Manohar Lal Khattar Vs Capt. amarinder Singh Twitter War Over Haryana Punjab Farmers Protest March In Delhi | मनोहर लाल बोले- अमरिंदर किसानों को भड़का रहे हैं, अमरिंदर ने कहा- फिर हरियाणा के किसान दिल्ली क्यों जा रहे
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चंडीगढ़24 मिनट पहले
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केंद्र सरकार के खेती से जुड़े कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली चलो का नारा बुलंद करके सड़कों पर उतर आए हैं। पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ हरियाणा बॉर्डर पर उनकी झड़पें भी हुई हैं। एक तरफ किसान और पुलिस आमने सामने हैं तो दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री ट्विटर पर टकरा रहे हैं।
दरअसल, कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने 26 और 27 नवंबर को बड़े प्रदर्शन की तैयारी की है। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने भी इंतजाम किए हैं। ऐसे में जब हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली की ओर निकले तो पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया।
अमरिंदर ने कहा- खट्टर जी किसानों को मत रोकिए
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को टैग करते हुए ट्वीट किया कि यह बहुत दुख की बात है कि संविधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्हें जाने दीजिए खट्टर जी। उन्हें मत धकेलिए। किसानों को अपनी आवाज शांति से दिल्ली तक पहुंचाने दीजिए।
मनोहर लाल बोले- आप सिर्फ ट्वीट करते हैं
कैप्टन अमरिंदर सिंह को जवाब देने के लिए मनोहर लाल ने लगातार तीन ट्वीट किए।
इसके जवाब में मनोहर लाल ने ट्वीट किया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जी, मैं फिर कह रहा हूं। मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) पर कोई परेशानी होगी। इसलिए किसानों को उकसाना बंद कीजिए। मैं पिछले तीन दिन से आपसे बात करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन दुख की बात है कि आप लगातार अनरिचेबल हैं। इससे पता चलता है कि किसानों के मुद्दों पर आप कितने गंभीर हैं। आप सिर्फ ट्वीट कर रहे हैं। बात करने से भाग जाते हैं।
अमरिंदर का जवाब- आपकी प्रतिक्रिया से हैरान हूं
Shocked at your response @mlkhattar ji. It’s the farmers who’ve to be convinced on MSP, not me. You should’ve tried to talk to them before their #DilliChalo. And if you think I’m inciting farmers then why are Haryana farmers also marching to Delhi?
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 26, 2020
अमरिंदर सिंह ने भी इसका जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि आपकी प्रतिक्रिया से मैं शॉक्ड हूं एमएल खट्टर जी। किसानों को MSP पर आश्वस्त होना है, मुझे नहीं। किसानों के दिल्ली जाने से पहले आपको उनसे बात करने की कोशिश करनी चाहिए थी। अगर आपको लगता है कि मैं किसानों को उकसा रहा हूं तो हरियाणा के किसान दिल्ली के लिए क्यों मार्च कर रहे हैं?
उन्होंने एक और ट्वीट किया। इसमें लिखा कि लगभग 2 महीने से किसान बिना किसी समस्या के पंजाब में शांति के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ताकत का इस्तेमाल करके उन्हें क्यों उकसा रही है? क्या किसानों को पब्लिक हाईवे से शांति से गुजरने का हक नहीं है?
सुखबीर बादल ने कहा- आज का दिन किसानों के लिए 26/11
इस लड़ाई में कभी BJP का सहयोगी रहा शिरोमणि अकाली दल भी कूद गया। पार्टी के चीफ सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि आज पंजाब का 26/11 है। हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध के अधिकार को खत्म होते देख रहे हैं। अकाली दल किसान आंदोलन को दबाने के लिए हरियाणा सरकार और केंद्र की निंदा करता है। पंजाब के किसानों की लड़ाई को वाटर कैनन से नहीं रोका जा सकता।
Today is Punjab’s 26/11. We are witnessing the end of the right to democratic protest. @Akali_Dal_ condemns the Haryana govt & Centre for choosing to repress the peaceful farmer movement.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) November 26, 2020
बादल ने कहा कि किसान किसी भी सियासी झंडे के तले अपना अभियान शुरू नहीं करना चाहते हैं। सभी दलों के किसान इस (फार्म लॉ) मुद्दे पर एकजुट हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इसमें सबसे अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने इन कानूनों का बिल्कुल विरोध नहीं किया।