MASK – “मेरा-आपका सुरक्षा कवच”

लिखना जरूरी है..मास्क बोले तो, …

‘मेरा-आपका सुरक्षा कवच’

M – मेरा

A – आपका

S – सुरक्षा

K – कवच

 

कुछ नियमों का पालन कर हम स्वयं के साथ ही दूसरों का भी कोरोना से बचाव कर सकते हैं। लेकिन भारत जैसे अधिकतम जनसंख्या वाले देश में यह भी कठिन काम लगता है। इसका कारण है हमारा अनुशासित न होना। इसी कारण ज्यादातर लोग बिना मास्क ही घूमते नजर आते हैं। इसके उलट बच्चों ने इसका एक अनोखा उपाय निकाला है। वह मास्क की फुल फार्म ‘मेरा-आपका सुरक्षा कवच’ बताकर हर उम्र के लोगों को सीख दे रहें हैं। सभी को बच्चों से लगाव होता है, जिसके कारण बच्चों की बात आसानी से मान ली जाती है। सरल व प्रेमपूर्वक बातों के जरिए बच्चे अपने माता-पिता, दादा-दादी एवं आसपास के लोगों को मास्क पहनने, नियमित तौर पर हाथ साबुन और पानी से धोने व दूसरों से उचित दूरी बनाकर रखने के लिए आसानी से मना लेते हैं।

अगर कोई सदस्य घर से बाहर बिना मास्क व सैनिटाइजर के जाता है तो बच्चे जिद करके उन्हें मास्क पहनने के लिए तैयार कर लेतें है। बच्चों की यह कोशिश सराहनीय है। अब सबने मास्क व सैनिटाइजर को अपनी आदत में शामिल कर लिया है। अत: मेरी आप सभी से यही विनती है कि महामारी के समय घबराएं नहीं। सूझबूझ व समझदारी के साथ आगे बढ़ें। मेरे पास मास्क है, सैनिटाइजर है, मैं दूसरों से उचित दूरी बनाकर रखता हूं, मैं तैयार हूं। यह बोलकर खुद को मानसिक रूप से शाक्तिशाली बनाए रखें।

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