Iran awarded contract to develop gas field to another, $ 1.78 billion contract ONGC OVL gas field | ईरान ने गैस फिल्ड को डेवलप करने का ठेका दूसरे को दिया,1.78 अरब डॉलर का था कांट्रैक्ट

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मुंबई7 घंटे पहले

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ONGC की विदेशी निवेश शाखा ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) ने 2008 में फारस ऑफशोर एक्सप्लोरेशन ब्लॉक में एक विशाल गैस फिल्ड की खोज की थी। फरजाद-बी गैस फील्ड के डेवलपमेंट सर्विस कॉन्ट्रैक्ट (डीएससी) पर नवंबर 2012 तक बातचीत हुई थी, लेकिन ईरान पर कठिन शर्तों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका - Dainik Bhaskar

ONGC की विदेशी निवेश शाखा ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) ने 2008 में फारस ऑफशोर एक्सप्लोरेशन ब्लॉक में एक विशाल गैस फिल्ड की खोज की थी। फरजाद-बी गैस फील्ड के डेवलपमेंट सर्विस कॉन्ट्रैक्ट (डीएससी) पर नवंबर 2012 तक बातचीत हुई थी, लेकिन ईरान पर कठिन शर्तों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका

  • सुधारित प्रोविजनल मास्टर डेवलपमेंट प्लान (PMDP) मार्च 2017 में POGC को सौंपा गया था
  • भारतीय कंसोर्टियम ने अब तक इस ब्लॉक में 40 करोड़ डॉलर का निवेश किया है

ईरान ने फारस की खाड़ी में गैस फिल्ड को डेवलप करने का ठेका एक दूसरी कंपनी को दे दिया है। इससे भारतीय कंपनी ऑयल एवं नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) इस दौड़ से बाहर हो गई है। यह कांट्रैक्ट 1.78 अरब डॉलर का था।

गैस फील्ड की खोज ONGC विदेश लिमिटेड ने की थी

फरजाद-बी गैस फील्ड की खोज ONGC विदेश लिमिटेड ने की थी। ईरानी तेल मंत्रालय की समाचार सेवा शाना ने बताया कि नेशनल इरानियन ऑयल कंपनी (NIOC) ने फारस की खाड़ी में फरजाद बी गैस फील्ड के विकास के लिए पेट्रोपर्स ग्रुप के साथ 1.78 अरब अमेरिकी डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। तेहरान में ईरान के पेट्रोलियम मंत्री बिजन जांग्नेह की उपस्थिति में आयोजित एक समारोह में आज इस सौदे पर हस्ताक्षर किए गए।

23 ट्रिलियन घन फुट गैस भंडार है

इस क्षेत्र में 23 ट्रिलियन घन फुट गैस भंडार है। इसमें से लगभग 60% निकाल सकने योग्य गैस है। इसमें 5,000 बैरल प्रति अरब घन फुट गैस के गैस संघनित (condensates) भी है। शाना ने कहा कि सोमवार को हस्ताक्षरित बायबैक कॉन्ट्रैक्ट में पांच वर्षों में 2.8 करोड़ घन मीटर खट्टी (sour) गैस के दैनिक उत्पादन की प्लानिंग की गई है।

2008 में खोजा गया था गैस फिल्ड

सरकार के मालिकाना वाली ONGC की विदेशी निवेश शाखा ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) ने 2008 में फारस ऑफशोर एक्सप्लोरेशन ब्लॉक में एक विशाल गैस फिल्ड की खोज की थी। ओवीएल और उसके पार्टनर्स ने इस खोज और डेवलपमेंट के लिए 11 अरब डॉलर तक निवेश करने की पेशकश की थी। इसे बाद में फरजाद-बी नाम दिया गया।

2020 में कांट्रैक्ट समाप्त करने की जानकारी दी

वर्षों तक ओवीएल के प्रस्ताव के बाद 18 अक्टूबर 2020 को NIOC ने ओवीएल को एक ईरानी कंपनी के साथ फरजाद-बी डेवलपमेन्ट के लिए कॉन्ट्रैक्ट समाप्त करने के अपने इरादे के बारे में जानकारी दी थी, जो भारतीय फर्म की बोली से विपरीत था। 3,500 वर्ग किलोमीटर फारसी ब्लॉक फारस की खाड़ी के ईरान की ओर पर 20-90 मीटर की पानी की गहराई में है।

ईरान की कठिन शर्तें भी थीं

फरजाद-बी गैस फील्ड के डेवलपमेंट सर्विस कॉन्ट्रैक्ट (डीएससी) पर नवंबर 2012 तक बातचीत हुई थी, लेकिन ईरान पर कठिन शर्तों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। अप्रैल 2015 में नए ईरान पेट्रोलियम कॉन्ट्रैक्ट (आईपीसी) के तहत फरज़ाद-बी गैस फील्ड विकसित करने के लिए ईरानी अधिकारियों के साथ बातचीत फिर से शुरू हुई। इस बार एनआईओसी ने बातचीत के लिए अपने प्रतिनिधि के रूप में पार्स ऑयल एंड गैस कंपनी (POGC) को पेश किया। अप्रैल, 2016 में परियोजना के विकास के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बात होने के बावजूद किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका।

एक नए अध्ययन से पता चला है कि एक सुधारित प्रोविजनल मास्टर डेवलपमेंट प्लान (PMDP) मार्च 2017 में POGC को सौंपा गया था। भारतीय कंसोर्टियम ने अब तक इस ब्लॉक में 40 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।

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