Asaduddin Owaisi: aimim ki up me entry ke saath badhi samajwadi party ki mushkil: एआईएमआईएम की यूपी में एंट्री के साथ बढ़ी समाजवादी पार्टी की मुश्किल

हाइलाइट्स:

  • 2022 विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने अखिलेश यादव के लिए खड़ी कर दी है मुश्किलें
  • एआईएमआईएम की उत्तर प्रदेश में एंट्री के साथ ही समाजवादी पार्टी में बढ़ गई है हलचल
  • मुस्लिम वोटबैंक को प्रभावित करेंगे असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी को हो सकता है नुकसान

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) होने हैं। इन चुनावों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष (एआईएमआईएम) असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Asaduddin Owaisi) ने भी दिलचस्पी दिखाई है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के मुखिया ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के साथ संयुक्त मोर्चा वाली तस्वीर में एआईएमआईएम भी जुड़ने लगी है। ऐसे में इसे समाजवादी पार्टी (एसपी) के मुखिया अखिलेश यादव के लिए अच्छी खबर कतई नहीं माना जा रहा है। इसकी मुख्य वजह समाजवादी पार्टी से जुड़ा मुस्लिम वोटबैंक है।

एआईएमआईएम की सक्रियता के साथ इस वोटबैंक में सेंध लगती हुई नजर आ रही है। वर्ष 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में कुल जनसंख्या का 19 फीसदी मुस्लिम समुदाय है। सत्ता के सफर में दलों के लिए इसकी अहम भागीदारी है।

जब उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार थी तो उन्होंने 12 बार मुझे यूपी आने से रोका। 28 बार उन्होंने प्रदेश में हमारे कार्यक्रम को इजाजत नहीं दी।

असदुद्दीन ओवैसी, एआईएमआईएम चीफ

खास सीटों पर भी मिली थी शिकस्त
कुल 403 सीटों वाली विधानसभा में समाजवादी पार्टी (एसपी) के पास 49 विधायक हैं। इनमें से 17 मुस्लिम विधायक हैं। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में एसपी ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के साथ गठबंधन किया था। यह गठबंधन एसपी के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ। एसपी अपनी खास सीटों पर भी चुनाव हार गई। इसमें कन्नौज, बदायूं, फिरोजाबाद लोकसभा सीट शामिल थी। बदायूं में 23.26 फीसदी मुस्लिम आबादी है। लोकसभा में एसपी-बीएसपी के गठबंधन में मायावती को जबरदस्त फायदा हुआ। यूपी की 10 सीटों पर बीएसपी ने जीत दर्ज की थी। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में एआईएमआईएम की एंट्री के साथ एसपी-बीएसपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है जबकि बीजेपी को इसका सीधा फायदा हो सकता है।

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परिवार की कलह में उलझ रही एसपी
यही नहीं, समाजवादी पार्टी को परिवार में 2017 सरीखी कलह के चलते भी नुकसान झेलना पड़ेगा। दरअसल, अखिलेश यादव ने हाल ही में अपने चाचा शिवपाल यादव को अडजस्ट करने की बात कही थी। इस शिवपाल यादव ने इसे क्रूर मजाक बताया था। साथ ही उन्होंने एसपी से अलग हटकर छोटे-छोटे दलों के साथ आगे बढ़ने के संकेत दिए हैं। इस बीच असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश यादव को लेकर जो हमले किए हैं, उससे भी उनकी योजना को साफ तौर पर समझा जा सकता है।

2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन जिलों में मुस्लिम आबादी:

जिला मुस्लिम आबादी (प्रतिशत में)
1. बिजनौर 43.04
2. मुरादाबाद 50.80
3. रामपुर 50.57
4. सहारनपुर 41.95
5. शामली 41.77
6. बलरामपुर 37.51

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