conversion bill pass: In Uttar Pradesh the conversion bill was passed in the assembly opposition parties protested उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन विधेयक विधानसभा में पारित विपक्षी दलों ने जताया विरोध
हाइलाइट्स:
- यूपी विधानसभा में धर्म परिवर्तन से संबंधित विधेयक पारित हो गया है
- कांग्रेस, एसपी और बीएसपी ने इस विधेयक का पुरजोर विरोध जताया है
- कांग्रेस नेता अराधना मिश्रा ने विधेयक को प्रवर समिति भेजने की मांग की
उत्तर प्रदेश विधान सभा में बजट सत्र के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से लाए गए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को बुधवार को पारित कर दिया । संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पेश किया। विधेयक का विरोध करते हुये कांग्रेस की नेता अराधना मिश्रा ने कहा, ‘संविधान हमें निजता का अधिकार देता है, शादी विवाह किसी भी व्यक्ति का निजी मामला है और यदि कोई जोर जबरदस्ती नही है तो राज्य का उसमें हस्तक्षेप करना संविधान के विरूध्द है ।’ उन्होंने इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग की।
बहुजन समाज पार्टी के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि यह विधेयक संविधान विरोधी है। उन्होंने कहा कि इसे सरकार वापस ले या इसे प्रवर समीति के पास विचार विमर्श के लिए भेजे। विधानसभा में पास होने के बाद यह विधेयक अब विधानपरिषद जायेगा। गौरतलब है कि विधेयक लाए जाने से पहले उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नवंबर 2020 में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश को मंजूरी दी थी।
इसमें जबरन या धोखे से धर्मांतरण कराये जाने और शादी करने पर दस वर्ष की कैद और विभिन्न श्रेणी में 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। विधेयक में विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष के कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक के तहत ऐसे धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा जो छल, कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव डाल कर विवाह या किसी कपट रीति से एक धर्म से दूसरे धर्म में लाने के लिए किया जा रहा हो। इसे गैर जमानती संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखने और उससे संबंधित मुकदमे को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में विचारणीय बनाए जाने का प्रावधान किया गया है।