How Son of a car salesman become president of US, here is the story | एक कार सेल्समैन का बेटा कैसे बना दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स, ये है जो बाइडेन की कहानी
नई दिल्ली: दुनिया उगते सूरज को सलाम करती है और इन दिनों जो बाइडेन (Joe Biden) दुनिया का उगता सूरज हैं. उनके बारे में जानने के लिए लोगों के मन में उत्सुकता बढ़ी है. एक साधारण मिडिल क्लास से दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान बनने तक का सफर काफी लंबा और उतार चढ़ाव भरा है. आइए एक नजर डालते हैं बाइडेन की जिंदगी पर.
एक साधारण कार सेल्समैन का बेटा
जो बाइडेन का जन्म 20 नवंबर 1942 को स्क्रैनटन, पेंसिलवेनिया में एक आइरिश कैथोलिक परिवार में हुआ था. जब वो 10 साल के थे, उनका परिवार न्यू कैसल चला गया, जहां पर उनके पिता ने एक कार सेल्समैन की नौकरी कर ली. यहां पर बाइडेन का परिवार दो कमरों के घर में रहता था, जिसमें उनके माता-पिता और चार भाई-बहन थे. यहीं पर जो बाइडेन की पढ़ाई लिखाई हुई, 1961-1965 के दौरान जो बाइडेन ने University of Delaware से इतिहास और पॉलिटिकल साइंस में बैचलर की डिग्री हासिल की.
29 साल की उम्र में ही बने सीनेटर
इसके बाद बाइडेन Syracuse University College of Law चले गए, जहां उन्होंने 1968 में Juris Doctor हासिल किया, ये Juris Doctor डिग्री अमेरिका में कानून की सबसे ऊंची डिग्री होती है, जिससे एक प्रोफेशनल पहचान भी मिलती है. इसके अगले साल ही वो Delaware Bar में शामिल हो गए. वकालत की प्रैक्टिस के दौरान बाइडेन ने पॉलिटिक्स में हाथ आजमाना शुरू कर दिया. और सिर्फ 29 साल की उम्र में ही 1972 में वो सीनेट के लिए चुन लिए गए. सीनेट में वो 1973 से 2009 के दौरान रहे. बाइडेन Delaware के इतिहास में सबसे ज्यादा लंबे वक्त तक रहने वाले अमेरिकी सीनेटर बन गए. वो सीनेट जुडिशरी कमेटी के चेयरमैन भी रहे, इसके बाद सीनेट फॉरेन रिलेशंस कमेटी के भी चेयरमैन रहे.
जब कामयाबी ने ले लिया सबकुछ
जिस वक्त बाइडेन की जिंदगी में कामयाबी ने अपना कदम रखा था, ठीक उसी वक्त दुखों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया. 1972 में जब वो सीनेट के लिए चुने गए उसके हफ्ते भर बाद ही उन्होंने अपनी पहली पत्नी नीलिया (Neilia) और बेटी नेयोमी (Naomi) को एक कार एक्सीडेंट में खो दिया. उन्होंने पहले सीनेट टर्म के लिए शपथ भी अस्पताल के कमरे से ही ली, जहां पर उनके दो दुधमुहे बच्चे भर्ती थे, जो इस कार हादसे में बच गए थे.
बड़ी मुश्किल रही राष्ट्रपति पद की होड़
1987 में उन्होंने पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए कैम्पेनिंग शुरू की, लेकिन ये कैम्पेन ज्यादा लंबी नहीं चल सकी, उन पर ब्रिटिश राजनेता की स्पीच चुराने का आरोप लगा. अगले साल 1988 में जो बाइडेन को गंभीर दिमागी बीमारी का सामान करना पड़ा, जिसमें उनकी जान जाते जाते बची. डॉक्टरों ने तो यहां तक कहा दिया था कि व्हाइट हाउस कैम्पेन उनकी जान ले सकता था. 2008 में भी उन्होंने पार्टी में नॉमिनेशन के लिए कैम्पेन किया, लेकिन ज्यादा सपोर्ट नहीं मिलने की वजह से इरादा बदल दिया. अंत में जब ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति बनकर आए तब उन्हें ओबामा का राइट हैंड बनने का मौका मिला.
फिर टूटा दुखों का पहाड़
मई 2015 में उनके बड़े बेटे बियू बाइडेन (Beau Biden) की ब्रेन कैंसर से मौत हो गई. इस हादसे ने जो बाइडेन को हिलाकर रख दिया, जिससे उनका राजनीतिक करियर भी ठहराव की ओर चला गया. उसके पांच साल बाद बाइडेन ने वापस राजनीतिक करियर लौटने की हिम्मत जुटाई. यही वजह है कि उन्होंने भाषणों के दौरान अपने सपोर्टर्स से हेल्थकेयर और क्लाइमेट चेंज को लेकर कई वादे किए. उन्होंने कहा कि ओबामा के समय में 2009 से लेकर 2017 तक हेल्थकेयर में जो भी काम हुआ, वो उसे आगे बढ़ाएंगे.
बाइडेन अब ‘मिडिल क्लास जो’ नहीं
जो बाइडेन उनके लोगों के बीच ‘मिडिल क्लास जो’ के नाम से भी पुकारा जाता है. लेकिन वो अब कोई मिडिल क्लास इंसान नहीं है, बल्कि दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति हैं और आज की तारीख में एक मिलिनेयर हैं. 2020 में चुनाव शुरू होने के पहले उन्होंने जो अपनी संपत्तियों का खुलासा किया उसके मुताबिक फोर्ब्स का अनुमान है कि उनके पास 9 मिलियन डॉलर की सपत्ति है.
राष्ट्रपति बनने से पहले वो ओबामा के शासन में उप-राष्ट्रपति रहे, इसके पहले वो 1973 से लेकर 2009 तक सीनेटर रहे. सीनेटर के रिकॉर्ड्स के मुताबिक इस दौरान उनकी सैलरी 42,500 डॉलर सालाना से बढ़कर 174,000 डॉलर सालाना हो गई, जब वो उप-राष्ट्रपति बने तक उनकी सैलरी बढकर 230,000 डॉलर सालान पहुंच गई.
CBS के मुताबिक नवंबर 2009 में जो बाइडेन की कुल संपत्ति सिर्फ 30 हजार डॉलर थी. उप-राष्ट्रपति पद का पूरा कार्यकाल खत्म करने के बाद उन्होंने जुलाई 2019 में अपनी वित्तीय संपत्तियों का खुलासा किया तो पता चला कि 2017-18 में जो बाइडेन और उनकी पत्नी की कुल संपत्ति 15 मिलियन डॉलर बढ़ गई थी.
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