France Airstrike In Mali Today Latest Update; 50 Al-qaeda Terrorists Killed By Forces | अलकायदा के काफिले पर मिसाइलों से हमला, 50 आतंकी मारे गए
बमाको36 मिनट पहले
फ्रांस ने माली में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है। दावा है कि इस हमले में अलकायदा के करीब 50 आतंकी मारे गए हैं। फ्रांस की सेना के प्रवक्ता कर्नल फ्रेडरिक बार्बरी ने बताया कि चार आतंकी पकड़े गए हैं। एक फिदायीन जैकेट जब्त की गई है। यह संगठन यहां सेना के ठिकाने पर हमला करने वाला था। बुर्कीना फासो और नाइजर की सीमा के पास फ्रांसीसी ड्रोन को मोटरसाइकिलों का एक काफिला नजर आया था। इस पर दो मिराज विमानों से मिसाइल दागी गईं।
फ्रांस ने पिछले हफ्ते इस इलाके में जिहादियों के खिलाफ अभियान शुरू किया था। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा, “मैं एक ऐसे ऑपरेशन के बारे में बताना चाहूंगी जो बेहद अहम है। इसे 30 अक्टूबर को अंजाम दिया गया। इसके तहत 50 से अधिक आतंकियों को मारा गया है और भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए हैं।”
आईएस आतंकियों के खिलाफ भी चलाया जा रहा ऑपरेशन
सेना के प्रवक्ता बार्बरी ने यह भी बताया कि माली में आईएस आतंकियों की विंग ‘इस्लामिक स्टेट इन ग्रेटर सहारा’ के खिलाफ भी एक ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसमें 3000 सैनिकों को लगाया गया है। यह ऑपरेशन करीब एक महीने पहले शुरू किया गया था। इसके नतीजे आने वाले दिनों में बताए जाएंगे। यूनाइटेड नेशंस ने शांति अभियानों के तहत माली में 13 हजार सैनिकों की तैनाती की है। वहीं, फ्रांस ने इस इलाके में 5100 सैनिकों को तैनात किया है।
फ्रांस में धार्मिक टकराव में हुए हमले
धार्मिक टकराव के कारण दो हफ्ते के अंदर हुए दो हमलों ने फ्रांस को हिला दिया है। पहले पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने वाले टीचर का सिर उन्हीं के छात्र ने कलम कर दिया था। इसके बाद नीस में चर्च के बाहर चाकू मारकर तीन लोगों की हत्या कर दी गई। शनिवार को भी एक अज्ञात बंदूकधारी ने चर्च में पादरी को गोली मार दी थी। इस मामले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने हमलों को बताया था इस्लामिक आतंकवाद
लगातार हो रहे हमलों के कारण सरकार ने फ्रांस में तैनात सैनिकों की संख्या दोगुनी कर दी है। मैक्रों ने इन घटनाओं को इस्लामिक आतंकवाद करार दिया था। इसके बाद से ही वे मुस्लिम देशों के नेताओं के निशाने पर हैं। कई देशों में फ्रांसीसी सामान के बहिष्कार के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
‘कार्टून का समर्थन नहीं करते’
एक मीडिया हाउस से बातचीत में फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा था कि पूरे मामले को गलत तरीके से समझा जा रहा है। वे पैगंबर मोहम्मद के कार्टून का समर्थन नहीं करते। इस कार्टून से कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके बाद भी देश में अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा की जाएगी। इसमें कार्टून छपना भी शामिल है।