Nishad Party Sanjay Nishad ka Interview: निषाद पार्टी संजय निषाद

‘निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल’ यानी निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद एक बार फिर 13 जनवरी को सीएम योगी के गृहक्षेत्र गोरखपुर में बड़ी सभा करने वाले हैं। संजय इस रैली में एक बार फिर मछुआ समाज के आरक्षण की मांग को बुलंद करेंगे। आने वाले विधानसभा चुनाव से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हुए मनमुटाव तक, संजय निषाद ने एनबीटी ऑनलाइन से हर मुद्दे पर बात की, पढ़िए पूरा इंटरव्यू…

देश में किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं, कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। निषाद पार्टी का क्या रुख है इसपर?
पूरे देश के किसान तो इन कानूनों के खिलाफ सड़क पर नहीं उतरे, कई जगहों पर वे समर्थन में भी हैं। अगर पूरे देश के किसान उतरते तो बात समझ में आती। आंदोलन कर रहे किसान राजनीति के शिकार हैं। मोदी जी ने बहुत अच्छा काम किया है। राजीव गांधी कहा करते थे कि सरकार द्वारा जारी 100 रुपये में 99 रुपये जनता तक पहुंचते ही नहीं। अगर मोदी जी ने ये पूरे 100 रुपये पहुंचाने का काम किया है तो क्या बुरा किया। 70 सालों में जो भी सरकार आई, उसने वोट लेकर अपने नोट बनाने का काम किया। इनसे पहले अंग्रेजों ने लूटा। कांग्रेस ने सिर्फ ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया। अब मोदी जी ने किसानों के लिए कुछ बेहतर किया है।

निषाद पार्टी का संकल्प दिवस आ रहा है, 2021 का संकल्प दिवस पार्टी के लिए कितना अहम है?
किसी भी सरकरार को चलाने के लिए पॉलिटिकल पार्टनरशिप की जरूरत होती है। कांग्रेस के लिए विदेशी थे, सपा के लिए अमर सिंह थे, बीजेपी के लिए अडानी, अंबानी हैं। देश का विकास तबतक नहीं होगा जबतक वोटर पॉलिटिकल पार्टनर नहीं होता। निषाद पार्टी भी यही चाहती है कि निषाद पॉलिटिकल पार्टनर बनें। आज थाने पर 10 दरोगा हैं तो 4 यादव हैं , 3 एससी है, फिर सवर्ण हैं… लेकिन निषाद कहां है? जैसे सभी पार्टियां अपना संकल्प लेती हैं, हमारी पार्टी का भी अपना संकल्प है, हमने अब संकल्प लिया है कि जो उनके वंशज हैं उन्हें उनका अधिकार दिलाया जाए।

संकल्प दिवस के कार्यक्रम के लिए गोरखपुर ही क्यों चुना? इसलिए क्योंकि गोरखपुर आपका क्षेत्र है या फिर सीधे सीएम योगी को ललकारने वाले हैं?
गोरखपुर गुरु मच्छेंद्रनाथ, गोरक्षनाथ की भूमि है, वो हमारी जन्मभूमि के साथ कर्मभूमि भी है। हमने 2018, 2019 का चुनाव भी वहां से लड़ा और जीते भी, इसलिए गोरखपुर संकल्प दिवस के लिए महत्वपूर्ण है।

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने आपसे कई वायदे किए थे, वो कितने पूरे हुए?
वादों की बात बीजेपी जाने, वो बड़े भाई हैं वो निभाएं। हमने किसी लालच में गठबंधन नहीं किया है। हमने मछुआ समाज के आरक्षण और विकास के लिए गठबंधन किया है।

2019 में आपके सपा से गठबंधन भी विश्वासघात का आरोप लगाते हुए तोड़ा था, आपका कहना है कि बीजेपी ने भी वायदे नहीं निभाए, क्या करेंगे अब?
मछुआ समाज के साथ सबने अन्याय किया, चाहे बसपा हो या सपा हो। सबने वोट लेकर छलने का काम किया। सपा कभी एससी से बाहर कर पिछड़ी सूची में डाल देती है तो बसपा स्टे लगा देती है। उत्तराखंड सरकार में शिल्पकारों को एक जातियों का समूह मानकर आरक्षण दिया गया, इसी आधार पर हमें भी एक जातियों के समूह के आधार पर आरक्षण दिया जाए। हम बीजेपी के मित्र हैं इसलिए उन्हें आगाह करेंगे कि हमारा वादा पूरा करें।

2022 के विधानसभा चुनावों में महज एक साल का समय रह गया है, आप सपा-बसपा के अलावा बीजेपी को भी घेरते नजर आते हैं, प्लान क्या है आपका?
घर में दो बर्तन होते है तो खटकते है पर टूटते नहीं है तो हमारे समुदाय की मांगों को लेकर कभी कभी बड़ें भाई बीजेपी को घेरना पड़ता है, हमारी बीजेपी से बस इतनी मांग है कि समाज के कल्याण के लिए आरक्षण मिले। मैंने 17 फरवरी 2015 को अखिलेश यादव को भी घेरा, जो अखिलेश को शुरू में करना था वो जाते जाते किया। आरक्षण के मुद्दे पर हम बीजेपी के साथ आए हैं। योगी जी ने सदन में मछुआरों की आवाज उठाई, योगी जी ने खुद वादा किया, तो आज केन्द्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है,तो उस वादे को निभाए।

2022 में निषाद पार्टी किन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी?

चुनाव में हमारा मुद्दा पहले भी वही था और आज भी वही है। हमारे समाज के लोगों को आरक्षण का हक मिले। समाज के लोगों पर से केस वापसी हो। हमारा मुद्दा निर्बल शोषितों को न्याय दिलाना है। सबको शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था फ्री मिले, रोजगार मिले। सरकार महंगाई को लेकर ध्यान दें। बाकि समाज के सभी वर्गों से मेरी अपील है कि वो हमारी मांगों को लेकर हमारा समर्थन करें और हमारे हक की लड़ाई में अपनी भागेदारी दें।

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