Are Gifts Received in Diwali are taxable, here is the full story | क्या दिवाली के गिफ्ट्स पर भी देना होगा इनकम टैक्स समझिए पूरी कहानी

नई दिल्ली: दिवाली (Diwali) का मौका है तो गिफ्ट्स (Gifts) लेने और देने का सिलसिला भी चलेगा. मिठाई के डिब्बों के अलावा कई बार हम अपने परिवार वालों, रिश्तेदारों (Relatives) और दोस्तों (Friends) को कुछ महंगे गिफ्ट्स भी देते हैं, जैसे कैश, ज्वेलरी या फिर कोई दूसरी महंगी चीजें. लेकिन गिफ्ट्स खरीदने से पहले या गिफ्ट लेने से पहले क्या आपने कभी सोचा है कि इस पर आपको टैक्स भी देना पड़ सकता है. 

टैक्स के दायरे में गिफ्ट्स

आपको पता होना चाहिए कि अगर आपको किसी से गिफ्ट मिलता है तो वो आपकी पर्सनल इनकम में गिना जाएगा. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56(2) के तहत इस गिफ्ट पर आपको टैक्स चुकाना भी पड़ सकता है और टैक्स में छूट भी मिल सकती है. कैश, प्रॉपर्टी, शेयर्स, सिक्योरिटीज, ज्वेलरी, पुरातात्विक संग्रह, कला, पेंटिंग्स, कलाकृतियां जैसी कीमती चीजें गिफ्ट में मिलती हैं तो इसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत ‘Income from Other Sources’ माना जाता है, और इस आय का आपकी कुल में जोड़ दिया जाता है.

गिफ्ट को लेकर क्या है इनकम टैक्स का नियम 

सरकार ने अप्रैल 1958 में Gift Tax Act बनाया था, जिसमें कुछ खास परिस्थितियों में गिफ्ट्स पर टैक्स लेना शुरू किया गया. इस एक्ट को अक्टूबर 1998 में खत्म कर दिया गया. लेकिन 2004 में सरकार ने वापस इसे इनकम टैक्स नियमों में शामिल कर लिया. वित्त वर्ष 2017-18 में जारी ITR नोटिफिकेशन में गिफ्ट्स का खुलासा करना टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी कर दिया गया.

दोस्तों से गिफ्ट पर नियम

अगर आपने परिवार से बाहर किसी दोस्त या अनजान व्यक्ति को गिफ्ट दिया या फिर गिफ्ट लिया तो उसके लिए एक लिमिट तय है. अगर गिफ्ट की वैल्यू 50,000 रुपये तक है तो गिफ्ट लेने वाले और गिफ्ट देने वाले में से किसी को भी टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन अगर गिफ्ट की कीमत 50,000  रुपये से ज्यादा है तो इस रकम को आपकी अन्य आय मानकर परी आय में जोड़ दिया जाएगा और फिर उस पर टैक्स वसूला जाएगा. ये गिफ्ट कैश के रूप में, ज्वेलरी, शेयर्स या सिक्योरिटीज के रूप में हो सकते हैं. 

परिवार से गिफ्ट पर नियम 

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56 (2) (x) के तहत रिश्तेदारों के बीच गिफ्ट्स को लेकर तस्वीर साफ की गई है. इसके मुताबिक अगर परिवारों के बीच में गिफ्ट लिया या दिया जाता है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है.

1. माता-पिता, भाई-बहन, बेटा-बेटी, चाचा-चाची जैसे तमाम रिश्तेदारों के बीच अगर गिफ्ट का लेन देने होता है तो कोई टैक्स नहीं लगता है. 
2. रिश्तेदारों के बीच गिफ्ट के लेन-देन पर 50,000 की लिमिट नहीं लागू होती है, कोई जितना चाहे उतना गिफ्ट ले या दे सकता है  
3. विवाह समारोह में अगर गिफ्ट लिया और दिया जाता है तो उस पर भी कोई टैक्स नहीं लगता
4. वसीयत के तौर पर मिलने वाले गिफ्ट पर भी कोई टैक्स नहीं लगता.
5. HUF का बंटवारा हुआ तो है इस पर टैक्स नहीं चुकाना होगा 

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प्रॉपर्टी गिफ्ट में ध्यान देने वाली बात

A. एक बाद याद रहे कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर से कुछ भी नहीं बच सकता है. अगर कोई गिफ्ट छिपाकर दिया गया है तो वो इनकम टैक्स की नजर में आ जाएगा. जैसे किसी ने महंगी प्रॉपर्टी किसी को सस्ते में बेच दी तो वहां पर टैक्स चुकाना पड़ सकता है. इसको ऐसे समझिए. 

अगर कोई प्रॉपर्टी (movable or immovable) आपको सस्ते में मिलती है, तो जितने में आपको प्रॉपर्टी मिली और उसकी स्टैम्प ड्यूटी के अंतर को टैक्सेबल गिफ्ट माना जाएगा. जैसे आपको 50 लाख की प्रॉपर्टी गिफ्ट में दी गई, लेकिन आपने उसके लिए सिर्फ 30 लाख रुपये की चुकाए हैं, तो अतिरिक्त 20 लाख रुपये को टैक्सेबल गिफ्ट के तौर पर माना जाएगा. अगर ये वैल्यू 50,000 रुपये से कम है तो फिर इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 

B. माता, पिता, भाई, बहन, दादा, दादी, चाचा, चाची समेत सभी रिश्तेदारों के बीच गिफ्ट के लेन देन पर कोई टैक्स नहीं लगता है. लेकिन एक स्थिति ऐसी है जिसमें टैक्स चुकाना पड़ सकता है, इसको भी समझिए 

मान लीजिए पति अपनी पत्नी को 5 लाख रुपये का कोई गिफ्ट देता है. ये गिफ्ट गोल्ड ज्वेलरी हो सकती है, शेयर्स हो सकते हैं, प्रॉपर्टी हो सकती है. ऐसे में तो न तो पति को कोई टैक्स देना होगा औ न ही पत्नी को. लेकिन पत्नी उसी 10 लाख रुपये की FD करवा देती है या किसी और तरीके से ब्याज कमाती है, तो उस ब्याज पर पति को टैक्स चुकाना होगा, पत्नी को नहीं. ब्याज की रकम को पति की अन्य आय में जोड़ दिया जाएगा.

इसलिए इस दिवाली जमकर गिफ्ट लीजिए और गिफ्ट दीजिए, लेकिन टैक्स के इन नियमों को ध्यान में जरूर रखिएगा. 

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