Bsp Supremo Mayawati Attacks Narendra Modi Government On Rafale Deal Issue Mk | राफेल मुद्दे पर मायावती ने मोदी सरकार को घेरा, कहा- घूम-घूमकर सफाई दे रहे हैं ‘चौकीदार’
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने राफेल मुद्दे पर नरेंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया है. मायावती ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘केंद्र सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार विरोधी प्रावधान को खत्म कर दिया था. अंग्रेजी अखबार द हिंदू का राफेल में आज का नया विस्तृत रहस्योदघाटन फिर भी नो प्राब्लम. बीजेपी और आरएसएस वालों के लिये चौकीदार का महत्व है उसकी ईमानदारी का नहीं.’
Government waived anti-corruption clause in Rafale deal, is the latest detail revelation by The Hindu newspaper today. Corruption & corrupt defence deal, No problem! Chowkidar is important for the BJP/RSS, not his honesty?
— Mayawati (@SushriMayawati) February 11, 2019
उन्होंने कहा कि ‘भ्रष्टाचार-मुक्ति, ईमानदारी, देशहित और राष्ट्रीय सुरक्षा सब कुछ चौकीदार पर न्योछावर. अब चुनाव के समय चौकीदार सरकारी खर्चे पर देश भर में घूम-घूम कर सफाई दे रहे हैं कि वो बेईमान नहीं हैं बल्कि ईमानदार हैं. देश को सोचना है कि ऐसे चौकीदार का आखिर क्या किया जाए?’
Corruption, honesty, national interest and national security etc. Everything can be compromised and ignored for the sake of Chowkidar.
The Chowkidar is moving everywhere in the country on government expenses claiming he is honest and not corrupt.— Mayawati (@SushriMayawati) February 11, 2019
क्या है राफेल सौदा?
राफेल डबल इंजन से लैस आधुनिक लड़ाकू विमान है. इसका निर्माण दसॉ एविएशन ने किया है. भारत सरकार ने फ्रांस के साथ 36 आधुनिक लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया है. फ्रांस यात्रा के दौरान अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों की सरकार के स्तर पर समझौते के तहत 36 राफेल विमानों के खरीदने की घोषणा की थी.
भारत और फ्रांस के बीच 36 विमानों का यह सौदा 58,000 करोड़ रुपयों का है.
प्रतीकात्मक तस्वीर
कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर इस सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. पार्टी इसे मुद्दे पर सड़क से संसद तक में जोर-शोर से विरोध-प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस का आरोप है कि उसके (यूपीए) शासनकाल में भारत सरकार द्वारा वायुसेना की मजबूती के लिए फ्रांस से 126 विमानों के लिए 54,000 करोड़ रुपए में सौदा तय किया गया था. लेकिन 2014 में केंद्र में सत्ता आने पर मोदी सरकार ने विमानों की संख्या को 126 से घटाकर 36 कर दिया जबकि लागत बढ़ाकर 58,000 करोड़ रुपए कर दिया.