5G effect: Productivity will increase 10 times, new industrial revolution will happen | इंडस्ट्रियल प्रोडक्टिविटी 10 गुना बढे़गी, रोबोटिक काम से स्मार्ट सिटी जैसे प्रोजेक्ट तेजी से पूरे होंगे
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6 दिन पहले
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सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के महानिदेशक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डॉ एसपी कोचर का फाइल फोटो।
यह साल 5G तकनीक का है। इसके आने से हमारे मोबाइल इंटरनेट की स्पीड ही नहीं बढ़ेगी बल्कि देश की इंडस्ट्रियल प्रोडक्टिविटी में 10 गुना तक इजाफा होगा। 5G टेक्नोलॉजी के लिए यह साल कितना अहम है, अभी इस पर देश में क्या काम हो रहा है, ऐसे सवालों के जवाब जानने के लिए भास्कर के प्रमोद त्रिवेदी ने सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के महानिदेशक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डॉ एसपी कोचर से बात की। पढ़िए बातचीत के प्रमुख अंश।
Q. 5G सर्विस कैसे लोगों का जीवन बदलेगी?
4G का व्यक्तिगत उपयोग ज्यादा होता है, ऐसा 5G में नहीं होगा। इसमें लोगों को इंटरनेट स्पीड ज्यादा मिलेगी, लेकिन 5G का ज्यादा उपयोग उद्योगों में होगा। 5G का कन्वर्सेशन मशीन टू मशीन होगा। इंडस्ट्री में ये औद्योगिक क्रांति लाएगा। रोबोटिक काम होगा। स्मार्ट सिटी जैसी योजनाएं तेजी से पूरी हो सकेंगी। औद्योगिक उत्पादकता औसतन कई गुना बढ़ जाएगी।
Q. 5G हैंडसेट को लेकर क्या तैयारी है?
अभी 5G हैंडसेट महंगे हैं। हम ये भी देख रहे हैं कि सस्ते 5G अफोर्डेबल स्मार्ट फोन कैसे आएंगे। ये लोगों तक पहुंचाना बहुत जरूरी है। हमारा प्रयास है कि 5G फोन की कीमत 8 से 10 हजार होनी चाहिए। हम इस पर काम कर रहे हैं।
Q. 2021 में देश में 5G सेवा शुरू हो सकेगी?
इस साल 5G का ट्रायल होगा। लेकिन कमर्शियल स्तर पर लॉन्च की संभावना कम ही दिखती है। अभी सरकार ने 5G के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी पर कोई निर्णय नहीं लिया है। नीलामी के बाद कीमत तय होंगी, नेटवर्क और उपकरण लगेंगे। इसके बाद ही 5G नेटवर्क शुरू हो सकेंगे। सब कुछ ठीक रहा तो हो सकता है कि इस साल एक-दो कंपनियां कमर्शियल शुरुआत भी कर दें।
Q. टेलीकॉम में 2021 में क्या बदलने वाला है?
हमेशा की तरह हमारा प्रयास रहेगा कि सब्स्क्राइबर को अच्छी सुविधा, बेहतर दाम पर मिले। जिस तरह से मार्च में स्पेक्ट्रम नीलामी की बेस प्राइस तय हुई है, उसके हिसाब से अभी चार्ज कम होने की संभावनाएं कम हैं। लेकिन सरकार से टैक्स में छूट की बात चल रही है। अगर वो मिलती है तो कीमत में अंतर आएगा। कॉस्ट का अंतर आता है तो डेटा और सस्ता हो सकता है।
Q. टैक्स में छूट मिलती है तो फायदा यूजर्स को होगा या कंपनियों को?
टैक्स कम हाेने का बड़ा फायदा यूजर्स को ही होगा। जरूरी सेवा मानकर टैक्स कम करना चाहिए। इससे लोगों को सही कीमत पर बेहतर इंटरनेट मिलेगा। हमें देखना होगा कि जो लैवीज और टैक्सेस टेलीकॉम पर लगाए गए हैं, उन्हें नेशनलाइज किया जाए और कम किया जाए।
Q. आप किस तरह के टैक्स में छूट चाहते हैं?
टेलीकॉम पर तकरीबन 40% तक टैक्स लगते हैं। टैक्स के लिहाज से देखें तो टेलीकॉम इंडस्ट्री को एक जरूरी सर्विस नहीं माना जाता है, जो सही नहीं है। स्पेक्ट्रम फीस, लाइसेंस फीस, यूएसओ फंड जैसी सब चीजें हम पर लागू होती हैं। हमारा आग्रह रहता है कि इसे कम किया जाए।
Q. सरकार मार्च में स्पेक्ट्रम नीलामी करने जा रही है। टेलीकॉम को क्या फायदा हो सकता है?
हमारे यहां जो नीलामी होती है, वो बेस प्राइस के पुराने बनाए हुए फॉर्मूले पर होती है। फिर कहते हैं कि इससे ऊपर ही बिड कर सकते हैं। यही कारण रहा कि पिछली नीलामी में काफी सारा स्पेक्ट्रम नहीं बिक पाया था। इस बार भी चिंता तो है कि क्या इस बेस प्राइस पर सारा स्पेक्ट्रम बिक पाएगा।
Q. बजट को लेकर क्या उम्मीदें हैं?
हमने सरकार को अपनी बात बता दी है। हम पर कई तरह से जीएसटी लग रही है, उसे हटाइए। नीलामी तक में जीएसटी लगता है जबकि नीलामी में सर्विस शामिल नहीं है। स्पेक्ट्रम खरीदने पर जीएसटी लगता है। लाइसेंस फीस हम सरकार को देते हैं तो उस पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए, क्योंकि हम तो सरकार को फीस दे रहे हैं, तो उसमें कैसे सर्विस टैक्स लग सकता है।