल हाई स्कूलों, सीनियर सेकेंडरी स्कूलों और कॉलेजों में 26 नवंबर के बाद जरूरत के हिसाब से शिक्षकों और गैर शिक्षक को बुला सकेंगे। 15 दिसंबर तक जनमंच और राजनीतिक रैलियां स्थगित कर दी गई हैं।
कोविड महामारी के कारण सभी कार्यालयों में क्लास थ्री और फोर्थ क्लास कर्मचारी 50 प्रतिशत ही आएंगे। मास्क नहीं पहना तो 1000 रुपये जुर्माना किया जाएगा। सभी बसें 15 दिसंबर तक 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी पर ही चलेंगी। कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने कोविड और इसके वैक्सीन की प्रस्तुति दी।
कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी और निजी बसें 15 दिसंबर तक 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ चलेंगी। बैठक में फैसला लिया गया कि धर्मशाला नगर निगम के चुनावों के साथ ही मंडी, सोलन और पालमपुर नगर निगम के चुनाव होंगे। कैबिनेट में फैसला लिया गया कि सरकारी भवन को सेटबैक में मिलने वाली छूट अब भवन मालिकों को भी मिलेगी।
कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते हिमाचल सरकार को विधानसभा का शीत सत्र आगे टालने की नौबत आ गई है। इसके लिए राज्य सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाएगी। अगर यह सत्र टाला जाता है तो इसे मार्च तक आयोजित किया जा सकता है। तपोवन धर्मशाला में यह सत्र सात दिसंबर से पांच दिन के लिए प्रस्तावित है।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सोमवार को मीडिया से बताया कि सत्र छह महीने के अंदर बुलाया जाना जरूरी होता है। ऐसे में मार्च तक सत्र बुलाया जा सकता है। इस बारे में सभी पार्टियों से विचार-विमर्श के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सत्र टालने के संकेत दिए हैं।
उन्होंने भी इस बारे में सभी दलों के साथ मंत्रणा के बाद ही कोई फैसला लेने को कहा है। मालूम रहे कि कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू समेत कई अन्य विधायक भी कोरोना के चलते सत्र आयोजित करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने सरकार को पुनर्विचार करने को कहा है।
हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक में सोमवार को अहम फैसले लिए गए। बैठक में फैसला लिया गया कि शिमला, कुल्लू, मंडी और कांगड़ा में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया जाएगा। यह 24 नवंबर मंगलवार से लगेगा। हिमाचल में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर सरकार ने 31 दिसंबर तक सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने का फैसला लिया है। सभी स्कूलों-कॉलेजों, आईटीआई, कोचिंग संस्थानों पर यह आदेश लागू रहेगा।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पर यह आदेश लागू नहीं होंगे। विवि प्रबंधन एक स्वायत्त संस्था होने के चलते स्वयं इस बाबत फैसला लेगा। सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 31 दिसंबर तक बंद किए गए शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई 26 नवंबर से शुरू होने का फैसला लिया गया। इस दौरान सभी शिक्षकों को घरों में रहकर काम करना होगा। शीतकालीन स्कूलों में एक जनवरी, 2021 से 12 फरवरी तक सर्दियों की छुट्टियां देने का फैसला लिया है।
हालांकि इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। ग्रीष्मकालीन स्कूलों को लेकर सरकार दिसंबर में फैसला लेगी। एक से 14 दिसंबर तक प्रस्तावित पहली से बारहवीं कक्षा की सेकेंड टर्म ऑनलाइन परीक्षाएं निर्धारित शेड्यूल से ही होंगी। विंटर स्कूलों का शैक्षणिक सत्र दिसंबर 2020 की जगह मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है। पहली से चौथी, छठी-सातवीं के विद्यार्थी मार्च में फर्स्ट और सेकेंड टर्म की परीक्षाओं की असेसमेंट आधार प्रमोट होंगे।
पांचवीं और आठवीं से बारहवीं कक्षा की पूरे प्रदेश में एक साथ अगले साल मार्च में वार्षिक परीक्षाएं होंगी। बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाओं में तीस फीसदी कम किए सिलेबस के तहत सवाल पूछे जाएंगे। पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र स्कूल शिक्षा बोर्ड देगा, लेकिन परीक्षाएं शिक्षा विभाग लेगा।
प्रिंसिपल हाई स्कूलों, सीनियर सेकेंडरी स्कूलों और कॉलेजों में 26 नवंबर के बाद जरूरत के हिसाब से शिक्षकों और गैर शिक्षक को बुला सकेंगे। 15 दिसंबर तक जनमंच और राजनीतिक रैलियां स्थगित कर दी गई हैं।
कोविड महामारी के कारण सभी कार्यालयों में क्लास थ्री और फोर्थ क्लास कर्मचारी 50 प्रतिशत ही आएंगे। मास्क नहीं पहना तो 1000 रुपये जुर्माना किया जाएगा। सभी बसें 15 दिसंबर तक 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी पर ही चलेंगी। कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने कोविड और इसके वैक्सीन की प्रस्तुति दी।
कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी और निजी बसें 15 दिसंबर तक 50 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ चलेंगी। बैठक में फैसला लिया गया कि धर्मशाला नगर निगम के चुनावों के साथ ही मंडी, सोलन और पालमपुर नगर निगम के चुनाव होंगे। कैबिनेट में फैसला लिया गया कि सरकारी भवन को सेटबैक में मिलने वाली छूट अब भवन मालिकों को भी मिलेगी।
कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते हिमाचल सरकार को विधानसभा का शीत सत्र आगे टालने की नौबत आ गई है। इसके लिए राज्य सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाएगी। अगर यह सत्र टाला जाता है तो इसे मार्च तक आयोजित किया जा सकता है। तपोवन धर्मशाला में यह सत्र सात दिसंबर से पांच दिन के लिए प्रस्तावित है।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सोमवार को मीडिया से बताया कि सत्र छह महीने के अंदर बुलाया जाना जरूरी होता है। ऐसे में मार्च तक सत्र बुलाया जा सकता है। इस बारे में सभी पार्टियों से विचार-विमर्श के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सत्र टालने के संकेत दिए हैं।
उन्होंने भी इस बारे में सभी दलों के साथ मंत्रणा के बाद ही कोई फैसला लेने को कहा है। मालूम रहे कि कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू समेत कई अन्य विधायक भी कोरोना के चलते सत्र आयोजित करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने सरकार को पुनर्विचार करने को कहा है।