बजट 2022 में टैक्स को लेकर क्या कुछ कहा गया है, सब जान लो

बजट 2022 में टैक्स को लेकर क्या कुछ कहा गया है, सब जान लो

1फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना चौथा और मोदी सरकार का दसवां बजट पेश किया है

बजट में Capital Expenditure में बढ़ोत्तरी Economy की रफ़्तार को तेज़ करने की कोशिश सरीखी लगती है. वित्त मंत्री ने डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) के मामले में कई सुधारों का ऐलान किया है. इन्हें सिलसिलेवार जान लेते हैं

इनकम टैक्स स्लैब

फाइनेंस मिनिस्टर ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है. टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं है. जबकि 2.5 लाख से 3 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. साथ ही इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87(A) के तहत 12,500 रुपये की कर छूट मिलती है.

इसके अलावा 3 लाख से 5 लाख रुपये तक की इनकम पर 5%,  5 लाख से 7.5 लाख रूपए तक की सालाना आय पर 10 फीसदी, 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की इनकम पर 15 फीसदी, 10 लाख रुपए से 12.5 लाख रुपए की सालाना कमाई पर 20 फीसदी, 12.5 लाख से 15 लाख रुपए तक 25 फीसदी टैक्स और 15 लाख रुपए से ज्यादा कमाई पर 30 फीसदी इनकम टैक्स देना होता है.

ITR फाइलिंग

अभी तक हर साल ITR फाइल करने के लिए 31 दिसंबर तक की तारीख़ तय होती थी, जबतक सरकार द्वारा इसे बढ़ाया न जाए. लेकिन अब नए प्रस्तावित लॉ के मुताबिक़ आप दो साल तक के वक़्त में अपना ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न में अगर कोई इनकम शामिल करना छूट जाता है या और कोई गलती हो जाती है तो उसमें सुधार किया जा सकता है. इसका मतलब हुआ कि अगर आपने 2021-22 का रिटर्न फाइल किया और उसमें कुछ बदलना चाहते हैं, तो इसके लिए 2023-24 तक अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है. साथ ही इनकम डिक्लेयर नहीं करने पर जांच में पाई गई रकम पर पूरा टैक्स चुकाना पड़ेगा. इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट 1961 में एक नए सब-सेक्शन 8(A) को शामिल किया जाएगा.

को-ऑपरेटिव सोसाइटी के लिए टैक्स में कटौती

इसके अलावा सरकार ने MAT यानी मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स को-ऑपरेटिव सोसाइटीज़ के लिए 15 फीसदी कर दिया है. पहले इन सोसाइटीज़ के लिए MAT 18.5% होता था. को-ऑपरेटिव सोसाइटीज़ के लिए सरचार्ज भी 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने की बात कही गई है. साथ ही, इनकम बेस को 1 करोड़ की जगह 10 करोड़ किए जाने की घोषणा की गई है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर अब 15 फीसदी टैक्स लगेगा. इसके अलावा कैपिटल गुड्स पर इंपोर्ट ड्यूटी में मिल रही छूट हटा दी गई है. अब कैपिटल गुड्स के इम्पोर्ट पर 7.5% इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी. बिज़नेस प्रमोशन के लिए दिए जाने वाले गिफ्ट्स अगर सालाना 20,000 रूपए से ज्यादा के हैं तो भी टैक्स देना पड़ेगा.

नेशनल पेंशन स्कीम

NPS यानी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों में टैक्स डिडक्शन का अंतर अब खत्म हो जाएगा. अब स्टेट गवर्नमेंट के कर्मचारियों के लिए भी NPS खाते में जाने वाली रकम पर टैक्स डिडक्शन की लिमिट 10 फीसद से बढाकर 14 फीसदी कर दी गई है. इसके अलावा सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों को टैक्स में रिलीफ दी है. ऐसे लोगों के पेरेंट्स अगर 60 साल के हो गए हैं, तो एन्युटी पेमेंट्स मिल सकेंगे.

स्टार्टअप को राहत

स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 31 मार्च 2023 तक टैक्स में छूट देने की घोषणा की है. पहले ये छूट 31 मार्च 2022 तक के लिए थी, जिन्हें अब एक साल और बढ़ा दिया गया है. इसी तरह सेक्शन 115(BAB) के तहत, Low Tax Regime के लिए क्लेम करने की लास्ट डेट भी एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2024 कर दी गई है, पहले ये तारीख़ 31 मार्च 2023 थी.

वर्चुअल एसेट्स पर टैक्स

वर्चुअल एसेट्स से होने वाली कमाई पर 30% का भारी-भरकम फ्लैट टैक्स लगा दिया गया है. इनमें होने वाले एक्सचेंज पर 1 फीसदी टीडीएस भी लगाया जाएगा. वर्चुअल एसेट्स में गिफ्ट देने पर भी टैक्स देना पड़ेगा. क्रिप्टो करेंसी और NFT वगैरह को इन्हीं डिजिटल एसेट्स की केटेगरी में रखा जाता है. हालांकि फाइनेंस मिनिस्टर ने अपने भाषण में एक बार भी क्रिप्टोकरेंसी का नाम नहीं लिया है. ऐसे में अभी साफ़ तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि सरकार ने टैक्स के दायरे में लाकर डिजिटल एसेट्स की एक्सेप्टेंस पर मोहर लगा दी है या नहीं? यानी क्रिप्टो पर बैन की चर्चा पर हाल-फ़िलहाल विराम लगते नहीं दिखता.

IFSC

इसके अलावा IFSC यानी इंडियन फाइनेंशियल सर्विस कोड को प्रमोट करने पर जोर देते हुए वित्तमंत्री ने ऑफशोर डेरीवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स (ODIs) से होने वाली इनकम, ऑफशोर बैंकिंग यूनिट्स यानी देश के बाहर की बैंकों के डेरिवेटिव्स से होने वाली इनकम और IFSC में पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज से होने वाली इनकम पर शर्तों के मुताबिक़ टैक्स में छूट देने का प्रस्ताव दिया है.

कुल मिलाकर नए टैक्स रिफॉर्म्स में इनकम टैक्स को लेकर ज्यादा कुछ नहीं बदला है, स्लैब वही हैं. बजट भाषण में MSMEs को बढ़ावा देने की बात कही गई है. किसानों के लिए कई योजनाओं पर भी जोर दिया गया है. नया बजट देश की इकॉनमी की रफ़्तार को कैसे प्रभावित करता है, ये देखने वाली बात होगी

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