Rajya Sabha Election Result 2020 Jyotiraditya Scindia will now open a new path in BJP

Updated: | Sat, 20 Jun 2020 12:10 AM (IST)

Rajya Sabha Election Result 2020 : आनन्द राय, भोपाल.नईदुनिया। करीब तीन माह पूर्व कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को अपनी नई पारी की पहली बाधा पार कर ली। राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया और सिंधिया की जीत भी हो गई है। अब उनके लिए भाजपा में नया रास्ता खुलेगा। उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना बढ़ गई है।

सिंधिया एक जनवरी 2021 को अपने जीवन के पचास वर्ष पूरे करेंगे और इसी अवधि में उन्होंने भारतीय राजनीति में खास मुकाम बना लिया है। पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया की असामयिक मृत्यु के बाद राजनीति में सक्रिय हुए ज्योतिरादित्य ने वर्ष 2018 के मप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री की रेस से बाहर कर दिया। उनके लिए 2019 का लोकसभा चुनाव और झटका देने वाला था। वह चुनाव हार गए और उसके बाद से ही कांग्रेस में किनारे होते गए।

राज्यसभा चुनाव में भी उन्हें कांग्रेस में प्रथम वरीयता का उम्मीदवार बनने की संभावना नहीं दिखी, तो उन्होंने भाजपा का दामन थााम लिया। अपमान का बदला लेने के लिए सिंधिया ने 15 साल बाद मप्र में बनी कांग्रेस की कमल नाथ सरकार गिरा दी। 15 माह में भाजपा की मप्र की सत्ता में वापसी करा दी सिंधिया ने डेढ़ दशक तक प्रदेश में राज कर चुकी भाजपा को महज 15 माह बाद ही फिर सरकार का तोहफा देने के साथ नई पहचान दी। जाहिर है कि सिंधिया को भी भाजपा रिटर्न गिफ्ट जरूर देगी। इसीलिए यह उम्मीद लगाई जा रही है कि मोदी मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में सिंधिया भी शपथ लेंगे।

उपचुनाव से पहले मिल सकता मंत्रालय

मध्य प्रदेश विधानसभा की 24 सीटों पर निकट भविष्य में उप चुनाव होने हैं। इनमें 16 सीटें तो सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल इलाके की हैं। सिंधिया के लिए भी यह उपचुनाव एक बड़ी चुनौती है और शिवराज सरकार के स्थायित्व के लिए तो मील का पत्थर। ऐसे में भाजपा के नियंता सिंधिया की ताजपोशी कर उन्हें उपचुनाव में स्टार प्रचारक की भूमिका में उतार सकते हैं।

तीन पीढ़ियों का सियासी इतिहास

राजघरानों की हुकूमत भले चली गई, लेकिन ग्वालियर राज परिवार के ज्योतिरादित्य को अभी भी लोग महाराज ही कहते हैं। दून और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े-लिखे ज्योतिरादित्य सियासत में राज परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं। जनसंघ और भाजपा में उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया का दबदबा था। ज्योतिरादित्य की राजनीति बहुत हद तक अपनी दादी से मिलती-जुलती है।

विजयाराजे भी पहले कांग्रेस में थी और उन्होंने 1967 में मध्य प्रदेश की द्वारका प्रसाद मिश्र की सरकार गिराकर गोविंद नारायण सिंह के नेतृत्व में जनसंघ की सरकार बनवाई थी। ठीक वही भूमिका 2020 में ज्योतिरादित्य ने निभाई। उनके पिता माधव राव सिंधिया कांग्रेस में रहे, लेकिन नरसिंह राव से मतभेद के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। बाद में फिर कांग्रेस में गए। ज्योतिरादित्य की बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, जबकि यशोधरा राजे सिंधिया पिछली शिवराज सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। इस समय पूरा सिंधिया परिवार भाजपा में है।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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