Majority of Indians cutting expenses to cope with high fuel prices: Survey | पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों की भरपाई के लिए 51% लोगों ने अन्य खर्चों में कटौती की
- Hindi News
- Business
- Majority Of Indians Cutting Expenses To Cope With High Fuel Prices: Survey
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
नई दिल्ली13 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
इस साल अब तक 52 दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम 24 बार बढ़े हैं।
- आवश्यक वस्तुओं के खर्च और सेविंग्स में कटौती कर रहे हैं लोग
- 79% लोगों ने कहा- राज्य सरकारें बढ़ी कीमतों पर एक्शन लें
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार हो गया है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों की भरपाई के लिए 51% लोग अन्य खर्चों में कटौती कर रहे हैं। लोकलसर्किल्स के एक सर्वे में यह बात सामने आई है।
आवश्यक वस्तुओं पर खर्च में कटौती कर रहे हैं लोग
सर्वे में शामिल 21% लोगों ने कहा है कि वे पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों की भरपाई के लिए आवश्यक वस्तुओं पर खर्च में कटौती कर रहे हैं। जबकि 14% ने कहा कि उन्हें अपनी सेविंग्स में कटौती करनी पड़ रही है। सर्वे में शामिल 43% लोगों ने कहा कि कम घूमने, वर्क फ्रॉम होम या अन्य कारणों से उनका पेट्रोल या डीजल का मासिक बिल पहले के मुकाबले कम है। वहीं, 2% लोगों ने कहा कि वे पेट्रोल-डीजल पर कोई पैसा खर्च नहीं करते हैं।
राज्य सरकारों को वैट में कमी करनी चाहिए
एक सवाल के जवाब में 32% लोगों ने कहा कि राज्य सरकारों को बेस प्राइस पर प्रतिशत के बजाए संपूर्ण वैल्यू के आधार पर वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) लेना चाहिए। सर्वे में शामिल 47% लोगों ने कहा कि राज्य सरकारों को वैट में कटौती करनी चाहिए। हालांकि, 8% उपभोक्ताओं ने कहा कि वैट का मौजूदा मॉडल अच्छा है।
79% लोगों ने कहा- राज्य सरकारों को एक्शन लेना चाहिए
सर्वे में शामिल 79% लोगों ने कहा कि राज्य सरकारों को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए। इसके लिए वैट में कटौती की जाए या फिर संपूर्ण मूल्य पर लेवी ली जाए। बेस प्राइस पर प्रतिशत के हिसाब से वैट लगाने के बजाए संपूर्ण मूल्य पर लेवी से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इससे भविष्य में पेट्रोल-डीजल के बेस प्राइस में बढ़ोतरी से भी कीमतों में कमी रहेगी।
291 जिलों में किया गया सर्वे
बीते 12 महीनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इससे लोग कैसे निपट रहे हैं? यह जानने के लिए लोकलसर्किल्स ने यह सर्वे किया है। यह सर्वे देश के 291 जिलों में किया गया है। सर्वे में 22 हजार से ज्यादा लोगों से सवाल-जवाब किए गए थे।
लगातार दूसरे दिन नहीं बढ़ी कीमत
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार 12 दिनों तक बढ़ोतरी के बाद बीते दो दिनों से कीमत नहीं बढ़ी है। इस समय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 90.58 रुपए और डीजल 80.97 रुपए प्रति लीटर है। इसी तरह मुंबई में पेट्रोल 97.00 रुपए और डीजल 88.06 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में पेट्रोल 91.78 और डीजल 84.56 रुपए प्रति लीटर तथा चेन्नई में पेट्रोल 92.59 रुपए और डीजल 85.98 रुपए लीटर है।
52 दिनों में ही 24 बार बढ़े दाम
इस महीने 21 फरवरी तक पेट्रोल-डीजल के रेट में 14 बार बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल 4.03 रुपए और डीजल 4.24 रुपए महंगा हुआ है। इससे पहले जनवरी में रेट 10 बार बढ़े। इस दौरान पेट्रोल की कीमत में 2.59 रुपए और डीजल में 2.61 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं, अगर 2021 की बात करें तो इस साल अब तक 52 दिनों में 24 बार दाम बढ़े हैं। पेट्रोल 6.77 रुपए और डीजल 7.10 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है।
पेट्रोल-डीजल महंगा होने की 3 वजहें
कच्चा तेल 13 महीनों में सबसे महंगे स्तर पर है। इस साल कच्चा तेल अब तक 23% तक महंगा हो चुका है। 1 जनवरी को ब्रेंट क्रूड का रेट 51 डॉलर प्रति बैरल था। अब यह 63 डॉलर के पार निकल गया है। इसकी वजह यह है कि दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियों में पॉजिटिव ग्रोथ देखी जा रही है। इससे फ्यूल डिमांड बढ़ी है। केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी नहीं घटा रही। अगर दिल्ली का उदाहरण लें तो यहां एक लीटर पेट्रोल पर 32.90 रुपए और डीजल पर 31.80 रुपए की एक्साइज ड्यूटी लगती है। राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर वैट भी लगाती हैं। जैसे- दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल में वैट के 20.61 रुपए शामिल हैं।
असम और पश्चिम बंगाल ने कीमतों में कटौती की
आम लोगों को राहत देने के लिए पश्चिम बंगाल और असम ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती की है। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1 रुपए प्रति लीटर की कटौती की है। यह कटौती रविवार रात से लागू हो गई है। भाजपा शासित राज्य असम ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 5 रुपए प्रति लीटर की कटौती की है। राज्य के वित्त मंत्री हेमंता विश्वासर्मा ने 12 फरवरी को विधानसभा में इसकी घोषणा की थी।
सोनिया गांधी ने बढ़ी कीमत वापस लेने की मांग की
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तेल पर लगाए जा रहे टैक्स को घटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि इनके दाम इन दिनों ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं। मुझे समझ नहीं आता कि कैसे कोई सरकार ऐसे विचारहीन और असंवेदनशील फैसलों को सही ठहरा सकती है? इन फैसलों से देश की जनता पर बोझ बढ़ रहा है। सोनिया ने पीएम को चिट्ठी में लिखा, ‘मैं आपसे निवदेन करती हूं कि कीमत में बढ़ोतरी को जल्द से जल्द वापस लिया जाए और हमारे मिडिल क्लास, सैलरीड क्लास, हमारे किसानों और गरीबों के साथ देश की आम जनता को राहत दी जाए।’