कोरोना का बड़ा विस्फोट, सरकारी शेल्टर होम में 57 लड़कियां पॉजिटिव, प्रशासन में हड़कंप
लखनऊ।
देश में लगातार कोरोना (Corona) के मामले बढ़ रहे है। अब यूपी(up) के कानपुर (kanpur) में एक बड़ा कोरोना विस्फोट हुआ है।यहां एक सरकारी बालिका संरक्षण गृह (Government Girls shelter Home) में रहने वाली 57 लड़कियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है जिसमें दो लड़कियां गर्भवती हैं। इसमें एक को एचआईवी है तो एक लड़की हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त है।खबर के सामने आते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया है।वही इस मामले में कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी (Congress leader Priyanka Gandhi) ने बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह का जिक्र करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है।
बताया जा रहा है कि कानपुर के एक राजकीय बालिक संरक्षण गृह में रहने वाली लड़कियों में कोरोना के लक्षण दिख रहे थे। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी। स्वास्थ्य विभाग की टीम जब इन लड़कियों की जांच करानी शुरू की तो पता चला कि बाल संरक्षण गृह में रहने वाली दो लड़कियां गर्भवती हैं। एक को एचआईवी है तो एक लड़की हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त है। सभी लड़कियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इन लड़कियों को आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर की बाल कल्याण समितियों द्वारा कानपुर रेफर किया गया। वही दोनों किशोरियां 8 महीने की गर्भवती हैं। दोनों को जज्चा-बच्चा अस्पताल मे रेफर किया गया था। डॉक्टरों ने प्रोबेशन अधिकारी से गर्भवती लड़कियों की बैक हिस्ट्री की डिमांड की थी। प्रेग्नेंट किशोरियों से जुड़े दस्तावेज शेल्टर होम में रखे गए हैं। संक्रमण की वजह से शेल्टर होम को सील कर दिया गया है। पूरे स्टाफ को क्वारैंटाइन किया गया है। इस वजह से लड़कियों से जुड़े दस्तावेज नहीं मिल सकते हैं। इस पूरे घटनाक्रम के बाद प्रशासन और शासन में हड़कंप मच गया है।
प्रियंका ने योगी सरकार को घेरा
वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता प्रिंयका गांधी ने यूपी सरकार को घेरा है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जांच होने के बाद एक हैरानी करने वाला तथ्य सामने आया। 2 बच्चियां गर्भवती निकलीं और एक को एड्स पॉजिटिव निकला. मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है। ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांचों के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही है।