Prime Minister Narendra Modi on Pulwama terror attack: Truth accepted in Pak Parliament | प्रधानमंत्री बोले- पुलवामा हमले में वीर बेटों के जाने से देश दुखी था, तब कुछ लोग दुख में शामिल नहीं थे
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केवडिया, गुजरात22 मिनट पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का शनिवार को दूसरा दिन था। शनिवार को ही सरदार पटेल की 145वीं जयंती भी है। इस मौके पर मोदी ने केवडिया में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के पास हुए एकता दिवस के प्रोग्राम को संबोधित किया। इसमें अनुच्छेद 370 और पुलवामा हमले की बात की।
मोदी ने किसी का नाम लिए बिना विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “देश कभी भूल नहीं सकता कि पुलवामा हमले के बाद जब वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे। वे पुलवामा हमले में भी अपना राजनीतिक स्वार्थ खोज रहे थे।”
37 मिनट के भाषण में मोदी की 5 बड़ी बातें
1. ‘पुलवामा हमले के वक्त भद्दी राजनीति चरम पर थी’
देश कभी भूल नहीं सकता कि जब वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे। वो पुलवामा हमले में भी अपना राजनीतिक स्वार्थ खोज रहे थे। देश भूल नहीं सकता कि कब कैसी-कैसी बातें कही गईं, कैसे-कैसे बयान दिए गए। देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी। उस समय उन वीरों की तरफ देखते हुए मैंने विवादों से दूर रहते हुए सारे आरोपों को झेलता रहा। भद्दी-भद्दी बातें सुनता रहा। मेरे दिल पर वीर शहीदों का गहरा घाव था।
#WATCH The way the truth (about Pulwama attack in India) has been admitted in the parliament of the neighbouring country, it has exposed the real faces of those who did politics over the incident, says PM Modi in Gujarat pic.twitter.com/lePhMUBJlV
— ANI (@ANI) October 31, 2020
2. ‘पड़ोसी देश ने सच कबूला, भद्दी राजनीति करने वालों का असली चेहरा सामने आया’
लेकिन, पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो खबरें आईं हैं, वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उससे इन लोगों का असली चेहरा देश के सामने आ गया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ये लोग किस हद तक जा सकते हैं। पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति इसका उदाहरण है।
3. ‘राजनीतिक दल देश-विरोधी ताकतों के हाथों में न खेलें’
ऐसे दलों और लोगों से विशेष आग्रह करूंगा कि सरदार साहब के प्रति श्रद्धा है तो देशहित में, देश की सुरक्षा के हित में हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए ऐसी राजनीति नहीं करें, ऐसी चीजों से बचें। अपने स्वार्थ के लिए जाने-अनजाने आप देश विरोधी ताकतों के हाथों में खेलकर, उनका मोहरा बनकर, न आप देश का हित कर पाएंगे, न अपने दल का। हमें याद रखना है कि हमारे लिए सर्वोच्च हित देश-हित है।
4. बिना नाम लिए चीन-पाकिस्तान को चुनौती
सीमा पर हमारा नजरिया बदला है। हमारी तरफ नजर उठाने वालों को हमारे जवान जवाब देने में सक्षम है। संप्रभुता-सम्मान की रक्षा के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। कई चुनौतियां भी हैं, जिनका सामना भारत और पूरी दुनिया कर रही है। बीते समय से कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में सामने आ गए हैं, वे शांति चाहने वालों के लिए चिंता बने हुए हैं। दुनिया के सभी पंथों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। भारत कई दशकों से आतंकवाद का भुक्तभोगी रहा है। इसमें हमने कई वीर जवान खो दिए। कई माताओं ने अपने लाल, बहनों ने भाई खोए। आतंकवाद को हमने अपनी इच्छाशक्ति से जवाब दिया है।
4. ‘अनुच्छेद 370 हटने से पटेल साहब का सपना पूरा हुआ’
पटेल को याद करते हुए मोदी ने अनुच्छेद 370 की बात भी छेड़ी। उन्होंने कहा कि देश में कई ऐसे काम हुए हैं जो असंभव मान लिए गए थे। देश आज राम मंदिर बनते देख रहा है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने का एक साल पूरा हो गया है। सरदार साहब के रहते उन्हें ही यह जिम्मेदारी दे दी जाती, तो यह काम हमें नहीं करना पड़ता। कश्मीर से 370 हटाना सरदार साहब का सपना था। कश्मीर अब विकास के रास्ते पर बढ़ चुका है।