Health Minister said – Corona’s UK strain in Rajasthan confirmed by genome sequencing report, now genome sequencing of corona virus will also happen in SMS of Jaipur | गांव-गांव में बढ़ते संक्रमण के पीछे यही सबसे बड़ा कारण, 25 दिन में एक्टिव केस दोगुना होने की आशंका
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जयपुरएक घंटा पहले
राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर के घातक होने के पीछे वायरस का UK स्ट्रेन है। जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। यही वजह है कि राज्य के गांव-गांव में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक 25 दिन में एक्टिव केस दोगुना होने की आशंका है।
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अभी दो-तीन दिन पहले ही रिपोर्ट आई, उसमें पता चला कि राजस्थान में यूके का स्ट्रेन है। जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा पूरे देश में 10 जगह है, वह भारत सरकार के नियंत्रण में है। सारे राज्य वहां पर रेगुलर अपने सैंपल भेजते रहते हैं। पिछले दिनों पेंडेंसी ज्यादा थी, हमने अप्रोच किया ताकि हमें पता चले कि प्रदेश में कोरोना का कौन सा स्ट्रेन लोगों को बीमार कर रहा है।
8 अप्रैल से तेजी से बढ़ रहे केस
कोरोना के यूके स्ट्रेन मिलने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग सजग हो गया है। यूके स्ट्रेन तेजी से फैलता है। इसका सबूत राजस्थान में कोरोना के आंकड़े हैं। राजस्थान में 8 अप्रैल के बाद तेजी से कोरोना के केस बढ़े हैं। 8 अप्रैल को प्रदेश में 3526 पॉजिटिव केस आए थे और 21 हजार कुल एक्टिव केस थे। 11 मई को एक्टिव केस 2.05 लाख का आंकड़ा पार कर चुके हैं और रोजाना आने वाले केस 17 हजार के आसपास हैं। पिछले 8-10 दिन से रोज 16 से 18 हजार के आसपास पॉजिटिव केस आ रहे हैं।
6 जून तक प्रदेश में 4 लाख एक्टिव केस का अनुमान
यूके स्ट्रेन तेजी से फैलता है, यही वजह है कि इस बार शहर के साथ गांवों में भी कोरोना फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 40% केस ग्रामीण इलाकों से आ रहे हैं, कोरोना से 40% के आसपास मौतें भी ग्रामीण इलाकों में हो रही हैं। प्रदेश में अभी 2.05 लाख एक्टिव केस हैं, 26 दिन बाद यानी 6 जून के आसपास ही प्रदेश में 4 लाख एक्टिव मरीज हो जाएंगे।
जयपुर के SMS मेडिकल कॉलेज में शुरू होगी जीनोम सिक्वेंसिंग
राजस्थान सरकार ने अब राजधानी जयपुर के SMS मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू करने का फैसला किया है। अब तक जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए बाहर सैंपल भेजने होते थे। वहां से रिपोर्ट आने में काफी वक्त लगता है। राजस्थान में भी यूके स्ट्रेन का पता काफी देरी से लगा। अगर स्थानीय स्तर पर जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा होती तो वायरस के स्ट्रेन का पता जल्दी लग सकता था, जिससे इलाज के पैटर्न में बदलाव कर मरीजों की जान बचाने के साथ इसका फैलाव रोका जा सकता था।
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अब हमने जीनोम सिक्वेंसिंग का काम जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में शुरू करने का फैसला किया है। विभाग के अफसर इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। यह सुविधा जयपुर में शुरू होने से वायरस के सिंगल, डबल या ट्रिपल म्यूटेंट होने और स्ट्रेन का पता लग जाएगा। इससे हमें लाइन ऑफ ट्रीटमेंट में मदद मिलेगी और जल्द बेहतर उपचार शुरू हो सकेगा।