Supreme court restored the sanctity of the builder-buyer agreement | फ्लैट खरीदने वालों के लिए आई अच्छी खबर, बिल्डर्स नहीं बना पाएंगे कोई बहाना
नई दिल्ली: फ्लैट खरीदने वालों के लिए एक और अच्छी खबर आ गई है. अब फ्लैट देने में बिल्डर कोई भी आनाकानी नहीं कर पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक फैसले में साफ कर दिया है कि बिल्डर-बायर एग्रीमेंट के आधार पर ही अलॉटमेंट देना होगा. कोर्ट ने ये साफ कर दिया कि रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट-2016 (RERA) के तहत प्रोजेक्ट के रजिस्ट्र्रेशन की तारीख के आधार पर यह अवधि नहीं तय की जाएगी.
RERA का बहाना नहीं बना सकते बिल्डर्स
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर बिल्डर-बायर एग्रीमेंट के महत्व को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने मेसर्स इंपेरिया स्ट्र्रक्चर्स लिमिटेड बनाम अनिल पटनी से जुड़े मामले और जस्टिस यूयू ललित और विनीत सरन की खंड पीठ के एक अन्य मामले में यह फैसला दिया. लीगल एक्सपर्ट्स ने कहा कि बिल्डर-बायर एग्रीमेंट (Builder Buyer Agreement) हस्ताक्षर के साथ ही प्रभावी हो जाता है और फ्लैट बायर्स के सभी ऑब्लिगेशंस बिल्डर-बायर एग्रीमेंट में निर्धारित की गई समय सीमा से जुड़े होते हैं. लेकिन डेवलपर्स रेरा रजिस्ट्र्रेशन (RERA Registration) में देरी और रेरा रजिस्ट्रेशन की तारीख के साथ अपनी जिम्मेदारियों को जोड़कर फायदा उठा रहे थे.
मामले में एग्रीमेंट 30 नवंबर 2013 को हुआ था, लेकिन रेरा रजिस्ट्रेशन 17 नवंबर 2017 को हुआ था. इस मामले में बिल्डर-बायर एग्रीमेंट 30 नवंबर 2013 को हुआ था. यह प्रोजेक्ट रेरा के तहत 17 नवंबर 2017 को रजिस्टर्ड हुआ. बिल्डर-बायर एग्रीमेंट के मुताबिक एग्रीमेंट की तारीख से 42 महीने के भीतर यूनिट को हैंडओवर किया जाना था.
NCDRC ने बिल्डर को मुआवजा देने का दिया था आदेश
प्रोजेक्ट में देरी होने पर होम बायर्स ने नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमिशन (NCDRC) में मामला दाखिल किया था. कंज्यूमर कोर्ट ने बिल्डर को मुआवजा देने का आदेश भी दिया था, लेकिन बिल्डर सुप्रीम कोर्ट चला गया था. बिल्डर ने तर्क दिया था कि रेरा रजिस्ट्रेशन दिसंबर 2020 तक वैध है, इसलिए इस प्रोजेक्ट को लेट नहीं माना जा सकता है. अलॉटमेंट की अवधि रेरा रजिस्ट्रेशन से पहले ही समाप्त हो चुकी थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर के तर्क को खारिज कर दिया और कहा कि अलॉटमेंट की अवधि तो रेरा रजिस्ट्रेशन से पहले ही खत्म हो चुकी थी. सिर्फ रेरा रजिस्ट्रेशन 31-12-2020 तक वैलिड होने का यह मतलब नहीं निकलता है कि एक्शन लेने के लिए अलॉटी के एंटाइटलमेंट में भी देरी होगी.