95 साल पुराना है अमृत उद्यान का इतिहास!

95 साल पुराना है अमृत उद्यान का इतिहास !

राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल मार्डन को अब अमृत उद्यान के नाम से जाना जाता है। अमृत महोत्सव के तहत इस गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान किया गया है। जहां पर ट्यूलिप और गुलाब की कई दुलर्भ किस्में मौजूद हैं, जो काले, नीले और हरे इत्यादि रंग के हैं। इस उद्यान में मुख्य उद्यान, टेरेस उद्यान, लॉन्ग उद्यान या परदा उद्यान और वृत्ताकार उद्यान मौजूद हैं। लेकिन आप जैसे बहुत से लोगों के मन में ये सवाल चल रहा होगा कि आखिर अमृत उद्यान का इतिहास क्या है ? यह कब बना था ? यह कितने एकड़ में बना हुआ है ? ऐसे तमाम सवालों के जवाब हम आपको देने का प्रयास इस खबर के माध्यम से कर रहे हैं।

अमृत गार्डन में ट्यूलिप के साथ ही कई किस्मों के गुलाब भी मौजूद हैं। जिसकी वजह से यह विश्व के सबसे अच्छे उद्यानों में से एक माना जाता है। आम लोगों के लिए उद्याग फरवरी से लेकर मार्च के बीच में खुलता है, जहां पर सुंदर फूलों का दीदार कर सकते हैं।

कब बना था अमृत उद्यान ?

राष्ट्रपति भवन में स्थित 15 एकड़ के इलाके में फैले अमृत उद्यान को वहां की आत्मा के तौर पर देखा जाता है। सर एटविन लुटियंस ने साल 1917 में अमृत उद्यान (मुगल गार्डन) का डिजाइन तैयार किया था। हालांकि, 1928-1929 में उद्यान में पौधारोपण किया गया था। जिसका मतलब है कि अमृत उद्यान का इतिहास 95 साल पुराना है।

अमृत उद्यान का डिजाइन ताजमहल के बगीचों, जम्मू-कश्मीर के बगीचों से प्रेरित है और इसी वजह से इसका नाम मुगल गार्डन पड़ा था। बता दें कि राष्ट्रपति भवन में वास्तुकला की भारतीय और पश्चिमी दोनों ही शैलियां हैं, इसी आधार पर अमृत उद्यान को तैयार किया गया था। सर लुटियंस ने यहां पर मुगल शैली और अंग्रेजी फूलों को एक साथ लाकर खूबसूरत उद्यान बनाया।

राष्ट्रपति सचिवालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, क्रिस्टोफर हसी की द लाइफ ऑफ सर एडविन लुटियंस में सर लुटियंस की पत्नी ने लिखा कि उद्यान एक ‘पैराडाइस’ से कम नहीं। आसान शब्दों में कहा जाए तो अमृत उद्यान किसी स्वर्ग से कम नहीं है। सर लुटियंस की पत्नी ने आगे कहा कि यहां की खूबसूरती शब्दों से परे है। उद्यान में रंगों और सुगंधों की भरमार है।

अमृत उद्यान की खास बातें:-

  • उद्यान में 159 किस्म के गुलाब मौजूद हैं, जो फरवरी-मार्च के महीने में खिलते हैं।
  • मशहूर लोगों के नाम पर गुलाब के नाम रखे गए। जिनमें मदर टेरेसा, राजा राममोहन रॉय, मिस्टर लिंकन, जॉन एफ कैनेडी, जवाहर इत्यादि शामिल हैं।
  • गुलाब के अलावा ट्यूलिप, गेंदे, डैफोडिल, जलकुंभी और अन्य मौसमी फूल उद्यान की शोभा बढ़ाते हैं।
  • उद्यान में करीब 50 किस्मों के पेड़, झाड़ियां और लताएं मौजूद हैं। जिनमें मौलश्री वृक्ष, गोल्डन रेन ट्री, टार्च ट्री समेत कई अन्य शामिल हैं।

देश के हर एक राष्ट्रपति का राष्ट्रपति भवन की संपना में अमूल्यनीय योगदान रहा है। ऐसे ही राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने हर्बल उद्यान, टैक्टाइल उद्यान, म्यूजिकल उद्यान, बायो-फ्यूल पार्क, आध्यात्मिक और पोषण उद्यान आदि का महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

इस दिन से खुलेगा अमृत उद्यान

अमृत उद्यान 31 जनवरी से 26 मार्च तक दो माह तक के लिए खुला रहेगा। उद्यान खुलने का समय 10 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। 28 मार्च को किसानों के लिए, 29 को दिव्यांगों, 30 को पुलिस और सेना के लिए विशेषतौर पर खुलेगा।

 

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