Judge’s statement during the hearing in the Madras High Court – I am not aware of gay matters, I will first discuss with a psychologist | मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जज का बयान – समलैंगिक मामलों में मैं जागरुक नहीं, पहले मनोविज्ञानी से चर्चा करूंगा
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चेन्नई12 मिनट पहले
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मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन आनंद
- जस्टिस आनंद ने जोड़े के मामले की सुनवाई रोकी, अब सात जून को सुनवाई
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन आनंद ने सुनवाई के दौरान कहा कि वे समलैंगिक मामलों की बेहतर समझ नहीं रखते। लिहाजा इसके लिए मनोवैज्ञानिक से चर्चा करेंगे, उसके बाद आगे सुनवाई करेंगे। जस्टिस आनंद एक समलैंगिक जोड़े की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसने कोर्ट से सुरक्षा की मांग की है।
जस्टिस आनंद ने कहा कि वे ऐसे रिश्तों को लेकर ज्यादा जागरुक नहीं है। इसलिए बेहतर है कि वे स्वयं पहले इसे समझ लें। फिर कोई निर्णय करें। मामले के लिए संवेदनशीलता और सहानुभूति की जरूरत है। यह ऐसा मामला है, जो दिखाता है कि समाज अब भी समान सेक्स संबंधों को लेकर सहज नहीं है। इसलिए वे तमाम पक्ष जाने बिना सुनवाई नहीं करेंगे।
जज बोले- शब्द दिमाग से नहीं दिल से आने चाहिए । इस मामले की शुरुआत तब हुई थी, जब दोनों में से एक महिला के माता-पिता ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद समलैंगिक जोड़े ने याचिका दायर कर कोर्ट से सुरक्षा की अपील की थी। मामले में जस्टिस आनंद याचिकाकर्ता और उनके माता-पिता को काउंसलिंग कराने का भी आदेश दे चुके हैं।
उन्होंने इस सुनवाई के दौरान भी कहा कि इस मामले में शब्द दिमाग से नहीं, दिल से आने चाहिए। अगर इस मसले पर मैं खुद पूरी तरह जागरुक नहीं हुआ, तो यह संभव नहीं होगा। अब इस मामले की सुनवाई सात जून को होगी।