Solar eclipse seen in Madhya Pradesh see photos of Indore Gwalior Jabalpur and Ujjain
Updated: | Sun, 21 Jun 2020 11:39 AM (IST)
LIVE Surya Grahan 2020 in MP Updates : मध्य प्रदेश करीब 10.14 बजे सूर्य ग्रहण शुरू हो गया है, करीब 11.57 इसका मध्य काल रहेगा और करीब 1.47 पर इसका समापन होगा। यानी ग्रहण करीब 3 घंटे 30 मिनट तक रहेगा। मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर खगोलशास्त्रियों ने इसे देखने की तैयारी की है। मध्य प्रदेश में सूर्य ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले ही सूतक लगने से पहले सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए गए। उधर ग्रहण लगने से 10 मिनट पहले ओंकारेश्वर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के पट बंद कर दिए गए। मंदिर परिसर में पंडित पुजारी ग्रहण काल में जाप किया। कोरोना के कारण नर्मदा स्नान पर प्रशासन ने प्रतिबंध कर रखा है। दोपहर मध्य काल हो के बाद 2 बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे।
विभिन्न शहरों में सूर्य ग्रहण समापन का समय
– भोपाल में 10.14 पर ग्रहण शुरू, 11.57 मध्य काल रहेगा और 1.47 पर ग्रहण समाप्त होगा
– जबलपुर में 10.21 पर ग्रहण शुरू, 12.06 मध्य काल रहेगा और 1.54 पर ग्रहण समाप्त होगा
– ग्वालियर में 10.19 पर ग्रहण शुरू, 12.02 पर मध्य काल रहेगा और 1.50 पर ग्रहण समाप्त होगा
– रतलाम में 10.09 से ग्रहण शुरू, 11.49 मध्य काल रहेगा और 1.40 पर समाप्त होगा
– इंदौर और उज्जैन में 10.10 से ग्रहण शुरू, 11.51 मध्य काल रहेगा और 1.42 पर ग्रहण समाप्त होगा
इंदौर में सूर्य ग्रहण बादलों के बीच से भी दिखाई दिया। सूर्य के ऊपर चंद्रमा की परछाई दिखाई देने लगी। फोटो : राजू पवार
जबलपुर में ग्रहण के दौरान ऐसा नजर आया आसमान में सूर्य। फोटो : उमाशंकर मिश्रा
यह रखें सावधानी
ज्योतिषी विनोद रावत के अनुसार जिन राशियों पर ग्रहण अशुभ है उन राशि वालों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के समय भगवत भजन, गुरु मंत्र आदित्य हृदय स्त्रोत, सूर्य मंत्र का जाप हवन करना लाभदायक रहता है। ग्रहण के सूतक पूर्व खाद्य पदार्थों में तुलसी दल कुशा रखने का विधान है। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखना चाहिए।
ग्वालियर में सूर्य ग्रहण का नजारा, एक चौथाई हिस्सा चंद्रमा ने सूर्य का एक चौथाई हिस्सा ढंका।
उज्जैन में सूर्य ग्रहण का नजारा।
ग्रहण देखने के लिए करें फिल्टर का इस्तेमाल
खगोलशास्त्री राम श्रीवास्तव ने बताया कि सूर्य ग्रहण में रिंग ऑफ फायर का दृश्य नजर आएगा। इसे देखने के लिए सावधानी बरतें। इसके लिए फिल्टर का इस्तेमाल करें। फिल्टर से आप सूर्य की पराबैंगनी किरणों से सुरक्षित रख सकते है। इस दौरान तापमान कुछ कम होगा और पक्षी भ्रमित हो जाएंगे।
मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर मंदिर में ग्रहण के दौरान जाप करते पंडित।
ग्रहण की समाप्ति पर करें दान
ग्रहण काल के सूतक काल में मूर्ति स्पर्श, पूजा-पाठ, अनुष्ठान, ध्यान निषेध है। इस समय संकीर्तन पाठ, रामनाम जाप व सूर्य मंत्र जाप करें। ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान, दान, पूजा-पाठ इत्यादि अवश्य करना चाहिए। रोगी, वृद्धजनों, बालकों को धार्मिक नियमों के भंग होने का दोष नहीं लगता है। ग्रहण के अनिष्ठ फल से बचने के लिए स्वर्ण निर्मित कांसे के बर्तन में तिल, वस्त्र व दक्षिणा के साथ श्रोत्रिय ब्राह्मण को दान करना चाहिए। सोने, चांदी का ग्रह बिंब बनाकर भी दान कर सकते हैं।
बड़वानी में सूर्य ग्रहण के चलते शहर के खंडवा-बड़ोदरा राजमार्ग स्थित श्रीसांवरिया सेठ मंदिर में पट बंद रहे।
प्राकृतिक आपदा और रोग बढ़ाएगा
ज्योतिर्विद पं.आनंद शंकर व्यास ने बताया कि ग्रहण के आरंभ व मध्यकाल के चक्र में ग्रह स्थिति के अनुसार प्राकृतिक आपदा, रोग के भय के साथ सत्ता और विपक्ष में संघर्ष की आशंका बनती है। कोरोना संक्रमण से शुरुआत तीन माह में राहत के आसार नहीं हैं। कमजोर और मध्यमवर्गीय को आर्थिक संकट तकलीफ देगा।
Posted By: Prashant Pandey
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