Onion prices fall 1600 in two days in lasalgaon mandi, retail prices may fall soon | प्याज का थोक भाव दो दिन में 1600 रुपये गिरा, देखिए कब तक सस्ती होगी आपकी थाली
नई दिल्ली: दिवाली से पहले प्याज की कीमतों (Onion Prices) में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक की लासलगांव मंडी (Lasalgaon) में मंगलवार के बाद आज भी कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. आज लासलगांव मंडी में प्याज के दाम 600 रुपये प्रति क्विंटल कम हुए हैं. यानि आपकी थाली से सस्ती प्याज अब ज्यादा दिन दूर नहीं है.
2 दिन में 1600/क्विंटल रुपये सस्ती हुई थोक प्याज
कल लासलगांव मंडी में प्याज की कीमतें 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक कम हुईं थीं, कल और आज मिलाकर अबतक प्याज के दाम 1600 रुपये गिर चुके हैं. आज मंडी में कमाल प्याज का थोक रेट 4711 रुपये प्रति क्विंटल है, जो कि कल 5300 रुपये पर था, जबकि सर्वसाधारण प्याज का भाव 3400 रुपये प्रति क्विंटल पर है, जो कि कल 4100 रुपये था. इसी तरह निम्न स्तर के प्याज का भाव 1500 रुपये क्विंटल था, जो आज 1000 रुपये प्रति क्विंटल है.
नासिक मंडी में कम हुए प्याज के थोक भाव
(रेट: Rs/Quintal)
वेरायटी कल का भाव आज का भाव
कमाल 5300 4711
सर्वसाधारण 4100 3600
निम्न स्तर 1500 1000
प्याज की रीटेल कीमतें जल्द कम होंगी
प्याज के रीटेल भाव देश के कई हिस्सों में 80-90 रुपये के बीच चल रहे हैं. आशंका ये जताई जा रही थी कि अगर अभी प्याज की कीमतों पर लगाम नहीं लगाई गई तो दिवाली तक भाव 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएंगे. लेकिन अब थोक भाव में तेज गिरावट के बाद रीटेल भाव भी कम होंगे. सरकार भी दावा कर चुकी है कि प्याज की कीमतें दिवाली से पहले पहले काबू में आ जाएंगी. इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं.
हम आपको बताते हैं कि प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए सरकार ने अबतक कौन-कौन से कदम उठाए हैं, जिसका असर दिखना शुरू हो चुका है.
प्याज की कीमतें घटीं क्योंकि
1. प्याज की कीमत को कंट्रोल में रखने के लिए सरकार ने बीते 23 अक्टूबर को प्याज पर स्टॉक लिमिट 25 टन कर दी थी.
2. बफर स्टॉक से भी राज्यों को प्याज़ दी गई है. नैफेड ने 1 लाख टन प्याज बाजार में भेजा
3. सरकार ने प्याज की कीमत को थामने के लिए सितंबर में ही इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी.
4. सरकार ने शुक्रवार को भूटान से आलू के आयात में छूट दी, इसके लिए लाइसेंस की जरूरत खत्म कर दी गई है और टैरिफ रेट कोटा योजना के तहत अतिरिक्त 10 लाख टन आलू के आयात की अनुमति दी गई है.
5. अभी तक देश में 7000 टन प्याज आ चुका है. इसके अलावा दिवाली तक करीब 25000 टन प्याज और आने की उम्मीद है.
इन सबसे अलावा एक और बड़ी वजह ये भी है कि प्याज की कीमत प्याज की नई फसल आने पर भी कम हो जाएगी. बाजार में नई फसल भी अब जल्दी ही आ जाएगी. आपको ये समझना चाहिए कि प्याज की कीमतें आखिर अचानक से क्यों बढ़ गईं.
दरअसल भारी बारिश ने खेतों में प्याज की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. जो भी प्याज बाजार में आ रहा है वह मार्च और अप्रैल की उपज का है. सबसे बड़ी बात यह है कि थोक मंडियों में प्याज की आमद भी घटी है. पुणे के थोक बाजार में प्याज की आमद 500 ट्रक से घटकर 150 ट्रक प्रति दिन हो गई थी
आखिर क्यों अचानक से बढ़े प्याज के दाम
1. प्याज एक मौसमी फसल है जो भारत में एक वर्ष में दो से तीन बार उपजाई जाती है.
2. मार्च के अंत तक उपजाया जाने वाला प्याज अक्टूबर के अंत और नवंबर की शुरुआत तक मांग को पूरा करता है.
3. इसके बीच में अगस्त के महीने में प्याज की ताजा फसल दक्षिणी राज्यों से आती है.
4. मध्य अक्टूबर तक, खरीफ प्याज की शुरुआती फसल भी बाजारों में पहुंचने लगती है
5. नवंबर के मध्य तक, खरीफ की फसल की उपज देर से खरीफ के मौसम में आती है.
6. इस साल, अनियमित मानसून ने इस चक्र को तोड़ दिया.
7. भारी बारिश के कारण आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक सहित दक्षिणी राज्यों में खरीफ की लगभग 50 फीसदी फसल चौपट हो गई.
8. इससे न केवल पुणे का थोक बाजार, बल्कि नासिक के लासलगांव में भी असर पड़ा
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