Antilia case: Mansukh’s viscera sent for further investigation | एंटीलिया केस : मनसुख का विसरा आगे जांच के लिए भेजा
डिजिटल डेस्क, मुंबई । रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी के घर के पास मिली स्कॉर्पियों कार के मालिक मनसुख हिरेन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तो आ गई है लेकिन फिलहाल इसमें मौत की कोई वजह नहीं बताई गई है। डीसीपी अविनाश अंबुरे ने बताया कि पोस्टमार्टम में मौत की वजह रिजर्व रखी गई है। फिलहाल विसरा के नमूने जांच के लिए कलीना फारेंसिक लैब भेजे गए हैं। परिवार वालों का दावा है कि हिरेन आत्महत्या नहीं कर सकते उनकी हत्या हुई है। मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक उनके सवालों के जवाब नहीं मिलते वे हिरेन का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। लेकिन आला पुलिस अधिकारियों के काफी समझाने बुझाने के बाद वे मान गए और हिरेन का अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं मामले की जांच का जिम्मा मिलने के बाद आतंकवाद निरोधक दस्ते ने छानबीन शुरू कर दी है। शनिवार को एटीएस अधिकारियों ने उस जगह का जायजा लिया जहां खाड़ी से हिरेन का शव मिला था।
परिवार ने किया हत्या का दावा
हिरेन की पत्नी विमल ने कहा कि उनके पति आत्महत्या नहीं कर सकते। पिछले कई दिनों से उनसे पुलिसवाले पूछताछ कर रहे थे। गुरूवार को भी रात आठ बजे उन्होंने बताया कि उन्हें कांदिवली क्राइम ब्रांच के किसी तावडे नाम के व्यक्ति ने घोड़बंदर रोड परिसर में पूछताछ के लिए बुलाया है और वे घर से निकल गए। रात 10 बजे तक वापस नहीं आए तो परिवार वालों ने फोन करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन बंद हो चुका था। रात एक बजे तक वे वापस नहीं लौटे तो पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत की गई। अगले दिन मुंब्रा स्थित खाड़ी से उनका शव बरामद हुआ। विमल ने पूरे मामले की जांच की मांग की। हिरेन के बड़े भाई विनोद ने भी कहा कि उनका भाई आत्महत्या नहीं कर सकता। अगर उसे कोई परेशानी होती तो उन्हें इसकी जानकारी जरूर देता। उन्होंने कहा कि मनसुख अच्छा तैराक था। वह दूसरों को भी तैराकी सिखाता था और घंटों पानी में तैर सकता था ऐसे में डूबकर उसकी मौत नहीं हो सकती।
मुंह में ठूंसे रुमाल से उठे सवाल
ठाणे व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष देवीलाल जैन ने आशंका जताई कि मनसुख की हत्या हुई है। उन्होंने कहा कि जिस समय मनसुख का शव बरामद हुआ उनके मुंह में रुमाल ठूंसा हुआ था ऐसे में कोई कैसे मान लेगा कि उन्होंने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस बीच हिरेन परिवार को ढांढस बंधाने भाजपा विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा और निरंजन डावखरे उनके घर पहुंचे।
पूछताछ से परेशान हिरेन ने लिखा था मुख्यमंत्री को पत्र
जांच एजेंसियों की लगातार पूछताछ से परेशान मनसुख हिरेन ने दो मार्च को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृहमंत्री अनिल देशमुख और मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को पत्र लिखकर कहा था कि वे मामले में पीड़ित हैं लेकिन उनके साथ आरोपियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने पत्र में पुलिस अधिकारी सचिन वझे के साथ पूछताछ करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के नामों का उल्लेख किया था साथ ही उन्होंने पत्रकारों पर भी बार-बार फोन कर परेशान करने का आरोप लगाया था। उन्होंने पत्र में यह जानकारी भी दी है कि 17 फरवरी को कैसे उनकी कार खराब होने के बाद चोरी हुई जिसके बाद उन्होंने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने लिखा कि 25 फरवरी को रात 11 बजे उनके घर दो तीन पुलिसवाले आए और उन्हें जानकारी दी कि उनकी स्कॉर्पियों अंबानी के घर के पास मिली है जिसमें विस्फोटक थे। उनसे पूछताछ कर पुलिसवाले चले गए। थोड़ी देर बाद घाटकोपर पुलिस स्टेशन से कुछ लोग पहुंचे और पूछताछ की। रात दो बजे विक्रोली पुलिस स्टेशन से लोग आए और मुझे अपने साथ ले गए। अगले दिन शाम छह बजे तक उन्हें पुलिस स्टेशन में बिठाए रखा गया। अगले दिन सुबह 11 बजे फिर विक्रोली पुलिस स्टेशन से फोन आया। रात को घाटकोपर पुलिस स्टेशन ने फोन किया। नागपाडा एटीएस, सीआईयू के सचिन वझे, एनआईए अधिकारियों और संयुक्त पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे ने भी अलग-अलग उनसे पूछताछ की। पत्र में उन्होंने लिखा है कि लगातार पूछताछ से उन्हें मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं आरोपों के घेरे में फंसे सचिन वझे ने राजनीतिक टिप्पणियों पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया।