Patient Zero Of Coronavirus In India, Here Is All You Need To Know – Coronavirus India: जानिए अब क्या कर रही है देश की कोविड-19 की ‘पेशंट जीरो’

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 24 Dec 2020 12:35 AM IST

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पिक्साबे

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पिछले साल के अंत में चीन से फैले कोरोना वायरस की चपेट में पूरी दुनिया आ चुकी है। भारत में कोरोना संक्रमण का पहला मामला यानी ‘पेशंट जीरो’ केरल में 30 जनवरी को मिला था। चीन के वुहान में पढ़ने वाली केरल की एक मेडिकल छात्रा, पहली भारतीय नागरिक थी, जिसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। 

थ्रिसूर के रहने वाली और वुहान में पढ़ने वाली ऊषा राम मनोहर सेमेस्टर समाप्त होने के बाद अपने घर वापस आई थीं। उनके गले में खराश और सूखी खांसी की सस्या होने के बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्हें कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया था। हालांकि, बाद में ऊषा ठीक हो गई थीं। 

अब ऑनलाइन माध्यम से हो रही है पढ़ाई
कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद ऊषा अब ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर रही हैं। उनकी रोज ऑनलाइन क्लास होती है। बता दें कि कोरोना महामारी के कारण इस साल लगभग पूरे समय शिक्षण संस्थान बंद ही रहे। फिलहाल ऊषा ऑनलाइन क्लास के सहारे अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं।

बता दें कि केरल से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं वुहान यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हैं। इसके पीछे का एक कारण कम फीस और बेहतर सुविधाएं हैं। बता दें कि कोरोना की उत्पत्ति का केंद्र वुहान में अब स्थिति सामान्य हो चुकी है। चीन का कहना है कि वुहान में अब कोरोना वायरस का कोई मरीज नहीं है।

स्क्रीनिंग में नहीं दिखे थे बीमारी के लक्षण
ऊषा तीन साल से वुहान में पढ़ाई कर रही थीं। कोरोना के मामले बढ़ने के बाद उन्होंने वहां से निकलने का फैसला किया। वुहान से वह कोलकाता पहुंची थीं और वहां से उन्होंने कोच्चि के लिए फ्लाइट ली थी। ऊषा का कहना है कि दोनों एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के दौरान उनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे थे।

17 नवंबर को चीन में मिला था पहला मामला
दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक चीन में कोरोना संक्रमण का पहला मामला पिछले साल 17 नवंबर को सामने आया था। कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले पहले शख्स की उम्र 55 साल थी, हालांकि शख्स कोरोना संक्रमण से मुक्त हुआ या नहीं, इसकी अब तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

जानिए क्या होता है ‘पेशंट जीरो’
पेशंट जीरो या इंडेक्स केस का मतलब होता है कि किसी वायरस या बैक्टीरिया की बीमारी से संक्रमित होने वाला पहला व्यक्ति कौन है। पेशंट जीरो की पहचान इसलिए जरूरी होती है क्योंकि इससे पता चल सकता है कि बीमारी फैलाने वाले लोग कौन हैं। इससे बीमारी के प्रसार को लेकर जरूरी जानकारी भी मिल सकती है।

पिछले साल के अंत में चीन से फैले कोरोना वायरस की चपेट में पूरी दुनिया आ चुकी है। भारत में कोरोना संक्रमण का पहला मामला यानी ‘पेशंट जीरो’ केरल में 30 जनवरी को मिला था। चीन के वुहान में पढ़ने वाली केरल की एक मेडिकल छात्रा, पहली भारतीय नागरिक थी, जिसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। 

थ्रिसूर के रहने वाली और वुहान में पढ़ने वाली ऊषा राम मनोहर सेमेस्टर समाप्त होने के बाद अपने घर वापस आई थीं। उनके गले में खराश और सूखी खांसी की सस्या होने के बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्हें कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया था। हालांकि, बाद में ऊषा ठीक हो गई थीं। 

अब ऑनलाइन माध्यम से हो रही है पढ़ाई
कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद ऊषा अब ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर रही हैं। उनकी रोज ऑनलाइन क्लास होती है। बता दें कि कोरोना महामारी के कारण इस साल लगभग पूरे समय शिक्षण संस्थान बंद ही रहे। फिलहाल ऊषा ऑनलाइन क्लास के सहारे अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं।

बता दें कि केरल से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं वुहान यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हैं। इसके पीछे का एक कारण कम फीस और बेहतर सुविधाएं हैं। बता दें कि कोरोना की उत्पत्ति का केंद्र वुहान में अब स्थिति सामान्य हो चुकी है। चीन का कहना है कि वुहान में अब कोरोना वायरस का कोई मरीज नहीं है।

स्क्रीनिंग में नहीं दिखे थे बीमारी के लक्षण
ऊषा तीन साल से वुहान में पढ़ाई कर रही थीं। कोरोना के मामले बढ़ने के बाद उन्होंने वहां से निकलने का फैसला किया। वुहान से वह कोलकाता पहुंची थीं और वहां से उन्होंने कोच्चि के लिए फ्लाइट ली थी। ऊषा का कहना है कि दोनों एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के दौरान उनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे थे।

17 नवंबर को चीन में मिला था पहला मामला
दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक चीन में कोरोना संक्रमण का पहला मामला पिछले साल 17 नवंबर को सामने आया था। कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले पहले शख्स की उम्र 55 साल थी, हालांकि शख्स कोरोना संक्रमण से मुक्त हुआ या नहीं, इसकी अब तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

जानिए क्या होता है ‘पेशंट जीरो’
पेशंट जीरो या इंडेक्स केस का मतलब होता है कि किसी वायरस या बैक्टीरिया की बीमारी से संक्रमित होने वाला पहला व्यक्ति कौन है। पेशंट जीरो की पहचान इसलिए जरूरी होती है क्योंकि इससे पता चल सकता है कि बीमारी फैलाने वाले लोग कौन हैं। इससे बीमारी के प्रसार को लेकर जरूरी जानकारी भी मिल सकती है।

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