लायन ने हिंदी शिक्षक को किया सम्मानित
लायन ने हिंदी शिक्षक को किया सम्मानित
राउरकेला : वेदव्यास स्थित व्यास हाई स्कूल के हिंदी शिक्षक श्रीमती सुप्रिया महाराणा
को आज हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर लायंस क्लब के डिस्ट्रिक्ट 322C2 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लायंस राकेश कुमार सिंह ने आकर्षक शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सर्वप्रथम उपस्थित शिक्षकों ने हिंदी भाषा की महत्ता पर प्रकाश डाला फिर उपस्थित लायंस क्लब के पदाधिकारियों ने भी अपनी अपनी जानकारी साझा की। लायंस क्लब के पदाधिकारियों में आर के सिंह के अलावा लायन किरण प्रसाद मेहर, लायंस क्लब ऑफ राउरकेला वेदव्यास ग्रेटर के अध्यक्ष प्रकाश धल और लायंस क्लब ऑफ राउरकेला वेदव्यास त्रिवेणी के अध्यक्ष प्रमोद कुमार नतुल्य आदि उपस्थित थे। और अंत में स्कूल शिक्षक गिरीश चंद्र पांडा ने सबों का धन्यवाद ज्ञापन किया ।
मुख्य वक्ता आर के सिंह प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। और यह एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सव है. इस दिन को मनाकर हम अपनी मातृभाषा हिंदी के महत्व को याद करते हैं और इसका सम्मान करते हैं. हिंदी, भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है। यह भाषा देशभक्ति, संस्कृति और समृद्धि का प्रतीक है. हिंदी हमारे संविधान की अधिकारिक भाषा है और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में महत्वपूर्ण है. हिंदी दिवस के अवसर पर, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए. हमें इसे सीखना, उसका सदुपयोग करना, और उसका संरक्षण करना चाहिए. हमें हिंदी की बढ़ती उपयोगिता को समझना चाहिए, ताकि हम अपने विचारों को सही ढंग से व्यक्त कर सकें. हिंदी दिवस के मौके पर हमें हमारे देश की एकता को और मजबूत बनाने के लिए हिंदी के महत्व को प्रमोट करना चाहिए, ताकि हम सभी भारतीय एक होकर आगे बढ़ सकें. हिंदी दिवस के मौके पर, हमें यह भी याद दिलाना चाहिए कि हमारी भाषा हमारी संस्कृति, गाथाएं, और इतिहास का प्रतीक है. हिंदी का सही ज्ञान हमें हमारे देश की धरोहर को समझने में मदद करता है। और हमारे बच्चों को हमारे संस्कृति के मूल मूल्यों को सीखने में मदद करता है. हिंदी के महत्व को समझकर हमें इसे बचाने और बढ़ावा देने का प्रतिबद्ध रहना चाहिए. हमें विद्यालयों और समाज में हिंदी का उचित प्रयोग करना चाहिए ताकि यह भाषा हमें हमेशा जोड़े रहे और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में आगे बढ़ सके. इसी तरह, हिंदी दिवस हमें हमारे देश के सांस्कृतिक धरोहर के प्रति समर्पित और जागरूक बनाता है, और हमें यह याद दिलाता है कि हमारी मातृभाषा हमारी गर्व और पहचान का प्रतीक है.