Where the LAC is concerned any attempt to unilaterally change the status quo is unacceptable says EAM S Jaishankar on ties with China – चीन से तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले

चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच भारत ने साफतौर पर कह दिया है कि बॉर्डर पर यथास्थिति में परिवर्तन का कोई भी एकतरफा प्रयास अस्वीकार्य है। शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ रिश्तों पर कहा कि जहां तक एलएसी की बात है तो यथास्थिति में परिवर्तन को कोई भी एकतरफा प्रयास अस्वीकार्य है।

चीन के साथ रिश्तों को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि तीन दशकों तक संबंध स्थिर रहे क्योंकि दोनों देशों ने नई परिस्थितियों और विरासत में मिली चुनौतियों का समाधान किया। सीमा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण माहौल ने अन्य क्षेत्रों में समन्वय के विस्तार के लिए आधार उपलब्ध कराया। महामारी सामने आने के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए दोनों देशों के बीच के समझौतों का पूरी समग्रता के साथ निष्ठापूर्वक सम्मान किया जाना चाहिए। वह सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान दे रहे थे जिसका आकाशवाणी से प्रसारण किया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि उन धारणाओं में परिवर्तन से संबंध अप्रभावित नहीं रह सकते जो इसे रेखांकित करती हैं। 

बता दें कि पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और अमन-चैन गंभीर रूप से बाधित हुए हैं और जाहिर तौर पर इससे भारत तथा चीन के बीच संपूर्ण रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं। जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पांच महीने से अधिक समय से सीमा गतिरोध की पृष्ठभूमि में ये बयान दिए जहां प्रत्येक पक्ष ने 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है।

जयशंकर ने अपनी पुस्तक ‘द इंडिया वे पर आयोजित एक वेबिनार में पिछले तीन दशकों में दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच संबंधों के विकास के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में कहा कि चीन-भारत सीमा का सवाल बहुत जटिल और कठिन विषय है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के संबंध ‘बहुत मुश्किल दौर में हैं जो 1980 के दशक के अंत से व्यापार, यात्रा, पर्यटन तथा सीमा पर शांति के आधार पर सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से सामान्य रहे हैं।

बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले पांच महीने से भी अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बना हुआ है जिससे संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। दोनों पक्षों के बीच राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन गतिरोध समाप्त नहीं हो सका है।

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