नए संसद भवन की इमारत का भूमि पूजन 10 दिसंबर को करेंगे प्रधानमंत्री, 1300 से ज्यादा सांसदों के बैठने की होगी व्यवस्था
नए संसद भवन की इमारत का भूमि पूजन 10 दिसंबर को करेंगे प्रधानमंत्री,
1300 से ज्यादा सांसदों के बैठने की होगी व्यवस्था
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जानकारी देते हुए बताया है कि नए संसद भवन का भूमिपूजन 10 दिसंबर को दोपहर 1 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा.
ओम बिरला ने पीएम मोदी के आवास पर पहुंचकर उन्हें भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने के लिए आमंत्रित किया.
दरअसल, वर्तमान संसद भवन के पास नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है.
अंग्रेजों के जमाने में बना भारत का संसद भवन अब सिर्फ इतिहास में रह जाएगा. नया संसद भवन कैसा होगा, इसकी तस्वीर भी सामने आ गई है.
ओम बिरला ने आगे यह कहा कि भारत का लोकतंत्र और हमारी संसद समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं तथा पहले से कहीं अधिक सुदृढ़ और मजबूत हुए हैं. उन्होंने कहा कि नया संसद भवन भारत के लोकतंत्र की स्मारक होगा जो न केवल हमारे गौरवशाली इतिहास बल्कि भारतवासियों की शक्ति, विविधता और उद्यमिता का प्रतीक होगा.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का एक ऐसा मंदिर होगा जो राष्ट्र की विविधता को प्रतिबिंबित करेगा. यह पुराने संसद भवन से 17,000 वर्गमीटर बड़ा होगा. उन्होंने कहा कि इसे 971 करोड़ रुपये की लागत से 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा. टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को नए संसद भवन के निर्माण का ठेका दिया गया है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसका डिजाइन एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है.
बिरला ने यह भी कहा कि नए संसद भवन का डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन एंड मेनेजमेट प्राइवेट लिमिटेड ने अगले 100 साल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है. उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि नई दिल्ली और इसके आसपास के इलाके भूकंप क्षेत्र V में आते हैं, इसलिए नए भवन निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार भूकंप से सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपायों की व्यवस्था की जा रही है.
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम नए संसद भवन में दोनों सदनों के सत्र की शुरुआत करेंगे. नए संसद भवन में लोकसभा सदस्यों के लिए लगभग 888 सीटें और राज्यसभा सदस्यों के लिए 326 से अधिक सीटें होंगी. ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा हॉल 1224 सदस्यों को एक साथ समायोजित करने में सक्षम होगा.
लोकसभा और राज्यसभा कक्षों के अलावा नए भवन में एक भव्य संविधान कक्ष होगा. जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्प्ले आदि होंगे. संविधान कक्ष में आगंतुकों को जाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत की यात्रा के बारे में जान सकें (Photos: ANI & Animation)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को एक नए संसद भवन का शिलान्यास करेंगे और इसका निर्माण 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसकी अनुमानित लागत 971 करोड़ रुपये आएगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का मौजूदा मंदिर 100 साल पूरे कर रहा है। … हमारे देशवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि आत्मानिर्भर भारत के प्रमुख उदाहरण के रूप में नया भवन हमारे ही लोगों द्वारा बनाया जाएगा। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बिरला ने यहां नए प्रस्तावित भवन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नई इमारत देश की सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन करेगी। उम्मीद है कि आजादी की 75 वीं वर्षगांठ 2022 में नए संसद भवन में आयोजित होगी। बिरला ने कहा कि नई इमारत भूकंपरोधी होगी और नए भवन के निर्माण में 2000 लोग सीधे तौर पर और 9 हजार लोग अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होंगे।
भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ने को ध्यान में रखकर जाएगा नया भवन
उन्होंने कहा कि नई इमारत में 1,224 सांसद एक साथ बैठ सकते हैं। इसमें भविष्य में सांसदों की संख्या को बढ़ने के मद्देनजर नया भवन बनाया गया है, जबकि दोनों सदनों के सभी सांसदों के लिए एक नया कार्यालय परिसर मौजूदा श्रम शक्ति भवन में बनाया जाएगा। नए भवन में लोकसभा सदस्यों के लिए लगभग 888 सीटें होंगी और राज्यसभा सदस्यों के लिए 326 से अधिक सीटें होंगी। नया संसद भवन 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को परियोजना का ठेका दिया गया है। डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है।
1921 में रखी गई थी मौजूदा भवन की नींव
वहीं मौजूदा संसद भवन का संरक्षण किया जाएगा क्योंकि यह देश की पुरातात्विक संपत्ति है। मौजूदा इमारत ब्रिटिश युग की इमारत है, जिसे एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था, जो नई दिल्ली की योजना और निर्माण के लिए जिम्मेदार थे। मौजूदा संसद भवन का नींव का पत्थर 12 फरवरी, 1921 को रखा गया था। इसके निर्माण में छह साल लगे थे। उस समय संसद भवन की लागत 83 लाख रुपये आई थी। उद्घाटन समारोह 18 जनवरी, 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था।
काफी कुछ पुराने जैसी होगी नई संसद भवन की इमारत
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नई इमारत का स्वरूप मौजूदा संसद के समान होगा। उन्होंने कहा कि नई इमारत में एक तहखाना, भूतल, पहली और दूसरी मंजिलें होंगी और इसकी ऊंचाई भी पुरानी इमारत जैसी ही होगी, ताकि दोनों समरूपता में हों। ओम बिरला ने कहा कि निमंत्रण सभी राजनीतिक दलों को दिया जाएगा। कुछ लोग शारीरिक रूप से भाग लेंगे और अन्य लोग वर्चुअल उपस्थित होंगे। बिरला ने कहा कि 10 दिसंबर को सभी कोविड संबंधी दिशा- निर्देशों का पालन करते दोपहर 1 बजे शिलान्यास का कार्यक्रम होगा। नियमों के अनुसार, संसद के निचले सदन का अध्यक्ष संसद भवन का संरक्षक भी होता है।
नया भवन वायु और ध्वनि प्रदूषण से होगा मुक्त
नए संसद भवन के निर्माण कार्य के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं। इसमें सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे और जिन्हें ‘पेपरलेस ऑफिस’ बनाने की दिशा में एक कदम के रूप में नवीनतम डिजिटल इंटरफेस से लैस किया जाएगा। नई इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत के रूप में एक भव्य संविधान हॉल, संसद के सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी होगा।
मौजूदा संसद भवन के पास ही होगा
इस वर्ष सितंबर महीने में टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन के निर्माण के लिए बोली लगाई थी। नए भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत मौजूदा संसद भवन के करीब किया जाएगा। मौजूदा संसद भवन को संसदीय आयोजनों के लिए अधिक उपयुक्त कार्यात्मक स्थान प्रदान करने के लिए भव्य बनाया जाएगा, ताकि नए भवन के साथ इसका उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। मौजूदा इमारत 560 फीट व्यास की एक विशाल गोलाकार इमारत है। पार्लियामेंट हाउस एस्टेट एक सजावटी लाल बलुआ पत्थर की दीवार या लोहे के गेट से घिरा हुआ है, जिसे अवसरों की मांग के अनुसार बंद किया जा सकता है। भवन में कुल बारह द्वार हैं।