Google Play Store से हटाए गए Kuku FM और 99acers समेत 10 इंडियन ऐप्स, जानें कारण
Google Play Store से हटाए गए Kuku FM और 99acers समेत 10 इंडियन ऐप्स, जानें कारण
Google Play Store: गूगल ने भारत के 10 बड़े ऐप्स के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है, और उन्हें गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया है. इनमें कुकु एफएम और 99 एकेर्स जैसे कई ऐप्स का नाम शामिल हैं.
Indian Apps: गूगल ने भारत के दस बड़े ऐप्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. दरअसल, गूगल ने इन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया है, क्योंकि ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर की बिलिंग पॉलिसी का पालन नहीं कर रहे थे. गूगल ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा था कि गूगल प्ले स्टोर पर 2 लाख से ज्यादा भारतीय ऐप डेवलपर्स हैं, जो उनकी बिलिंग पॉलिसी का पालन करते हैं, लेकिन सिर्फ ये दस ऐप्स ऐसे हैं, जिन्होंने गूगल प्ले स्टोर को उसकी सर्विस के लिए पेमेंट नहीं किया है.
10 ऐप्स को प्ले स्टोर से किया रिमूव
गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में साफतौर पर लिखा है कि इन ऐप्स को तैयारी के लिए तीन साल से भी ज्यादा का समय दिया गया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तीन हफ्ते बीत चुके हैं. गूगल ने इन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटाने से ठीक पहले यह ब्लॉग पोस्ट जारी किइया था. गूगल ने उसमें लिखा था कि, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठा रहे हैं कि हमारी पॉलिसीज़ पूरी तरह से पूरे सिस्टम पर निरंतर लागू रहे, जैसा कि हम ग्लोबली किसी भी तरह के नीति उल्लंघन के लिए करते हैं.”
अब गूगल ने इसी फैसले के एंड्रॉयड प्ले स्टोर से 10 इंडियन ऐप्स को हटा दिया है, जिनमें Kuku FM, Bharat Matrimony, Shaadi.com, Naukri.com, 99 acres, Truly Madly, Quack Quack, Stage, ALTT (Alt Balaji) का नाम शामिल है.
ऐप्स के मालिकों ने क्या कहा?
गूगल के इस एक्शन के बाद कुकु एफएम के सीईओ लाल चंद बिसु ने गूगल की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, “गूगल बिजनेस करने के लिए सबसे बुरी कंपनी है. हमारे इंडियन स्टार्टअप सिस्टम को वो पूरी तरह से कंट्रोल करते हैं. 2019 में गूगल ने हमें बिना कोई नोटिस दिए 25 दिनों के लिए प्ले स्टोर से हटा दिया था. जरा उस माहौल की कल्पना करें जहां टीम रोजाना ऑफिस में काम कर रही हो और प्ले स्टोर पर कोई ऐप न हो.”
Google is the most evil company for businesses. Our Indian startup system is completely controlled by them.
Google delisted us in 2019 for 25 days without pre-notifying us. Worst days ever. Just imagine the atmosphere where the team is working daily in the office and there is no…
— Lal Chand Bisu (@lcbisu) March 1, 2024
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि, “अब उन्होंने हमें फिर से डिलिस्ट कर दिया है. अब हमारे सामने उनकी शर्तें मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. यह हमारे व्यवसाय को पूरी तरह से नष्ट कर देगा और कुकु एफएम को देश के ज्यादातर लोगों के लिए महंगा बना देगा.” नौकरी डॉट कॉम और 99एकड़ के फाउंडर ने भी गूगल के खिलाफ कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी है.
कुकु एफएम के सीईओ ने सरकार से गुहार लगाते हुए लिखा कि, “ऐसा महसूस होता है कि यदि हमारा इकोसिस्टम उनके द्वारा नियंत्रित किया जाता है तो हम कभी भी सुरक्षित रूप से काम नहीं कर पाएंगे. हम चाहते हैं कि भारतीय सरकार आगे आए और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बचाए.
भारत के एक अन्य बड़े ऐप शादी डॉट कॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल ने भी एक्स पर एक पोस्ट लिखा और कहा कि, “आज इंडियन इंटरनेट का काला दिन है. गूगल ने प्ले स्टोर से कई बड़े ऐप्स को डिलिस्ट कर दिया है, जबकि अभी भी कानूनी सुनवाई चल रही है.”
Today is a dark day for India Internet. Google has delisted major apps from its app store even though legal hearings are underway @CCI_India & @indSupremeCourt Their false narratives & audacity show they have little regard for 🇮🇳 Make no mistake – this is the new Digital East…
— Anupam Mittal (@AnupamMittal) March 1, 2024
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि, “उनके झूठे आख्यान और दुस्साहस से पता चलता है कि उन्हें भारत के प्रति बहुत कम सम्मान है, कोई गलती न करें – यह नई डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी है और इस #लगान को रोका जाना चाहिए!”
कोर्ट ने भी दिया गूगल का साथ
आपको बता दें कि इन ऐप्स ने गूगल के खिलाफ अवाज उठाते हुए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था, ताकि उन्हें गूगल द्वारा प्ले स्टोर से ना हटाया जाए. इन इंडियन ऐप डेवलपर्स ने पहले मद्रास हाई कोर्ट में गूगल प्ले स्टोर की बिलिंग पॉलिसी को चुनौती देने की याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद इन ऐप्स ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी 9 फरवरी 2024 को हुई सुनवाई में इन ऐप्स को प्ले स्टोर पर बचाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से मना कर दिया और अगली सुनवाई 19 मार्च के लिए घोषित कर दी.