Samajwadi Party supports Bharat Band: किसानों के आंदोलन के साथ आए अखिलेश यादव, कहा- ‘भारत बंद’ को एसपी का पूरा समर्थन – samajwadi party supports bharat band of farmers

लखनऊ
8 दिसंबर को किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद का समाजवादी पार्टी की ओर से भी समर्थन किया गया है। समाजवादी पार्टी के अलावा कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी भारत बंद का समर्थन करते हुए देश भर में प्रदर्शन करने की बात कही है। अखिलेश यादव की एसपी के अलावा ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC), लालू प्रसाद यादव की राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD), तेलंगाना राष्‍ट्र समिति (TRS), राष्‍ट्रीय लोकदल (RLD) ने भी राष्‍ट्रव्‍यापी बंदी का साथ देने का फैसला किया है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी बंद के समर्थन का ऐलान किया है।

कृषि से जुड़े तीन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों का आंदोलन रविवार को लगातार 11वें दिन जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा समेत देश के अन्य हिस्सों से आए प्रदर्शनकारी किसान डटे हुए हैं। किसान संगठन आगामी मंगलवार को भारत बंद को सफल बनाने में जुटे हैं।

किसान नेताओं ने बताया कि उनका यह आंदोलन अब सिर्फ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका स्वरूप देशव्यापी बन चुका है और इसकी तस्वीर आठ दिसंबर को भारत बंद के दौरान साफ हो जाएगी।

जब प्रदर्शनकारियों से नोएडा के DCP ने कहा – हम भी किसानों की औलाद

किसान आंदोलन के साथ खड़े हुए हैं ये संगठन
किसानों ने भारत बंद के तहत ‘दिल्‍ली आने वाली सभी सड़कें ब्‍लॉक’ करने की चेतावनी दी है। टोल प्‍लाजाओं पर भी कब्‍जे की योजना है। केंद्र सरकार और कॉर्पोरेट्स के खिलाफ आंदोलन को और तेज किया जाएगा। राजनीतिक हलकों से इतर कई व्‍यापारिक यूनियनों और संगठनों ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।

राजनीति के चक्‍कर में न फंसें किसान: केंद्र
इधर, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने किसानों से अपील की है कि राजनीतिक दलों की साजिशों का शिकार नहीं हो चौधरी ने कहा, ‘मुझे लगता है (राज्‍यों में) कांग्रेस सरकार और विपक्ष किसानों को भड़का रहे हैं। देश के किसान इन कानूनों के साथ हैं लेकिन कुछ राजनीतिक लोग आग में घी डालने की कोशिश में हैं। मुझे पीएम (नरेंद्र) मोदी के नेतृत्‍व और किसानों पर भूरा भरोसा है। मुझे यकीन है कि किसान कोई ऐसा फैसला नहीं करेंगे जिससे देश में कहीं भी अशांति हो। इन कानूनों से उन्‍हें आजादी मिली है। मुझे नहीं लगता कि जो असली किसान हैं, अपने खेतों में काम कर रहे हैं, इससे परेशान हैं।’

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