Indian economy to grow at 8 poin 9 percent in next financial year said IHS market
भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष 2021-22 में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी। आईएचएस मार्किट ने यह अनुमान लगाया है। आईएचएस मार्किट ने शुक्रवार को जारी नोट में कहा है कि आखिरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। ऐसे में अप्रैल, 2021 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी वृद्धि दर्ज करेगी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बृहस्पतिवार को अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
औद्योगिक उत्पादन और उपभोग व्यय सुधरा
आईएचएस मार्किट के नोट में कहा गया है, ”2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में जबर्दस्त मंदी रही। अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक गिरावट मार्च से लेकर अगस्त तक रही। सितंबर से आर्थिक गतिविधियां सुधर रही हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई। दूसरी जुलाई-सितंबर की तिमाही में अर्थव्यवस्था की गिरावट कम होकर 7.5 प्रतिशत रह गई। आईएचएस मार्किट ने कहा, ”2020 की चौथी तिमाही में भारत का औद्योगिक उत्पादन और उपभोग व्यय सुधरा है।
विनिर्माण क्षेत्र की कारोबारी गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार
नोट में कहा गया है, ”अक्टूबर के आंकड़ों से पता चलता है कि माह के दौरान सालाना आधार पर औद्योगिक उत्पादन 3.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि अप्रैल, 2020 में औद्योगिक उत्पादन में 55.5 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई थी। आईएचएस मार्किट ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र की कारोबारी गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। कोविड-19 अंकुशों में ढील के बाद दिसंबर के दौरान कारखाना ऑर्डर बढ़े हैं।
1.4 अरब आबादी के टीकाकरण की बड़ी चुनौती
नोट में कहा गया है कि भारत के समक्ष अपनी 1.4 अरब आबादी के टीकाकरण की बड़ी चुनौती है। भारत में कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम जल्द शुरू होने जा रहा है।
स्वास्थ्य नियामक ने ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। भारत के लिए बड़ी लाभ की स्थिति यह है कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीके का उत्पादन देश में ही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है। सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा है कि वह अप्रैल, 2021 तक इस टीके की 10 करोड़ खुराक का उत्पादन कर सकेगी। आईएचएस मार्किट ने कहा, ”भारतीय अर्थव्यवस्था में चौथी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में पहले ही उल्लेखनीय सुधार दिख रहा है। ऐसे में 2021-22 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।