UP Panchayat Chunav 2021: UP panchayat chunav ke liye state election commission ne jari ki guidelines: यूपी पंचायत चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग ने जारी की गाइडलाइंस
हाइलाइट्स:
- पंचायत चुनाव में होने वाली गड़बड़ियों पर अब सख्त कार्रवाई की हो रही है तैयारी
- यूपी निर्वाचन आयोग ने पंचायती चुनाव में कदम रखने वाले दावेदारों के लिए जारी की गाइडलाइन
- आयोग की ओर से जारी गाइडलाइंस का पालन ना करना पड़ सकता है प्रत्याशियों को भारी
उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इसी के चलते पंचायती चुनाव की सूची में दर्ज होने वाले दावेदारों की ओर से हमेशा से होने वाली गड़बड़ियों को ध्यान में रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग इस बार सख्ती का रुख अपनाने जा रहा है। उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग ने पंचायती चुनाव में कदम रखने वाले सभी दावेदारों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी हैं। आयोग की तरफ से जारी गाइडलाइंस का पालन ना करना दावेदारों पर भारी पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग की ओर से त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव के लिए जारी की गई गाइडलाइंस की तरफ यदि ध्यान दें तो इस बार पंचायती चुनाव का प्रत्याशी किसी भी पूर्व या वर्तमान सांसद/विधायक, पूर्व या वर्तमान मंत्री, ब्लॉक प्रमुख आदि को अपना एजेंट नहीं बना सकता है। इसके साथ ही अपने चुनाव प्रचार के लिए सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लगाने पर भी रोक लगा दी गई है। आयोग की तरफ से जारी नियमों के अनुसार, प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार में आयोग की अनुमति लिए बगैर किसी भी वाहन का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
आपत्तिजनक शब्दों पर भी रोक
गाइडलाइंस में किसी मतदाता को मतदान करने, उसे मतदान करने से रोकने अथवा उसे मतदान के लिए लालच देने पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे मामले से जुड़ी शिकायत आने पर आयोग प्रत्याशी पर दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है। इसके साथ ही प्रत्याशी की ओर से चुनाव प्रचार के दौरान लिखित या मौखिक रूप से प्रयोग किए जाने वाले आपत्तिजनक शब्दों पर भी रोक लगा दी गई है। किसी दावेदार की ओर से ऐसा करने पर राज्य निर्वाचन आयोग कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
इन नियमों का पालन भी है जरूरी
चुनाव जीतने के लिए जाति धर्म पर वोट मांगने वाली नीति का इस्तेमाल करना भी इस बार दावेदारों पर भारी पड़ सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग में उसके लिए भी सख्ती दिखाते हुए कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। आयोग के मुताबिक, चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी प्रत्याशी जाति और धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग सकता है। इसके साथ ही चुनाव प्रचार के दौरान दूसरे प्रत्याशी पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से आरोपी प्रत्याशी की दावेदारी खतरे में पड़ सकती है। इतना ही नहीं, आयोग ने किसी अन्य को जबरन चुनाव में न खड़ा करने का भी निर्देश दिया है। आयोग का कहना है कि चुनाव लड़ने का फैसला हर प्रत्याशी का व्यक्तिगत और स्वेच्छा से होना चाहिए।
पंचायत चुनाव को लेकर गाइडलाइन जारी