श्री अतनु भौमिक ने किया सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी के रूप में कार्यभार ग्रहण

श्री अतनु भौमिक ने किया सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी के रूप में कार्यभार ग्रहण

श्री अतनु भौमिक ने 11 फरवरी 2022 को सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आर.एस.पी.) के निदेशक प्रभारी के रूप में पदभार ग्रहण किया है। आर.एस.पी. में पदभार ग्रहण करने से पहले, श्री भौमिक सेल, बोकारो स्टील प्लांट के कार्यपालक निदेशक (संकार्य) थे।

श्री भौमिक एन.आई.टी. (पूर्ववर्ती आर.ई.सी.), राउरकेला से मेटलॉर्जी इंजीनियरिंग में बी-टेक की पढ़ाई पूरा करने के बाद 1988 में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में नियुक्तम हुए।
उनकी पहली नियुक्ति आर.एस.पी. के ब्लास्ट फर्नेस विभाग में हुई थी, जहां उन्होंने 29 वर्षों तक कार्य किया, विभिन्न पदों पर सेवा प्रदान करते हुए, लौह उत्पादन की बारीकियों को सीखा और कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता और समर्पण के बल पर पदानुक्रम लगातार बढ़ते रहे। उन्हें वर्ष 2016 में महा प्रबंधक (जिसे बाद में मुख्य महा प्रबंधक के रूप में नामित किया गया) के पद पर पदोन्नत किया गया। इसके बाद दिसंबर 2018 में, श्री भौमिक ने सेवा क्षेत्र का कार्यभार संभाला और उसके बाद मई 2019 में, उन्हें आर.एस.पी. के परियोजनाओं का प्रमुख बनाया गया।
अक्तूखबर 2019 में कार्यपालक निदेशक के पद पर पदोन्नती के साथ उन्हें बोकारो स्टील प्लांट में नियुक्त किया गया। बोकारो में कार्यपालक निदेशक (ऑपरेशन) के रूप में अपने एक छोटे से कार्यकाल के बाद, श्री भौमिक ने फरवरी 2020 में कार्यपालक निदेशक (संकार्य) की जिम्मेदारी संभाली।
अपने समृद्ध अनुभव और विशेषज्ञता के साथ श्री भौमिक ने बोकारो में एक सांस्कृतिक परिवर्तन की शुरुआत की, जिससे अधिक सामंजस्यपूर्ण कार्य वातावरण, मजबूत परिचालन अनुशासन के साथ-साथ उच्च उत्पादन, उत्पादकता और लाभप्रदता हुई।
उल्लेखनीय है कि, दूसरी पीढ़ी के स्टील मैन, श्री अतनु भौमिक स्वर्गीय बी.बी.भौमिक के सुपुत्र हैं, जो वर्ष 1992 में आर.एस.पी. के सामग्री प्रबंधन विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। राउरकेला में जन्मे और पले-बढ़े, श्री भौमिक ने इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने से पहले राउरकेला के सेंट पॉल स्कूल से स्कूली शिक्षा ग्रहण की और राउरकेला सरकारी महाविद्यालय से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की।
आर.एस.पी. की बागडोर संभालने के बाद, श्री भौमिक ने राउरकेला लौटने पर, जिसे वे हमेशा अपना घर मानते रहे हैं, अपार प्रसन्नता व्यक्त की है । ‘राउरकेला हमेशा मेरे दिल के बहुत करीब रहा है क्योंकि मैंने अपना बचपन, प्रारंभिक वर्ष और साथ ही अपने सेवा काल के पहले 31 वर्ष यहाँ बिताए हैं। उन्होंने राउरकेला कर्मीसमूह को एक संदेश में कहा – ‘यह भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद है कि मुझे एक बार फिर इस भूमि और इस इस्पात संयंत्र की सेवा करने का अवसर दिया गया है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *