akhilesh yadav House arrest: samajwadi party leader akhilesh yadav house arrest in lucknow : किसान यात्रा निकालने जा रहे अखिलेश यादव हाउस अरेस्ट
हाइलाइट्स:
- कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में है एसपी की किसान यात्रा
- किसान यात्रा के पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव किए गए नजरबंद
- अखिलेश यादव के घर के आसपास लगाई गईं बैरीकेडिंग, कार्यकर्ताओं को रोका गया
- कार्यकर्ताओं का आरोप, उन्हें थाने में गैर कानूनी ढंग से पुलिस ने बैठाया
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों के आंदोलन के पक्ष में आज प्रदर्शन किया और धरना दिया। हालांकि प्रशासन ने उन्हें पार्टी कार्यालय जाने से भी रोक दिया। बाद में वह कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर बैठ प्रदर्शन करने लगे।
अखिलेश यादव का घर लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर है। उनके घर के बाहर निकलने वाले हर बाहरी रास्ते पर पुलिस ने बैरीकेडिंग कर दी गई थी। यह बैरीकेडिंग भी डबल की गई है। उनके घर से लेकर पार्टी के प्रदेश कार्यालय तक इस तरह घेराबंदी की गई है कि वहां तक पहुंचना उनके लिए नामुमकिन था। अखिलेश इसका विरोध कर रहे थे और अपने कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन करने लगे।
अखिलेश ने किसान यात्रा निकालने का किया है ऐलान
आपको बता दें कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के समर्थन में अखिलेश यादव ने किसान यात्रा निकालने का ऐलान किया था। सोमवार को उन्होंने ट्वीट किया, ‘कदम-कदम बढ़ाए जा, दंभ का सर झुकाए जा। ये जंग है जमीन की, अपनी जान भी लगाए जा।’
‘हर स्तंभ को करेंगे ध्वस्त’
पार्टी की प्रवक्ता ने अखिलेश यादव को नजरबंद करने के खिलाफ ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘श्रीकृष्ण तो न्याय का पर्याय हैं, बैरिकेटिंग, बलप्रयोग, सत्ता का दुरूपयोग कर के न तब बंधक बना पाए थे, न अब बना पाएंगे। उनकी (अखिलेश) सेना शांतिपूर्ण तरीके से अन्याय अराजकता के हर स्तंभ को ध्वस्त करेगी। अब रोक नहीं पाएंगे उनको।’
‘कार्यकर्ताओं को थाने में बुलाकर बैठाया जा रहा’
वहीं समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया, ‘BJP सरकार में किसानों से अन्याय एवं किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ सपा की ‘किसान यात्रा’ से डरी सत्ता इसे रोकने के लिए समाजवादियों का दमन कर रही है। गैरकानूनी तरीके से पुलिस थानों में उन्हें बुला कर, घरों पर जा कर रोक रही है, घोर निंदनीय! किसान, नौजवान दंभी सत्ता को देंगे जवाब।’