West Bengal: मुख्य सचिव मामले में ममता बनर्जी ने चला बहुत बड़ा दांव, केंद्र सरकार को दी सीधी चुनौती, जानें विस्तार से
West Bengal: मुख्य सचिव मामले में ममता बनर्जी ने चला बहुत बड़ा दांव, केंद्र सरकार को दी सीधी चुनौती, जानें विस्तार से
नई दिल्ली: केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच ताजा विवाद का केंद्र बने मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा दांव चल दिया है। दरअसल, मुख्यमंत्री बनर्जी ने बंद्योपाध्याय को अगले तीन वर्षों के लिए अपना मुख्य सलाहाकार नियुक्त कर दिया है। इस तरह बंद्योपाध्याय को अब दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। गौरतलब है कि बंधोपाध्याय को केंद्र ने सोमवार सुबह को ही दिल्ली बुलाया था, पर वो नहीं पहुंचे। इसके बाद केंद्र सरकार ने अलापन को कारण बताओ नोटिस भेजा था।
ये है विवाद
बीते शुक्रवार को, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाए गए चक्रवात यास पर एक समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने के बाद केंद्र ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के पत्र के माध्यम से बंद्योपाध्याय का ट्रांसफर किया।
डीओपीटी के पत्र में कहा गया है, “मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (कैडर) नियम, 1954 के प्रावधानों के अनुसार भारत सरकार के साथ बंद्योपाध्याय की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है।”
इसने बंद्योपाध्याय को सोमवार को सुबह 10 बजे तक नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने के लिए भी कहा। बनर्जी ने इस कदम की निंदा की और बंद्योपाध्याय को वापस बुलाने के केंद्र के फैसले को ‘असंवैधानिक और अवैध’ बताया। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से तबादला आदेश वापस लेने की अपील की।
नहीं जाने दिया दिल्ली
दरअसल पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय का तबादला केंद्र द्वारा आनन-फानन में करने के तीन दिन बाद राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार ने बंद्योपाध्याय ट्रांसफर को मंजूरी नहीं दी। सूत्रों के हवाले से एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बंद्योपाध्याय को राज्य में उनके कर्तव्यों से मुक्त नहीं किया गया।
बता दें कि 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंद्योपाध्याय 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। हालांकि, उन्हें केंद्र द्वारा COVID-19 पर काम करने के लिए विस्तार दिया गया था।