Operation Cancer in Madhya Pradesh Wadhwani sent ghutka trafficking Pakistan
Publish Date: | Thu, 18 Jun 2020 11:17 PM (IST)
Operation Cancer in Madhya Pradesh : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। गुटखा तस्करी के तार अब दुबई और पाकिस्तान से जुुड़ गए हैं। सैकड़ों करोड़ रुपये की कर चोरी के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी डीजीजीआइ ने गुटखा कारोबारी किशोर वाधवानी को मास्टरमाइंड करार दिया है। जांच एजेंसी के अनुसार गुटखा तस्करी के जरिए न केवल सैकड़ों करोड़ रुपये की कर चोरी की गई बल्कि उससे कमाया पैसा दुबई और पाकिस्तान भी भेजा गया। इस मामले में कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने ट्वीट किया है।
क्या यह सच है की गुटका किंग को इंदौर के किसी बड़े अधिकारी का संरक्षण था …क्या DRI ने पाया की लॉक डाउन के दौरान 70 से अधिक मालवाहन गाड़ियों को पास बनाकर दिए गए थे :: साथ ही Mb पर 50 से अधिक बार चर्चा की थी :: @ChouhanShivraj क्या #अधिकारी कोरोना से जंग या बिज़्नेस कर रहे है।
— Vivek Tankha (@VTankha) June 18, 2020
डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) ने किशोर वाधवानी को विशेष न्यायालय में पेश में किया। वाधवानी ने मेडिकल आधार पर कोर्ट से जमानत मांगी। कोर्ट ने जमानत की अर्जी खारिज करते हुए वाधवानी को 22 जून तक रिमांड पर जांच एजेंसी को सौंप दिया। जांच एजेंसियों ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी कि वाधवानी ने खुद को दुबई का नागरिक बताया है।
गुटखा तस्करी के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन कर्क में 15 जून को डीजीजीआइ ने गुटखा कारोबारी वाधवानी को मुंबई की एक होटल से गिरफ्तार किया था। गुरुवार दोपहर जांच एजेंसी वाधवानी को विशेष न्यायालय लेकर पहुंची। मामले पर न्यायालय में करीब ढाई घंटे तक सुनवाई चली। सुरक्षा के मद्देनजर कोर्ट परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।
कर चोरी की रकम से दुबई में खड़ा किया होटल
डीजीजीआइ के जांच अधिकारी अंकुर बारिया ने कोर्ट को बताया कि जांच में अब तक पता चला है कि गुटखा तस्करी में जो कर चोरी की गई, उससे आरोपित वाधवानी ने दुबई में एक होटल बनाया। टैक्स चोरी के रुपयों का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान भी भेजा गया। जांच एजेंसी के वकील चंदन ऐरन ने न्यायालय को बताया कि गुटखा तस्करी के मामले में अब तक चार आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। उन्होंने कबूल किया है कि टैक्स चोरी के पूरे मामले का मुख्य षड्यंत्रकर्ता वाधवानी ही है।
बालाजी ट्रेडिंग नामक एक फर्जी फर्म भी वाधवानी ने इसीलिए बनाई थी जिससे टैक्स चोरी के पूरे रुपयों को इधर-उधर किया जा सके। जांच एजेंसी ने कोर्ट से कहा कि विदेशी कनेक्शन के साथ ही टैक्स चोरी के मामले में वाधवानी से पूछताछ कर सबूत इकट्ठे करना है। लिहाजा 22 जून तक का रिमांड दिया जाए। इस पर वाधवानी के वकील ने आपत्ति लेते हुए कहा कि आरोपित का ताल्लुक गुटखा तस्करी में पकड़े गए संजय माटा से नहीं है।
उन्होंने वाधवानी की खराब सेहत का भी हवाला देते हुए जमानत की मांग की। जांच एजेंसी के वकील ने कोर्ट से कहा कि इस प्रकरण में चार आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। इनके नाम संजय माटा (पाकिस्तानी पासपोर्ट धारक), विजय नायर, अशोक डागा और अमित बोथरा हैं।
इन सभी आरोपितों ने पूछताछ में कबूल किया है कि वाधवानी ही गुटखा तस्करी कर टैक्स चोरी करने वालेगिरोह का मास्टरमाइंड है। 70 जीएसटी एक्ट में पूर्व में गिरफ्तार चारों आरोपितों के बयान भी जांच एजेंसी के वकील चंदन ऐरन ने कोर्ट के समक्ष पेश किए। कोर्ट ने जांच एजेंसी के वकील के तर्कों से सहमत होकर किशोर वाधवानी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
मुंबई कोर्ट में कहा- कोरोना है, जांच करवाई तो रिपोर्ट आई निगेटिव
जांच एजेंसियों ने कोर्ट को यह भी बताया कि आरोपित वाधवानी को मुंबई कोर्ट में पेश करने के दौरान उसने न्यायालय में कहा कि उसे कोरोना है। जब जांच करवाई गई तो उसकी कोविड-19 की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई। एजेंसियों के अधिकारियों ने न्यायालय को गुमराह करने वाला बयान बताते हुए इसकी भी जानकारी न्यायालय में दी थी।
इन बिंदुओं के आधार पर मांगा रिमांड
जांच एजेंसियों ने वाधवानी का रिमांड पाने के लिए निम्न बिंदु प्रस्तुत किए- -वाधवानी से पूछताछ कर टैक्स चोरी से संबधित दस्तावेज जब्त करना है। -टैक्स चोरी में शामिल अन्य व्यक्तियों के बारे में जानकारी हासिल करना है। -आरोपित द्वारा प्रेस की आड़ में कर चोरी करने से जुड़े साक्ष्य एकत्रित करना हैं। -कर चोरी की राशि पाकिस्तान और दुबई चोरी-छिपे भेजने के मामले में अनुसंधान करना है। -कर चोरी में विदेशी व्यक्तियों की संलिप्तता के लिए अनुसंधान करना है।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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