Gold-Silver Price today: गिरते-गिरते 45 हजार के करीब पहुंचा सोना, चांदी हुई 2000 रुपये से भी ज्यादा सस्ती

Gold-Silver Price today:

गिरते-गिरते 45 हजार के करीब पहुंचा सोना, चांदी हुई 2000 रुपये से भी ज्यादा सस्ती!

आज सोने की कीमतों में करीब 342 रुपये की गिरावट देखी गई है। हालांकि, अभी भी सोना ऑल टाइम हाई से 10 हजार रुपये से भी अधिक सस्ता है। अभी सोना 45,599 रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold price today) के स्तर पर है। वहीं चांदी 67,419 रुपये प्रति किलो (Silver price today) के स्तर पर है।

Gold-Silver Price today: दिल्ली के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने का भाव 342 रुपये की गिरावट के साथ 45,599 रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold price today) के स्तर पर चला गया है। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 45,941 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 2,007 रुपये बढ़कर 67,419 रुपये प्रति किलो (Silver price today) रह गयी जिसका पिछला बंद भाव 69,426 रुपये किलो था।

कल क्या था सोने-चांदी का हाल

वैश्विक बाजारों में बिकवाली के रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोने का भाव 358 रुपये की गिरावट के साथ 45,959 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 46,313 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। दूसरी ओर, चांदी की कीमत 151 रुपये की तेजी के साथ 69,159 रुपये प्रति किलो हो गयी जिसका पिछला बंद भाव 69,008 रुपये किलो था।

10 हजार रुपये तक गिर चुका है सोना

सोने की कीमत में ऑल टाइम हाई से करीब 10 हजार रुपये तक की गिरावट आ चुकी है। बल्कि यूं कहें कि सोना अपने करीब 8 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। 2020 में सोना 28 फीसदी तक चढ़ा था और अब 10 हजार रुपये तक गिर चुका है। सिर्फ इसी साल में सोने में करीब 4000 रुपये तक की गिरावट आई है। इतना ही नहीं, चांदी में भी 10 हजार रुपये तक की गिरावट देखने को मिली है।

सोने में निवेश करें या कहीं और?

इस वक्त शेयर बाजार रेकॉर्ड बना रहा है, जबकि सोना काफी निचले स्तर पर है। ऐसे में लोग ये सोच रहे हैं कि कहां निवेश करें? सोने में या फिर शेयर बाजार में या फिर इन सबसे अलग फिक्स्ड डिपॉजिट करना सही रहेगा? शेयर बाजार अभी काफी ऊपर है, जिससे बबल भी माना जा रहा है तो इसमें निवेश करना काफी जोखिम भरा है। वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट में काफी कम ब्याज मिल रहा है तो वहां भी निवेश करने पर रिटर्न अच्छा नहीं मिलेगा। वहीं अगर बात सोने की करें तो पिछले साल उसने 28 फीसदी का रिटर्न दिया है। उससे पिछले साल भी सोने का रिटर्न करीब 25 फीसदी रहा था। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं तो सोना अभी भी निवेश के लिए बेहद सुरक्षित और अच्छा विकल्प है, जिसमें शानदार रिटर्न मिलता है।

सोने को लेकर क्या घोषणा हुई थी बजट में?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट प्रस्तावों में सोने और चांदी पर आयात शुल्क (import tax) में भारी कटौती की घोषणा की थी। सीतारमण ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 5 फीसदी की कटौती की है। फिलहाल सोने और चांदी पर 12.5 फीसदी आयात शुल्क चुकाना पड़ता है। इस तरह से अब सोने और चांदी पर सिर्फ 7.5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी चुकानी होगी। इससे सोने और चांदी की कीमतों में कमी आएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2019 में सोने पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया था। इसके चलते सोने के दाम काफी बढ़े हैं। इसे देखते हुए सरकार सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाएगी। इस घोषणा के बाद सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आएगी। भारत बड़े पैमाने पर सोने का आयात करता है। चीन के बाद भारत सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। वित्त मंत्री के इस फैसले से सोने की तस्करी पर भी अंकुश लगेगा। हाल में सोने की तस्करी में तेजी आई है।

2020 में 28 फीसदी महंगा हुआ सोना

साल 2020 सोने के लिए बहुत ही शानदार (Gold Price in 2020) साबित हुआ है। 2020 में सोने की कीमत करीब 28 फीसदी तक बढ़ी है। अगस्त के महीने में तो सोने-चांदी ने एक नया रेकॉर्ड ही बना दिया था और अपना ऑल टाइम हाई का स्तर छू लिया था। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही सोने की कीमत बढ़ी है। वैश्विक बाजार में भी सोना करीब 23 फीसदी महंगा हुआ। इससे पहले 2019 में भी सोने के दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में थी, इस बार भी सोने दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में है।

क्यों बढ़ी इतनी अधिक कीमत

2020 में सोने के दाम में तगड़ी तेजी की वजह कोरोना वायरस रहा, जिसकी वजह से लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे थे। सोने में निवेश हमेशा से ही सुरक्षित रहा है। कोरोना की वजह से शेयर बाजार में लोगों ने निवेश कम कर दिया, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश रिस्की होता है। पिछले साल जनवरी-फरवरी में तो सोना धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन मार्च में भारत में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद इसने स्पीड पकड़ ली।

क्यों आ रही है सोने में गिरावट?

कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों से सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। वहीं अब कोरोना वायरस की वैक्सीन भी आ चुकी है और वैक्सिनेशन की शुरुआत भी हो गई है। ऐसे में निवेशक सोने को छोड़कर शेयर बाजार का रुख कर रहे हैं, जहां कम समय में अधिक रिटर्न पाया जा सकता है। यही वजह है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में भारी उछाल की संभावना नहीं है। हालांकि, लंबी अवधि के लिए सोना अभी भी निवेश का अच्छा विकल्प माना जा रहा है।

क्या सोना कोरोना काल से पहले की स्थिति में लौट आएगा?

कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लड़ते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना (today gold price) अपना ऑल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी।

कोरोना काल में सोना बना वरदान

सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान’ है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।

मुसीबत की घड़ी में हमेशा बढ़ी है सोने की चमक!

सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।

 

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