up panchayat chunav: UP panchayat election 2021: यूपी पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची जारी होते ही कोई काफिला लेकर लौटा, किसी का ई-रिक्शा फिर दौड़ा – up panchayat election reservation list release know details

हाइलाइट्स:

  • उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए जारी हुई संशोधित सूची
  • आरक्षण सूची जारी होने के बाद फिर बदला चुनावी समीकरण
  • संशोधित सूची जारी होने के बाद कई लोगों की प्रधानी की सीट खिसक गई

लखनऊ
यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की संशोधित सूची जारी होते ही चुनावी समीकरण भी बदल गए हैं। आरक्षण बदलने की सूचना मिलते ही प्रचार का काफिला लेकर आधे रास्ते से घर लौट गया तो किसी ने गैराज से ई-रिक्शा निकालकर फिर चुनावी बिगुल फूंक दिया। इसी तरह कई लोगों ने लड्डू बांटकर खुशी का इजहार किया तो किसी ने व्यवस्था पर सवाल उठाए।

निगोहां में खुद को जिला पंचायत सदस्य का उम्मीदवार मान चुके एक शख्स शनिवार सुबह ही गाड़ियों का काफिला लेकर प्रचार करने निकले थे। दोपहर में उनके शुभचिंतक ने फोन पर संशोधित सूची जारी होने और आरक्षण बदलने की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने आधे रास्ते से गाड़ियों के काफिला घर की ओर मोड़ दिया। यही हाल, ग्राम प्रधानी के कई उम्मीदवारों का रहा। निगोहां में ही एक शख्स ने पिछली सूची के आधार पर अपनी दावेदार खत्म मान ली थी, लेकिन संशोधित सूची में सामान्य सीट होने पर उन्होंने अपना प्रचार वाला ई-रिक्शा फिर दौड़ाना शुरू कर दिया।

चारों वॉर्ड में आरक्षण बदलने से मायूसी

मोहनलालगंज में जिला पंचायत के चार वॉर्ड हैं। सभी सीटों का आरक्षण बदल गया है। वॉर्ड नंबर-21 पहले एससी के खाते में थी, लेकिन अब ओबीसी के खाते में चली गई है। इस वॉर्ड में जोर-शोर के साथ चुनाव प्रचार कर रहे राजेश रावत और दूसरे उम्मीदवार बिटाना को शनिवार को नई सूची से झटका लगा। ग्रामीणों की मानें तो दोनों अभी तक प्रचार में काफी रकम बर्बाद कर चुके थे। इसी तरह वॉर्ड-20 अब तक ओबीसी के खाते में थी, लेकिन अब यह सामान्य हो गई है।

प्रधानी का मौका गया तो जिला पंचायत की तैयारी
संशोधित सूची जारी होने के बाद कई लोगों की प्रधानी की सीट खिसक गई, लेकिन उन्होंने मायूसी छोड़कर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। निगोहां टिकरा गांव से प्रधानी की दावेदारी कर रहे बृजेश यादव अब प्रधान पद छोड़कर जिला पंचायत के लिए ऐलान कर दिया है। वहीं, निगोहां गांव में प्रधानी के लिए एक बार फिर शैलेन्द्र सिंह दीपू के चहरे पर खुशी झलक रही है। उनके गांव की सीट एससी से सामान्य होने पर उन्होंने फिर से तैयारी शुरू कर दी है।

एक दशक बाद प्रधानी खिसकने से मुरझाए चेहरे
मोहनलालगंज में सिसेंडी ग्राम पंचायत महिला आरक्षित हो गई है। ऐसे में पुराने दिग्गज अपनी पत्नियों को चुनाव मैदान में उतारने तैयारी कर रहे हैं। वहीं, शेरपुर लवल और लालपुर सीट में बदलाव होने से करीब एक दशक से काबिज लोगों के चेहरे मुरझा गए हैं। रायभान खेड़ा और खुजौली सीट भी अभी तक अन्य पिछड़ा वर्ग के खाते में थी। इस बार यहां एससी कैंडीडेट को मौका मिलेगा।

कहीं खुशी कहीं गम
बीकेटी के अकरड़िया गांव की सीट बैकवर्ड से महिला सामान्य हो गई है। अल्दमपुर गांव में सामान्य सीट से अतुल शुक्ल दावेदारी कर रहे थे, लेकिन यह सीट अब महिला बैकवर्ड हो गई है। कठवारा गांव की सीट भी बैकवर्ड से एससी के खाते में चली गई है। खेसरावां ग्राम पंचायत में सामान्य सीट होने के नाते मौजूदा प्रधान सौरभ सिंह अपनी तैयारी कर रहे थे, लेकिन वहां पर एससी महिला सीट होने से उन्हें मायूसी हाथ लगी। जमखनवा में भी मौजूदा प्रधान सौरभ गुप्ता बैकवर्ड सीट के लिए अपनी दावेदारी कर रहे थे, लेकिन एससी महिला सीट होने से वे काफी निराश हैं। दुघरा ग्राम पंचायत में पहले भी सामान्य सीट थी। इस बार भी सामान्य है। इससे यहां सामान्य वर्ग के भावी उम्मीदवार संतोष पांडेय बेहद खुश हैं।

पोस्टर बैनर छप चुके थे, हजारों का नुकसान
मलिहाबाद की ग्राम सभा दौलतपुर पहली सूची में एससी के लिए आरक्षित थी। अब यह सीट सामान्य हो गई है। यहां संतोष सहित कई एससी उम्मीदवार चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे, लेकिन उनके अरमानों पर पानी फिर गया। इसी तरह कैथुलिया में निवर्तमान प्रधान विनोद सिंह सामान्य सीट होने की वजह से चुनाव की तैयारी कर चुके थे, लेकिन संशोधित सूची में सीट बैकवर्ड के खाते में चली गई। ससपन ग्राम सभा में सामान्य सीट पर अवधेश सिंह चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर चुके थे। बैनर पोस्टर छप चुके थे, लेकिन सीट बैकवर्ड होने से उनका काफी नुकसान हुआ।

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