Myanmar Leader Aung San Suu Kyi And Other Senior Figures From The Ruling Party Were Detained In A Raid – म्यांमार: सत्ता पक्ष की नेता आंग सान सू की को सेना ने हिरासत में लिया, तख्तापलट की आशंका

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नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के प्रवक्ता ने बताया कि म्यांमार की नेता आंग सान सू की और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य वरिष्ठ लोगों को सोमवार को छापेमारी के दौरान हिरासत में लिया गया है।

वहीं अब इन गिरफ्तारियों से म्यांमार में तख्तापलट की आशंकाओं से खलबली मच गई। आपको बता दें कि नागरिकों और सेना के बीच काफी दिनों से तनाव जारी है। 
 

पार्टी प्रवक्ता न्यंट ने बताया कि आंग सू के साथ राष्ट्रपति विन म्यिंट और अन्य नेताओं को सोमवार को हिरासत में ले लिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘हम अपने लोगों से कहना चाहते हैं कि वे जल्दबाजी में जवाब न दें, वे कानून के मुताबिक कार्रवाई करें। अभी तक सेना की इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।’

म्यांमार में सेना है काफी मजबूत
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि सेना आज भी म्यांमार में राजनीतिक रूप से काफी मजबूत है, लेकिन सत्ता हथियाने की उसकी कोशिश को जनता का समर्थन मिलना अब मुश्किल है। यंगून स्थित तम्पादीपा इंस्टीट्यूट से जुड़े राजनीतिक विश्लेषक खिन जाव विन ने टीवी चैनल अल-जजीरा से कहा कि अगर ऐसा ने ऐसी कोशिश की, तो उसकी जनता में बहुत कड़ी प्रतिक्रिया होगी।

लोगों के मन अभी भी सैनिक शासन की याद ताजा है और वे इसकी सोच से ही नफरत करते हैं। खिन ने कहा कि अगर सेना ने सत्ता हथियाई तो उसे सड़कों पर विरोध झेलना पड़ सकता है।

म्यांमार की संसद की 498 सीटों के लिए चुनाव कराए गए थे। इनमें से 396 सीटें एनएनडी ने जीतीं। जानकारों में इस बात पर एकमत हैं कि ये जनादेश इतना बड़ा है कि सेना के लिए इसकी अनदेखी करना आसान नहीं होगा। इसके बावजूद इस समय सैनिक तख्ता पलट का भय मंडरा रहा है।

नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के प्रवक्ता ने बताया कि म्यांमार की नेता आंग सान सू की और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य वरिष्ठ लोगों को सोमवार को छापेमारी के दौरान हिरासत में लिया गया है।

वहीं अब इन गिरफ्तारियों से म्यांमार में तख्तापलट की आशंकाओं से खलबली मच गई। आपको बता दें कि नागरिकों और सेना के बीच काफी दिनों से तनाव जारी है। 

 

पार्टी प्रवक्ता न्यंट ने बताया कि आंग सू के साथ राष्ट्रपति विन म्यिंट और अन्य नेताओं को सोमवार को हिरासत में ले लिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘हम अपने लोगों से कहना चाहते हैं कि वे जल्दबाजी में जवाब न दें, वे कानून के मुताबिक कार्रवाई करें। अभी तक सेना की इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।’

म्यांमार में सेना है काफी मजबूत

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि सेना आज भी म्यांमार में राजनीतिक रूप से काफी मजबूत है, लेकिन सत्ता हथियाने की उसकी कोशिश को जनता का समर्थन मिलना अब मुश्किल है। यंगून स्थित तम्पादीपा इंस्टीट्यूट से जुड़े राजनीतिक विश्लेषक खिन जाव विन ने टीवी चैनल अल-जजीरा से कहा कि अगर ऐसा ने ऐसी कोशिश की, तो उसकी जनता में बहुत कड़ी प्रतिक्रिया होगी।

लोगों के मन अभी भी सैनिक शासन की याद ताजा है और वे इसकी सोच से ही नफरत करते हैं। खिन ने कहा कि अगर सेना ने सत्ता हथियाई तो उसे सड़कों पर विरोध झेलना पड़ सकता है।

म्यांमार की संसद की 498 सीटों के लिए चुनाव कराए गए थे। इनमें से 396 सीटें एनएनडी ने जीतीं। जानकारों में इस बात पर एकमत हैं कि ये जनादेश इतना बड़ा है कि सेना के लिए इसकी अनदेखी करना आसान नहीं होगा। इसके बावजूद इस समय सैनिक तख्ता पलट का भय मंडरा रहा है।

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